tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post3469101148755183101..comments2023-09-26T14:31:38.797+05:30Comments on बाल-उद्यान: बंदर की दुकान (बाल-उपन्यास पद्य/गद्य शैली में)- अंतिम भागगिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-51753398609745053182009-07-07T16:13:24.951+05:302009-07-07T16:13:24.951+05:30इतने में बंदरिया आई
खरी खोटी बंदर को सुनाई
बोली त...इतने में बंदरिया आई<br />खरी खोटी बंदर को सुनाई <br />बोली तुझमें नहीं अक्ल <br />पानी में जा देख शक्ल<br />रहा वही बंदर का बंदर <br />क्यों दुकान जंगल के अंदर <br />पास में था जो सब गँवाया <br />दुश्मन अपना सबको बनाया <br />हुई न एक टका भी कमाई <br />सारी धन संपदा गँवाई <br />बैठा रह तू यहाँ अकेला <br />मैं तो चली देखने मेला <br />सुनकर शेर ने सारी बात <br />बंदर को इक मारी लात <br />भागा अपनी बचा के जान <br />बंद हुई बंदर की दुकान<br /><br /><br />मजा का गयाShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-81820106210948428732009-07-02T23:55:44.924+05:302009-07-02T23:55:44.924+05:30वाह! मज़ा आ गया.. लग तो रहा था कि बन्दर जी कि दुकान...वाह! मज़ा आ गया.. लग तो रहा था कि बन्दर जी कि दुकान बंद होगी,पर ऐसे होगी...हा हा हा ..ये पता न था!neeti sagarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-32192733202454894052009-07-02T08:22:24.892+05:302009-07-02T08:22:24.892+05:30अहाहा,,
क्या तृप्ति मिली है नीलम जी को ,,
बताइये ,...अहाहा,,<br />क्या तृप्ति मिली है नीलम जी को ,,<br />बताइये ,,लोगों को भोले-भाले बंदरों से भी रंजिश होने लगी,,<br />:(manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-54406924529402351792009-07-01T19:12:19.846+05:302009-07-01T19:12:19.846+05:30Ant bhala to sab bhala.
Mujhe tomaja aa gayaaur ba...Ant bhala to sab bhala.<br />Mujhe tomaja aa gayaaur bacho ne bhi maja liya hoga.Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-37696918923281463942009-07-01T16:28:57.397+05:302009-07-01T16:28:57.397+05:30इतने में बंदरिया आई
खरी खोटी बंदर को सुनाई
बोली तु...इतने में बंदरिया आई<br />खरी खोटी बंदर को सुनाई<br />बोली तुझमें नहीं अक्ल<br />पानी में जा देख शक्ल<br />रहा वही बंदर का बंदरneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-36560404015495139022009-07-01T16:21:20.719+05:302009-07-01T16:21:20.719+05:30हा हा हा हा हा ,
सीमा जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद बन...हा हा हा हा हा ,<br />सीमा जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद बन्दर को बंदरिया से पिटवाने का भी बहुत बहुत शुक्रिया ,एक पुरानी रंजिश थी ,<br />आज जा के दिमाग को सुकून मिला आपके उपन्यास ने तो हाल बेहाल ही कर दिया था कि कहीं दोखे से भी इस बन्दर की दुकान चल न जाए कहीं |neelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.com