tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post2933465058659350389..comments2023-09-26T14:31:38.797+05:30Comments on बाल-उद्यान: पंडित नहीं कहतेगिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-67127255311044541572008-10-01T20:52:00.000+05:302008-10-01T20:52:00.000+05:30कहानी अच्छी लगीभूपेन्द्र राघव जी आपकी कविता भी बहु...कहानी अच्छी लगी<BR/><BR/>भूपेन्द्र राघव जी आपकी कविता भी बहुत अच्छी लगी<BR/><BR/>सुमित भारद्वाजUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-40772510964603895862008-10-01T10:01:00.000+05:302008-10-01T10:01:00.000+05:30शुक्रिया राघव जीशुक्रिया राघव जीneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-2671239728094959422008-09-26T13:20:00.000+05:302008-09-26T13:20:00.000+05:30बहुत ही सुन्दर कहानी है.. बाल उद्यान में पुष्प खिल...बहुत ही सुन्दर कहानी है.. <BR/>बाल उद्यान में पुष्प खिलाने के लिये माली को <BR/>बार बार धन्यवाद..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-39721154403108205942008-09-26T13:07:00.000+05:302008-09-26T13:07:00.000+05:30एक बार एक अनपढ़ ठेठ भीख माँगकर भरता पेट माँग रहा था...एक बार एक अनपढ़ ठेठ <BR/>भीख माँगकर भरता पेट <BR/>माँग रहा था भले ही भिक्षा<BR/>लेकिन उसकी थी एक इच्छा<BR/>गाँव में जितने भी नर नारी<BR/>बोलें उसको पंडित पुजारी<BR/>एक दिन बीरबल जब आया<BR/>उसने सब वृतांत बताया<BR/>बीरबल ने तब युक्ति सुझाई<BR/>खडे दूर हो जाओ भाई<BR/>जो भी तुमको पंडित बोले<BR/>डंडा लेकर पीछे हो ले..<BR/><BR/>खेल रहे कुछ बच्चे भोले<BR/>बीरबल फिर उनसे बोले<BR/>जाकर इसको खूब चिढाओ<BR/>पंडित पंडित तुम चिल्लाओ<BR/>बच्चों ने फिर शोर मचाया<BR/>अनपढ को जमकर दौड़ाया<BR/>लो अनपढ का हो गया काम<BR/>पंडित बोले पूरा गांव <BR/>अनपढ़ ने दिया चिडना छोड<BR/>बीरबर से बोला कर जोड़ <BR/>आपकी युक्ति काम में आयी<BR/>हम भी पन्डित हो गये भाई<BR/><BR/>- सार - बुद्धि इतनी बलवती होती है कि<BR/>स्वमं तो क्या बुद्धिमान इंसान किसी दूसरे अज्ञानी को भी ज्ञानी कहलवा सकता है..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.com