tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post2247896904761430752..comments2023-09-26T14:31:38.797+05:30Comments on बाल-उद्यान: पहेलियों के उत्तर- इस दिमागी कुश्ती का man of the matchगिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-49495889493008525232009-05-20T22:52:00.901+05:302009-05-20T22:52:00.901+05:30Excuse me!! My dear Neelam madam ji,
एक बात बताय...Excuse me!! My dear Neelam madam ji, <br /><br />एक बात बतायें ji क्या सचमुच में मेरे जाने के बारे में टेंशन है या मेरा नाम घसीट कर अपने को बचा रही हैं. मैनू तो अब इतना कहना है: 'रचना ji, जरा neelam ji से बचना ji'. (ही, ही) और मुझको बदनामी से बचाना भी ji. और मनु ji का क्या हुआ? क्या अपना कोई और कार्टून बना रहे है अब? वापस आकर सबको फेर से देखना होगा. कक्षा की दुर्गति होती है या उन्नति और कक्षा की कैसी रहती है नीति.......नीति ji आप personally मत ले जाइये इसे क्योंकि नीति से मेरा मतलब है कि आप लोग मिलजुल कर रहे या झगड़ कर. स्वप्नदर्शी ji को झपकी लेने दीजिये लेकिन पहेलियाँ आने के पहले मनु ji थोडा सा कष्ट करके उन्हें गुदगुदा के उठा दें तो अच्छा होगा ताकि वह पहेलिओं का इम्तहान मिस ना कर दें. सबको गुड लक!! <br />अच्छा हुआ मैंने सोचा कि लाओ समय निकाल कर कक्षा में सबके हाल चाल देख लूं. वर्ना नीलम ji की टेंशन के बारे में तो पता ही नहीं चलता. अब आप लोग मिलजुल कर इनकी टेंशन को गायब करने का नुस्खा ढूँढें मेहरबानी करके. वर्ना इनकी टेंशन देखकर मुझे भी टेंशन हो जायेगी. दो दिन में ही अब जाना है. फिर भी हाल-चाल देखने से मन नहीं माना. हाय, मेरे जाने की टेंशन का कैसा बहाना? अपुन को गिल्ट महसूस हो रहा है अब. bye-bye.Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-59492922699231218232009-05-20T21:57:54.252+05:302009-05-20T21:57:54.252+05:30कोई बात नहीं बड़े बड़े मंच पर ये छोटी छोटी बातें ह...कोई बात नहीं बड़े बड़े मंच पर ये छोटी छोटी बातें होती रहती हैं <br />तालिओं का धन्यवाद <br />रचनाrachananoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-41661750610624644622009-05-20T19:58:34.530+05:302009-05-20T19:58:34.530+05:30rachna ,
hum tumhaari copy phir se check ka...rachna ,<br /> hum tumhaari copy phir se check karke praaptaank agli baar jod denge isme ,ok i mean galti ho gayi hai humse .aage se nahi hogi ,asal me shanno ji ke jaane ka<br />tension bhi tha shaayad isliye tumhaara naam bulana rah gaya ,to ho jaay rachna ji ke liye ek baar phir se jordaar taaliyanneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-69362325061059812812009-05-19T20:34:00.000+05:302009-05-19T20:34:00.000+05:30अरे नीलम जी आप हमको तो भूल ही गईं
रचनाअरे नीलम जी आप हमको तो भूल ही गईं <br /><br />रचनाrachananoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-8171734042881272372009-05-19T13:58:00.000+05:302009-05-19T13:58:00.000+05:30मार्मिकता बढ़ गई है! शन्नो जी और नीलम जी के पडोसी ह...मार्मिकता बढ़ गई है! शन्नो जी और नीलम जी के पडोसी होने पर प्रसन्नता तो हमें भी है! देरी से आने के लिए नीलम जी क्षमा चाहता हूँ! अब समय से आने का प्रयास करूंगा!dschauhanhttps://www.blogger.com/profile/08320850011874619302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-76535691835918562002009-05-19T11:45:00.000+05:302009-05-19T11:45:00.000+05:30नीलम जी,
हाँ, जैसे ही आप बनी पडोसन आँखें मेरी हो...नीलम जी, <br /><br />हाँ, जैसे ही आप बनी पडोसन आँखें मेरी हो गयीं नम <br />वैसे भी आदत है अपनी भावुक होकर रोने लगते हैं हम <br />मेरे बारे में जानके इतना अब अपने बारे में तो बताइये <br />कैसे हम बन गये पडोसी इस पहेली को तो समझाइये. <br /><br />जरा....रुमाल लेने जाती हूँ....keyboard भीग रहा है...टेक्नीकल प्रॉब्लम हो जायेगी.Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-59573684193162226252009-05-19T11:02:00.000+05:302009-05-19T11:02:00.000+05:30ho gayi n aankhen nam ,ye hindustaan hai ,aapka bh...ho gayi n aankhen nam ,ye hindustaan hai ,aapka bhaarat aane par swaagat hai .neelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-118200909174364602009-05-19T11:00:00.000+05:302009-05-19T11:00:00.000+05:30शन्नो बेटा ,
