tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post4585626785680360757..comments2023-09-26T14:31:38.797+05:30Comments on बाल-उद्यान: आओ सीखें अपनी भाषा... ( दूसरा पाठ )गिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-12297456419979196972008-05-02T10:43:00.000+05:302008-05-02T10:43:00.000+05:30भुपेन्द्र जी,यह सराहनीय प्रयास है। गौरव जी,वास्तव ...भुपेन्द्र जी,<BR/><BR/>यह सराहनीय प्रयास है। <BR/><BR/>गौरव जी,<BR/><BR/>वास्तव में यह आलेख अभिवावकों और अध्यापकों के काम आयेगा। वे बच्चों से रटवा सकते हैं। अक्षरों को याद करने में आसानी हो, इस दृष्टिकोण से यह काम सराहनीय है।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-32437706351496873322008-04-29T15:43:00.000+05:302008-04-29T15:43:00.000+05:30राघव जी, बहुत सुन्दर लगा आपका प्रयास. कविता, पढ़ाई ...राघव जी, <BR/>बहुत सुन्दर लगा आपका प्रयास. कविता, पढ़ाई और सीख एक साथ. मैं अपने पोते-पोती को इसी से वर्णमाला सिखाऊंगी.<BR/>बधाई.Sushma Garghttps://www.blogger.com/profile/06951467814633449120noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-56718388635352227902008-04-28T11:28:00.000+05:302008-04-28T11:28:00.000+05:30Bahut sundar paath hai.Badhaayi.Bahut sundar paath hai.<BR/>Badhaayi.Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-72301654709758026722008-04-25T12:08:00.000+05:302008-04-25T12:08:00.000+05:30लवली जी राघव जी..लवली जी राघव जी..Kavi Kulwanthttps://www.blogger.com/profile/03020723394840747195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-80926412534382137452008-04-24T16:25:00.000+05:302008-04-24T16:25:00.000+05:30यह कक्षा बहुत ही अच्छी है .हिन्दी के शब्द बच्चे आ...यह कक्षा बहुत ही अच्छी है .हिन्दी के शब्द बच्चे आसानी से याद कर सकते हैं इस से बधाई राघव जी !!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-68253128850286514832008-04-24T15:49:00.000+05:302008-04-24T15:49:00.000+05:30भाई गौरव जी मेरी टांग क्यूँ खींचने पर लगे हो :) अब...भाई गौरव जी मेरी टांग क्यूँ खींचने पर लगे हो :) <BR/><BR/>अब बच्चे जो वर्ण-माला याद करते है वहाँ कुछ ना कुछ तो सांकेतिक होता है ना, हमने भी तो ऐसे ही याद किये थे भाई.. मात्र बच्चे के लिये नहीं बच्चों को सिखाने के लिये अध्यापक के लिये भी हैं ताकि चाव बना रहे और बच्चा याद कर सके..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-17979372781412353522008-04-24T15:30:00.000+05:302008-04-24T15:30:00.000+05:30सीमा जी धन्यवाद, 'ट' से टमाटर जी मेरे कागज में तो ...सीमा जी धन्यवाद, 'ट' से टमाटर जी मेरे कागज में तो मौजूद हैं पता नहीं कैसे नाराज हो गये यहाँ आने के लिये.. पुनः संशोधित कर रहा हूँ ताकि टमाटर महाशय परिवार के बीच विराजमान हो सकें.<BR/><BR/>त्रृटि के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-91126635466900593552008-04-24T14:37:00.000+05:302008-04-24T14:37:00.000+05:30भूपेंद्र जी आपका प्रयास बहुत सराहनीय है और बच्चो क...भूपेंद्र जी आपका प्रयास बहुत सराहनीय है और बच्चो के लिए तो काम का है ही ,पर समझ नही आया ट कहा गया....?सीमा सचदेवhttps://www.blogger.com/profile/04082447894548336370noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-66865929603549728882008-04-24T14:22:00.000+05:302008-04-24T14:22:00.000+05:30सब कुछ अच्छा है और कविता रूप में बहुत प्यारा भी......सब कुछ अच्छा है और कविता रूप में बहुत प्यारा भी...लेकिन जो बच्चे ये पढ़ लेंगे, उन्हें वर्णमाला सीखने की जरूरत कहाँ होगी? ;)गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5591617615187263525.post-12005091012596203642008-04-24T12:33:00.000+05:302008-04-24T12:33:00.000+05:30अरे भाई भाषा तो सिखा रहे हो पर भाषा लिखना तो सीख ल...अरे भाई भाषा तो सिखा रहे हो पर भाषा लिखना तो सीख लो। शीर्षक में ही भाषा से ऐसी भसड़ क्यों?Anonymousnoreply@blogger.com