tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post1660810883112956990..comments2023-09-26T14:31:38.797+05:30Comments on बाल-उद्यान: चालाक लोमड़ और भोली बकरीगिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-56347717794958682812007-09-18T20:08:00.000+05:302007-09-18T20:08:00.000+05:30शानू जी,बच्चों के लिए...एक अच्छी रचना ..."बिना सोच...शानू जी,<BR/><BR/>बच्चों के लिए...<BR/>एक अच्छी रचना ...<BR/><BR/>"बिना सोचे समझे कोई काम मत करना... "<BR/><BR/>बधाई।गीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-66351246722809175602007-09-12T23:38:00.000+05:302007-09-12T23:38:00.000+05:30अक्षय तुम्हारे इस प्रश्न का उत्तर तो भगवान के पास ...अक्षय तुम्हारे इस प्रश्न का उत्तर तो भगवान के पास भी नही है...इस धरती पर सभी जीव जन्तु एक जैसे नही होते...भगवान सब को एक जैसा नही बनाता एक जैसा बनाने से किसी में फ़र्क नही कर पाते...हमेशा एक प्राणी दूसरे प्राणी को खाकर अपनी भूख मिटाता आया है यही भगवान ने बनाया है सबसे छोटे कमजोर जन्तुओं को उनसे बड़े ताकतवर खाकर अपना पेट भरते है...जैसे किड़े और धान खाता है चूहा चूहे को बिल्ली और बिल्ली को कुता, कुते को शेर ...और सबसे बलवान है इन्सान वो सभी कुछ मार और खा सकता है...इसीलिये भगवान ने सभी को अलग-अलग बनाया है ताकि सभी अपने-अपने तरीके से अपना भरण-पोषण(पेट भर,जीवन निर्वाह) कर सकें<BR/><BR/>अभी भी समझ नही आये तो और उदाहरण दे दूँगी ...<BR/><BR/>सुनीता(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-91381377327485973762007-09-12T18:10:00.000+05:302007-09-12T18:10:00.000+05:30सुनीता जी,बहुत सुन्दर कहानी और उतने ही सुन्दर चित्...सुनीता जी,<BR/><BR/>बहुत सुन्दर कहानी और उतने ही सुन्दर चित्र... काफ़ी मेहनत का काम किया है आपने... बधायी.Mohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-77055631699599843872007-09-11T17:06:00.000+05:302007-09-11T17:06:00.000+05:30बहुत सुन्दर!! कथा भी! चित्र भी!धन्यवाद और शुभकामना...बहुत सुन्दर!! कथा भी! चित्र भी!<BR/><BR/><BR/>धन्यवाद और शुभकामनाएँ!Avanish Gautamhttps://www.blogger.com/profile/03737794502488533991noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-78428534669123898682007-09-11T13:56:00.000+05:302007-09-11T13:56:00.000+05:30सुनीता जी,विलंब से प्रतिक्रिया देने के लिये क्षमाप...सुनीता जी,<BR/>विलंब से प्रतिक्रिया देने के लिये क्षमाप्राथी हुँ। आप का यह प्रयास सराहनीय है। स्थापित कहानियों के कविताकरण के साथ साथ अच्छी चित्र संयोजन से उनमें रोचकता बढती है तथा बच्चों के लिये इसमें नयापन भी होता हैअभिषेक सागरhttps://www.blogger.com/profile/02262214864547622776noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-27975415712998913202007-09-10T13:29:00.000+05:302007-09-10T13:29:00.000+05:30कविता, चित्र, कहानी का यह सुंदर सामंजस्य है। बहुत ...कविता, चित्र, कहानी का यह सुंदर सामंजस्य है। बहुत बहुत बधाई।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-29218221066325181482007-09-10T09:49:00.000+05:302007-09-10T09:49:00.000+05:30सुनीता जी,क्षमा जीजियेगा इतने विलंब से प्रतिक्रिया...सुनीता जी,<BR/>क्षमा जीजियेगा इतने विलंब से प्रतिक्रिया के लिये। आप का यह प्रयास स्तुत्य है। स्थापित कहानियों के कविताकरण से उनमें रोचकता बढती है। बच्चों के लिये इसमें नयापन भी होता है...अक्षय के सावल के जवाब भी दें, देश के कई बच्चों को इस जवाब की प्रतीक्षा होगी।<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-66595733087176318932007-09-09T06:23:00.000+05:302007-09-09T06:23:00.000+05:30क्या बात है सुनीता जी आपकी पहली काव्य कहानी मेरे ब...