tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post3207252733528104658..comments2023-09-26T14:31:38.797+05:30Comments on बाल-उद्यान: बाल कहानी: उसके बिना (लेखक: जाकिर अली 'रजनीश')गिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-49051574313133295532007-09-01T15:22:00.000+05:302007-09-01T15:22:00.000+05:30BAALMAN KE MARMAGYA RACHANAAKAAR HAIN ZAKIR.ACHHI ...BAALMAN KE MARMAGYA RACHANAAKAAR HAIN ZAKIR.ACHHI KAHAANI HAI.<BR/>ARVINDArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-33636670243224297842007-08-31T10:50:00.000+05:302007-08-31T10:50:00.000+05:30रजनीश जी! आपने बच्चों की दुनिया मे लेजाकर मुझे...रजनीश जी!<BR/> आपने बच्चों की दुनिया मे लेजाकर मुझे छोड़ दिया.उस अनुभूति को जीकर बड़े होने का दर्द भूल रहा हूं .<BR/>बधाई<BR/><BR/>सस्नेह <BR/>प्रवीण पंडितpraveen pandithttps://www.blogger.com/profile/04969273537472062512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-67992405031797838482007-08-31T10:03:00.000+05:302007-08-31T10:03:00.000+05:30कहानी बालमन पर आपके अधिकार की सूचना देती है , बचपन...कहानी बालमन पर आपके अधिकार की सूचना देती है , बचपन याद आ गया । शैलेश जी से मैं सहमत हूँ ।Alok Shankarhttps://www.blogger.com/profile/03808522427807918062noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-72854185712424342572007-08-30T16:06:00.000+05:302007-08-30T16:06:00.000+05:30आपकी कहानी में बच्चों की स्वाभाविक ईर्ष्या तो है ह...आपकी कहानी में बच्चों की स्वाभाविक ईर्ष्या तो है ही, उस ईर्ष्या के भीतर के प्रेम को आपने खूब उकेरा है।अभिषेक सागरhttps://www.blogger.com/profile/02262214864547622776noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-17982072207356979942007-08-29T21:47:00.000+05:302007-08-29T21:47:00.000+05:30रजनीश जी, आपको पढ़ने पर अपने बचपन के वे दिन याद आते...रजनीश जी, <BR/>आपको पढ़ने पर अपने बचपन के वे दिन याद आते हैं, जब छुट्टियों के दिन में मैं दिनभर बालहंस, नंदन और सुमन-सौरभ पढ़ा करता था।<BR/>और यह कहानी तो बड़ों के लिए भी उतनी ही रुचिकर और मार्मिक है। मैं कहानी पढ़ते-2 आपकी रुकइया के साथ जुड़ गया। आप एक सफल कहानीकार हैं। <BR/>बाल-उद्यान आपके मार्गदर्शन में शिखर तक जल्दी ही पहुंचेगा।गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-79262094005470435292007-08-29T20:34:00.000+05:302007-08-29T20:34:00.000+05:30रजनीश जीसुंदर ...प्रेरक और मर्मस्पर्शी कहानी है......रजनीश जी<BR/><BR/>सुंदर ...<BR/>प्रेरक और <BR/>मर्मस्पर्शी कहानी है...<BR/><BR/>धन्यवाद!गीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-44838545256642719692007-08-29T18:40:00.000+05:302007-08-29T18:40:00.000+05:30रजनीश जीबहुत अच्छी कहानी है । बच्चे इतने ही भोले ह...रजनीश जी<BR/>बहुत अच्छी कहानी है । बच्चे इतने ही भोले होते हैं । पल में लड़ते हैं और पल में <BR/>दोस्त बन जाते हैं । बाल स्वभाव का इतना सुन्दर वर्णन करने के लिए बधाई । <BR/>काश ये सरलता बड़ों में भी आ जाए ।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-55274954794325081682007-08-29T15:39:00.000+05:302007-08-29T15:39:00.000+05:30रजनीश जी!बहुत ही मर्मस्पर्शी कहानी है. दो दिनों मे...रजनीश जी!<BR/>बहुत ही मर्मस्पर्शी कहानी है. दो दिनों में दो बेहतरीन रचनायें! बहुत बहुत धन्यवाद!SahityaShilpihttps://www.blogger.com/profile/12784365227441414723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-45345469769993007222007-08-29T15:24:00.000+05:302007-08-29T15:24:00.000+05:30रजनीश जी बहुत सुन्दर कहानी लाये हैं आप... बहूत अच्...रजनीश जी<BR/><BR/> बहुत सुन्दर कहानी लाये हैं आप... बहूत अच्छी लगी।गरिमाhttps://www.blogger.com/profile/12713507798975161901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-86090154360855982352007-08-29T13:37:00.000+05:302007-08-29T13:37:00.000+05:30बहुत ही सुंदर मर्मस्पर्शी कहानी हैं रजनीश जी ..बहुत ही सुंदर मर्मस्पर्शी कहानी हैं रजनीश जी ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-53059141863779605692007-08-29T13:07:00.000+05:302007-08-29T13:07:00.000+05:30रजनीश जी सीधी सरल और दिल को छू लेने वाली रचना ।आपक...रजनीश जी सीधी सरल और दिल को छू लेने वाली रचना ।आपका स्वागत है ।anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-76831593509129524472007-08-29T13:03:00.000+05:302007-08-29T13:03:00.000+05:30रजनीश जी,बहुत बढ़िया कहानी है। इसे पढ़कर बच्चों को...रजनीश जी,<BR/><BR/>बहुत बढ़िया कहानी है। इसे पढ़कर बच्चों को ही नहीं बड़ों को भी रोना आ जायेगा।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-35431301964239434142007-08-29T12:19:00.000+05:302007-08-29T12:19:00.000+05:30रजनीश जी,पूरी कहानी पढते हुए डूब गया था और अंत नें...रजनीश जी,<BR/><BR/>पूरी कहानी पढते हुए डूब गया था और अंत नें आँख नम कर दी। मर्मस्पर्शी और प्रेरक..<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.com