tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post2454707716784048867..comments2023-09-26T14:31:38.797+05:30Comments on बाल-उद्यान: श्री रामायण सार - भाग -1गिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-81909304234250831492008-02-19T19:20:00.000+05:302008-02-19T19:20:00.000+05:30रामायण अनुकरणीय है । पिता-पुत्र, भाइ-भाइ, पति-पत्न...रामायण अनुकरणीय है । पिता-पुत्र, भाइ-भाइ, पति-पत्नी, ससुर-दामाद, आदि रिश्तो मे सामान्य जन कैसा व्यवहार करे, इसका मार्गदर्शन देता है रामचरित मानस । कथा और शिक्षा गुँथी हुइ है, रामायण मे । इसलिए कहानी के साथ जो गुढ तत्व है उनको भी आप अपनी सरस कविता मे यथास्थान सम्प्रेसित करे तो बहुत अच्छा होगा । आपके प्रयास की जितनी प्रसँशा कि जाए वह कम है । भगवान श्री राम कि कृपा आप पर बनी रहे ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-26821598589243281022007-11-07T15:22:00.000+05:302007-11-07T15:22:00.000+05:30Bachhon ke Priy kavi BhupendraG,Pranam,Hamesha ki ...Bachhon ke Priy kavi BhupendraG,<BR/>Pranam,<BR/><BR/>Hamesha ki tarah aapne samay - awsar aur rchi ko dhyan me rakhkar Kavita likhi hai.<BR/>Sadhuvaad,<BR/>Bharti Ojha.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10206084539459814490noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-74122525712072766912007-11-06T10:54:00.000+05:302007-11-06T10:54:00.000+05:30आपने रामायण की प्रेरक कथा को कविता में पिरो कर प्र...आपने रामायण की प्रेरक कथा को कविता में पिरो कर प्रशंसनीय कार्य किया है। यदि इसके साथ चित्रों का भी सजाया गया होता, तो बहुत ही अच्छा होता। इस शुभ कार्य के लिए हार्दिक बधाई।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-11397707884562095112007-11-03T15:19:00.000+05:302007-11-03T15:19:00.000+05:30राघव जी!! साधुवाद..........साधुवाद ।राघव जी!! <BR/><BR/>साधुवाद..........साधुवाद ।गीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-30916472892826534952007-11-02T12:25:00.000+05:302007-11-02T12:25:00.000+05:30इस प्रयास के लिए साधुवाद।कहीं-कहीं आप क्षेत्रीय शब...इस प्रयास के लिए साधुवाद।<BR/><BR/>कहीं-कहीं आप क्षेत्रीय शब्दों का प्रयोग करते हैं तो कहीं-कहीं संस्कृतनिष्ठ शब्दों का। थोड़ा विचार करें।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-40979493724437171672007-11-01T20:07:00.000+05:302007-11-01T20:07:00.000+05:30भूपेन्द्र जी ,आपने बहुत अच्छी तरह से रामायण का सार...भूपेन्द्र जी ,<BR/><BR/>आपने बहुत अच्छी तरह से रामायण का सार बच्चों के सम्मुख प्रस्तुत किया है। हालाकि एक शिकायत भी है कई स्थानों पर शब्द क्लिष्ट हैं जो कि 0-12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को समझने में मुश्किल होंगे। इसकी आगामी कडियों के लिये मेरा आग्रह है कि कुछ चित्र और कार्टून भी साथ ही साथ प्रस्तुत करें जिससे यह प्रस्तुति और भी रोचक हो सके।<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-79049980208491820042007-11-01T18:07:00.000+05:302007-11-01T18:07:00.000+05:30वाह राघव जी!! बहुत ही सुंदर कोशिश और बहुत ही प्यार...वाह राघव जी!! बहुत ही सुंदर कोशिश और बहुत ही प्यारे ढंग से रामायण पेश की है आपने .<BR/>मुझे भी आगे इस को यूं पढने का इंतज़ार रहेगा ...राम कथा यूं बच्चे बहुत अच्छे से समझ पायेंगे .बहुत बहुत बधाई आपकोरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-73679451882905694192007-11-01T17:37:00.000+05:302007-11-01T17:37:00.000+05:30भूपेन्द्र जीबधाई । दीपावली से पहले उसके बारे में इ...भूपेन्द्र जी<BR/>बधाई । दीपावली से पहले उसके बारे में इतनी उपयोगी जानकारी दी है । राम कथा पढ़कर तो आनन्द ही <BR/>आगया । बच्चों के साथ-साथ मैं भी प्रतीक्षा करूँगी आगे की कथा सुनने के लिए । पुनः बधाईशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.com