क्या बात है सुनीता जी आपकी पहली काव्य कहानी मेरे बचों को बहुत पसंद आई, और ये दूसरी उससे भी अच्छी बन पड़ी है, मज़ा आ गया, आप ये तस्वीरें कहाँ से ले आती हैं, सचमुच आपकी मेहनत काबिले तारीफ है, मगर अक्षय के सवाल का क्या जवाब है, भाई मेरे बेटा भी तो यही पूछेगा न .Sajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-84289938133025507802007-09-08T22:33:00.000+05:302007-09-08T22:33:00.000+05:30बहुत सुंदर सुनीता जी। बच्चों के लिए बड़ी हीं ज्ञानव...बहुत सुंदर सुनीता जी। बच्चों के लिए बड़ी हीं ज्ञानवर्धक रचना लेकर आई हैं आप। इसके लिए बधाई स्वीकारें।विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-54806815356043103752007-09-08T19:41:00.000+05:302007-09-08T19:41:00.000+05:30सुनीता जी,आप इसी प्रकार इन प्रसिद्ध बाल-कथाओं का क...सुनीता जी,<BR/><BR/>आप इसी प्रकार इन प्रसिद्ध बाल-कथाओं का काव्य-अनुवाद करती रहिएँ, आपको इस प्रयास के लिए लोग हमेशा आपको याद रखेंगे। साधुवाद।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-69818991357012520782007-09-08T14:39:00.000+05:302007-09-08T14:39:00.000+05:30बहुत बढिया काव्य रूपांतरण सरस और सरल, बाल मन में ...बहुत बढिया काव्य रूपांतरण सरस और सरल, बाल मन में उतरने को आतुर कविता ।<BR/><BR/>अरे आप तो हमें भी बच्चा बना देंगी, चलिये अपने पुत्र को पढवाते हैं ।<BR/><BR/>धन्यवाद36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-82365114188493069882007-09-08T13:34:00.000+05:302007-09-08T13:34:00.000+05:30बच्चों को ही नहीं हमें भी मज़ा आया पढ़कर ।बच्चों को ही नहीं हमें भी मज़ा आया पढ़कर ।Dr. Seema Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16605133497857832550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-74291702987063214252007-09-08T11:37:00.000+05:302007-09-08T11:37:00.000+05:30बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय,काम बिगारे आपनो ज...बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय,<BR/>काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय.<BR/><BR/>सचमुच एक बहुत ही बढिया सन्देश लय-बद्ध तरीके से प्रस्तुत करने के लिये बाधाई..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-2204597528633990262007-09-08T10:38:00.000+05:302007-09-08T10:38:00.000+05:30सुनीता बहुत ही प्यारे ढंग से आपने यह कहानी सुनायी!...सुनीता बहुत ही प्यारे ढंग से आपने यह कहानी सुनायी! कुछ कहानियां बचपन से हमारे साथ है ,<BR/>उन्हें यूं सुनना बहुत अच्छा लगता है! चित्र भी बहुत सुंदर है ,कहानी इस में निखर के और भी सुंदर लग रही है ,बधाई!!!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-1665698453315999322007-09-08T09:53:00.000+05:302007-09-08T09:53:00.000+05:30kavita chhoti hai par bahut hi sikshaprad hai, kaf...kavita chhoti hai par bahut hi sikshaprad hai, kafi saral shabdo mai apni abhivyakti di hai, haa sach hai bina soche vichare koi kam nahi karna chahiye,Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07045516004269009062noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-56598035905861452252007-09-08T09:26:00.000+05:302007-09-08T09:26:00.000+05:30शानू जी!बहुत ही प्यारी और शिक्षाप्रद कहानी सुनायी ...शानू जी!<BR/>बहुत ही प्यारी और शिक्षाप्रद कहानी सुनायी है आपने. वैसे इसे कहानी कहूँ या कविता!! खैर कुछ भी हो, पर है बहुत सुंदर! बधाई!