तुम तो हमारी पडोसन ...शन्नो बेटा ,<br /> तुम तो हमारी पडोसन निकली ,वो कैसे वो तो हम आपको चिट्ठी में बताएँगे ,पर हम खुश हैं की अपनी इस मॉनिटर को हम खुद मिलकर शाबाशी दे सकते हैं ,तो तैयार हो जाईये हिन्दयुग्म को धन्यवाद करने के लिए और हमसे मिलने के लिए ,और भी जो लोग अपने इस मॉनिटर से मिलना चाहते हैं ,अपनी -अपनी अर्जी हमारे पास भिजवा दे ,शैलेश आप लोगों की पूरी मदद करेंगे ,शन्नो बेटा कहो तो पहेली <br />कक्षा प्रतिभागियों के लिए पार्टी शार्टी हो जाय ,शन्नो जी आपके लिए <br /><br /> बड़े दिनों के बाद हम बेवतनों को याद वतन की मिटटी आई है ,<br /> बड़े दिनों के बाद हम बेवतनों को याद वतन की मिटटी आई है ,<br /> बड़े दिनों के बाद हम बेवतनों को याद वतन की मिटटी आई है ,<br /> बड़े दिनों के बाद हम बेवतनों को याद वतन की मिटटी आई है ,<br /> बड़े दिनों के बाद हम बेवतनों को याद वतन की मिटटी आई है ,<br /> बड़े दिनों के बाद हम बेवतनों को याद वतन की मिटटी आई है ,neelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-78296653263172421492009-05-18T21:37:00.000+05:302009-05-18T21:37:00.000+05:30नीलम जी, मनु जी, नीति जी व कक्षा के सभी प्यारे साथ...नीलम जी, मनु जी, नीति जी व कक्षा के सभी प्यारे साथिओं,<br />सही सोचा आपने .....मैं अभी यहीं हूँ, पर शुक्रवार से पहले जब भी मौका मिलेगा मैं आप सब से कुछ न कुछ बात कर लिया करूंगी फिर उसके बाद.....फुर्र, कुछ हफ्तों के लिये.<br />तो आखिरकार नीलम जी ने महामुश्किल से उत्तर आखिरी दिन बता ही दिये. और मनु जी, नीति जी स्वप्नदर्शी जी आप सभी को खूब बधाई. मनु जी, और स्वप्नदर्शी जी के नक्षत्र अच्छे हैं, और आपस में टक्कर भी खाते ही रहते हैं. नीति जी को प्रसन्न देखकर बड़ा आनंद आ रहा है मुझे. और हमारी कक्षा के एक नये साथी बंदना जी, आप का भी बहुत स्वागत है. <br /><br />अगले शनिवार को नीलम जी <br />जब लायेंगी कुछ नयी पहेली <br />काम-धाम तो कम ही करोगे <br />कक्षा में बस होगी हंसी-ठिठोली. <br /><br />दूर बहुत रहूंगी मैं इस कक्षा से <br />लेकिन शायद इतना भी ना दूर <br />अंतरजाल और समय मिला कभी <br />तो यह दूरियां भी हो जायेंगी दूर.<br /><br />अच्छा तो आओ सबको बता ही दूं क्योंकि दिख रहा है कि सभी जानने को उत्सुक हैं कि मैं कहाँ जा रही हूँ. <br />तो सुनो, काफी सालों बाद मैं अपनी जन्म-भूमि पूरनपुर नाम की जगह जा रही हूँ, जो लखनऊ और बरेली की दिशा में है और पीलीभीत के पास है. यह जगह अब काफी develop हो गयी है, बहुत कुछ बदल गया है वहां. मन भी बहुत आतुर है वहां जाकर कुछ समय बिताने के लिये. और यहाँ आप लोगों की आतुरता देख कर मैं रह न सकी बिना बताये. वहां पर शायद घर में किसी के पास कंप्यूटर होगा और कुछ इन्टरनेट कैफे भी होंगे शायद पर नेट की प्रॉब्लम बहुत है और बिजली के बारे में तो आप पूछिये ही मत. मच्छरों से भी दोस्ती करनी होगी और फिर गर्मी में जो ठंडा-ठंडा शरबत, लस्सी, फल आदि खाकर किसी के यहाँ दुपहरी में पसर कर सो गयी तो फिर स्वप्नदर्शी जी की तरह मैं भी कई घंटों के लिये टुन्न! आँगन में सुबह शाम ठंडी हवा खाते हुये उठना-बैठना, रात में सोते हुये मच्छरों का अपने हाथों धोखे से खून हो जाना आदि तमाम बातों का बहुत बेसब्री से इंतज़ार है. इन सब बातों से फुर्सत मिली तो यदि कहीं मौका लगा तो चूकूंगी नहीं आप सबके हाल-चाल लेने के बारे में.Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-10429031774744533502009-05-18T17:53:00.000+05:302009-05-18T17:53:00.000+05:30वाह!आपने मुझे ईमानदार तो माना फिर तो मेरी एक चोकले...वाह!आपने मुझे ईमानदार तो माना फिर तो मेरी एक चोकलेट बनती है...पर मैं तो न बुद्धिमान बनना चाहती हूँ..हर बार बहुत पढाई करती हूँ फिर भी कमी रह ही जाती है....अब लगता है दिन-रात पढना पड़ेगा. कबीर जी ने कहा है न की- काल करे सो आज कर,आज करे सो अब...पल में परिलय होएगी,बहुरि करेगो कब....तो फिर मैं तो अभी से लग जाती हूँ पढाई में....और शन्नो जी आप ऐसी कौन सी जगह जा रही है जहा तीन महीनो तक आपको कम्प्यूटर नहीं मिलेगा.?..आपके जाने से क्लास खाली-२ लगेगी.पर जहाँ भी जा रही है मेरी शुभकामनाये ....neeti sagarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-27473256297685793412009-05-18T14:23:00.000+05:302009-05-18T14:23:00.000+05:30:(
हे राम,
सबसे आसान तो ये नम्बर दो पहेली ही निकली...:(<br />हे राम,<br />सबसे आसान तो ये नम्बर दो पहेली ही निकली ... ...<br />सच में इस पहेलियों के वक़्त तो अपना दिमाग ना ....सचमुच ही कही ...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.com