tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post3880860733081468570..comments2023-09-26T14:31:38.797+05:30Comments on बाल-उद्यान: 'देखो बच्चों'गिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-17748582005487785012009-09-15T18:15:04.149+05:302009-09-15T18:15:04.149+05:30badhiya Rachana...badhiya Rachana...Kavi Kulwanthttps://www.blogger.com/profile/03020723394840747195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-35027085397051413702009-09-13T21:45:39.334+05:302009-09-13T21:45:39.334+05:30सीख देती हुई एक सुन्दर कविता
करो सार्थक यह जीवन अ...सीख देती हुई एक सुन्दर कविता<br /><br />करो सार्थक यह जीवन अपना<br />सीखो तुम सब अपनी भूलों से<br />निश्छल होकर कुछ देना सीखो<br />धरती नदिया, और फूलों से।Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-16187793474056816672009-09-13T13:15:11.334+05:302009-09-13T13:15:11.334+05:30शन्नो जी ,
वाकई बड़ा अन्याय सा हो रह...शन्नो जी ,<br /> वाकई बड़ा अन्याय सा हो रहा है, आपकी रचनाओं के साथ ,आपको आपकी कमियाँ और प्रेषित करने में प्रेषक की गलतियां विस्तार से मेल में सूचित करूंगी ,तकलीफ के लिए एक बार फिर से माफ़ी चाहती हूँ ,हमने सुधार कर दिया है संभवतःअब शायद ..........neelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-58206948365102253742009-09-13T11:33:57.550+05:302009-09-13T11:33:57.550+05:30आप सबको इस कविता को पढ़ने का धन्यबाद. एक बात कहना ...आप सबको इस कविता को पढ़ने का धन्यबाद. एक बात कहना चाहती हूँ की जब भी मेरा लिखा प्रकाशित होता है तो पता नहीं क्यों जैसा भेजो वैसा न छपकर कहीं-कहीं पर कुछ और बदल कर छप जाता है. क्यों और कैसे यह मेरी समझ में नहीं आता? जैसे की इस कविता में इन लाइनों की यह लय भेजी थी:<br /><br />सीख-सीख अच्छी बातों को<br />करो सार्थक जीवन को अपने<br />संस्कार अच्छे हों तब ही तुम <br />पूरे कर पाओगे अपने सपने. <br /><br />पर छपने में देखिये......गड़बड़ हो गयी.Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-84185003431203036652009-09-12T23:32:02.142+05:302009-09-12T23:32:02.142+05:30का बात है शनों जी...
मजा आ गया पढ़े के...
सच में ...का बात है शनों जी...<br />मजा आ गया पढ़े के...<br /><br />सच में धरती मान कितने बोझ सहती है...<br />आपने कितनी सरलता से कह दी इतनी गहरी बात....<br />आपको बधाई ..manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-44807347351851581472009-09-12T17:41:38.643+05:302009-09-12T17:41:38.643+05:30प्रकृति की महिमा का सुंदर ,ज्ञानप्रद सीखों के साथ...प्रकृति की महिमा का सुंदर ,ज्ञानप्रद सीखों के साथ बताया है ,बधाई .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-69539228470095897062009-09-12T11:06:05.651+05:302009-09-12T11:06:05.651+05:30बहुत सुन्दर उपदेश देती बाल रचना बधाईबहुत सुन्दर उपदेश देती बाल रचना बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com