<BR/>और हाँ, अक्षय के प्रश्न का उत्तर हमें भी बता देना!SahityaShilpihttps://www.blogger.com/profile/12784365227441414723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-39432978435728864142007-09-08T06:08:00.000+05:302007-09-08T06:08:00.000+05:30शानू जी की बात ही कुछ और है,वो चन्द शब्दों में ही ...शानू जी की बात ही कुछ और है,वो चन्द शब्दों में ही कमाल कर जाती हैँ और यहाँ पन्नों के अंबार लग जाते हैँ छोटी से छोटी बात को समझाने में.वाह!...मज़ा आ गयाराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-87799778767706575362007-09-08T01:06:00.000+05:302007-09-08T01:06:00.000+05:30HiSunita JiNamsteAap Ki Kahani Ho Ya Kavita Sab Ro...Hi<BR/>Sunita Ji<BR/>Namste<BR/>Aap Ki Kahani Ho Ya Kavita Sab Romanchak Ke Alave Shiksha Prad Hoti Hai Mai Aap Ki Or Bharat Ki Samst Bandu Bhandhav Aapki Tariph Karne Me Hamre Khyal Se Asamrth Rahenge Aage Aap Se Yahi Anurodh Hai Ki Aap Aane Wale Samay Me Bhi Isi Tarah Se Samast Bhart Ke Logo Ka Manoranjan Karte Rahe Aur Saath Mai Mera Bhi Aap Ki Kahani Chalak Lomar Aur Bholi Bakri Bahut Hi bade ke liye Manorajandayak Aur chote ke liye Sikshaprad<BR/><BR/>Aap Ka Sahpathi<BR/>Priyatam Kumar MishraSSMPRIYATAMhttps://www.blogger.com/profile/13500764455715599404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-25364120111055941162007-09-07T23:28:00.000+05:302007-09-07T23:28:00.000+05:30बढ़िया काव्य रुपांतरण किया है. अब अक्षय को जबाब दो?...बढ़िया काव्य रुपांतरण किया है. अब अक्षय को जबाब दो?Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-12839887572163185062007-09-07T22:14:00.000+05:302007-09-07T22:14:00.000+05:30बच्चों के लिए एक अच्छी काव्य-रचना रची है। बधाई।बच्चों के लिए एक अच्छी काव्य-रचना रची है। बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-21744124629676734892007-09-07T21:50:00.000+05:302007-09-07T21:50:00.000+05:30मम्मी लोमड इतना चालू क्यों था।सबको भगवान एक सा क्य...मम्मी लोमड इतना चालू क्यों था।<BR/>सबको भगवान एक सा क्यों नहीं बनाता?ग्यारह साल का कविhttps://www.blogger.com/profile/01016471278259100558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-67960688329388352492007-09-07T20:50:00.000+05:302007-09-07T20:50:00.000+05:30प्रिय सानू,अति उत्तम, बहुत बढ़िया, कमाल का काव्य र...प्रिय सानू,<BR/>अति उत्तम, बहुत बढ़िया, कमाल का काव्य रूपान्तर...अरसे पहले की पढ़ी इस कहानी का काव्य में रूपांतर......अति उत्तम।<BR/>मैं और मेरा पूरा आँफिस इस काव्य रचना से बहुत प्रभावित हुए।<BR/><BR/>---- विनीत कुमार गुप्ताUnknownhttps://www.blogger.com/profile/03603969411520572250noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-33094154744897009052007-09-07T20:23:00.000+05:302007-09-07T20:23:00.000+05:30वाह!मज़ा आ गया सच में... कहानियों का काव्य रूपांतरण...वाह!<BR/><BR/>मज़ा आ गया सच में... कहानियों का काव्य रूपांतरण करने का आपका यह दूसरा प्रयास पहले से भी कईं गुना बहतर है, गुनगुनाने में भी बहुत मजा आ रहा है... बच्चे निश्चय ही इससे आनंदित होगें।<BR/><BR/>मुझे एक बात समझ में नहीं आई कि फिर भी अक्षय की कविताओं में आपके लिये शिकायत क्यों रहती है। बाल-अदालत अपने फरमान में सुधार करते हुए आपको निर्देशित करती है कि ऐसी रचनाएँ लगातार लिखने के साथ-साथ अक्षय को सुनाया भी करें ;)<BR/><BR/>वाकई में लयबद्ध है, आपका भी यह एक प्रकार का स्तम्भ बनता जा रहा है, बधाई!!!गिरिराज जोशीhttps://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.com