tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post2194580748041431960..comments2023-09-26T14:31:38.797+05:30Comments on बाल-उद्यान: 27 अक्टूबर 2009- क्या आप जानते हैं?गिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-65874575946258942352009-11-12T20:04:46.274+05:302009-11-12T20:04:46.274+05:30while reading we concentrate our eyes on the book ...while reading we concentrate our eyes on the book but on the other hand while writing we just concentrate within our mind.<br /><br />SOPHIE KAKKER<br />656, SECTOR 15-A HISAR<br />E-MAIL- monica.dhanda@gmail.commamatahttps://www.blogger.com/profile/06719138723379511723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-46516279852780448652009-10-28T10:54:39.918+05:302009-10-28T10:54:39.918+05:30रश्मि जी को बधाई।
लिखने से आंखों को थकावट उतनी अध...रश्मि जी को बधाई।<br /><br />लिखने से आंखों को थकावट उतनी अधिक नही होती ,जितनी कि लगातार पढने से .इसका कारण यह है कि जो अक्षर या शब्द कागज़ पर लिखे जाते हैं ,उनकी कल्पना हमारे दिमाग में पहले से होती .उनका चित्र हमारे दिमाग में बन जाता है इसलिए नहे लिखने से हमारी आंखों पर अधिक जोर नही पड़ता .लिखते समय पंक्तियों के बिना लिखी होने के कारण अक्षरों को देखने में आसानी होती है और आंखों के कोमल स्नायुयों पर तनाव नही पड़ता :जबकि पढ़ते समय पुस्तक के छपे होने के कारण एक-एक शब्द को पढने में आंखों पर जोर देने की जरूरत पड़ती है .इसीलिए पढने से आँखें जल्दी थक जाती हैं|neelam mishrahttp://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-4046759433152574232009-10-27T18:16:58.822+05:302009-10-27T18:16:58.822+05:30रश्मि-प्रभा जी ने बिलकुल सही कहा जो मैं भी सोच रही...रश्मि-प्रभा जी ने बिलकुल सही कहा जो मैं भी सोच रही थी किन्तु उन्होंने सभी बातों को गागर में सागर की तरह कर/कह दिया यह तारीफे - काबिल है. वाकई में लिखते समय इतना अधिक नहीं सोचना पड़ता. बस जो मन में आया वह पन्नों पर उतार दिया उँगलियों ने और दिमाग से बोझा उतर गया. लेकिन पढ़कर दिमाग में रखना पड़ता है पढ़ने के साथ-साथ. <br />लेकिन कुछ अन्य बातें भी कारण बन सकती हैं पढ़ते समय दिमागी थकान होने की. और उन कारणों से छुटकारा पाने के उपाय / समाधान भी बताती हूँ. जैसे की:<br />१. ढंग से पढ़ना ना आता हो किसी को तो सीखें या सिखायें. <br />२. किताब में लिखा दिलचस्प ना लग रहा हो तो फिर और कुछ पढें. <br />3. चिंता हो दिमाग में किसी तरह की तो अपना चेहरा ठंडे पानी से धोयें. <br />४. दृष्टी कमजोर हो तो आँखों के डाक्टर को दिखाएं और चश्मा लगायें. <br />५.अगर pollution की वजह से आँखों में खुजली हो रही हो तो डाक्टर से पूछ कर कोई आई ड्राप्स आँखों में डालें.<br />६. सरदर्द हो रहा हो तो दवा खायें, अदरक वाली चाय पियें और अपने सर को खुद मालिश करें या किसी और की सेवा लें. <br />७. पढ़ते समय यदि उजाला कम हो तो अधिक उजाले में पढ़ें. <br />८. पढ़ते समय बच्चा यदि शैतानी कर रहा हो और बार-बार एक ही बात को पढ़ते हुए थक रहा हो तो उसे समझायें या डांट लगायें. <br />९. इम्तहान के समय पढ़-पढ़के यदि दिमाग बहुत थक जाये तो कुछ आराम करना चाहिये और बीच-बीच में घूम-टहल लें. <br />उपर्युक्त उपायों से यदि किसी का भला होता है तो अपने को धन्य समझूंगी. <br />अंत में नीलम जी से भी कुछ जानना चाहूँगी की यह समय और सीमा नाम के दोनों बच्चे कहाँ हैं?Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-7244583825896283852009-10-27T14:09:19.753+05:302009-10-27T14:09:19.753+05:30लिखने के क्रम में शब्द अपने होते हैं जिसके लिए आँख...लिखने के क्रम में शब्द अपने होते हैं जिसके लिए आँखों को केन्द्रित नहीं करना पड़ता और पढ़ते समय सबको मस्तिष्क में ले जाना होता है, दोहरा कार्य .......तो आँखें थक जाती हैंरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com