दस एकम दस
दस एकम दस, दस दूनी बीस, खुद को समझना मत बच्चो, किसी से भी उन्नीस । दस तीए तीस, दस चौके चालीस, कभी न करना बेइमानी तुम, रहना हरदम खालिस । दस पंजे पचास, दस छेके साठ, पढते रहना हरदम बच्चो, सदाचार के पाठ । दस सत्ते सत्तर, दस अट्ठे अस्सी, जीवन भर तुम खींच के रखना, चंचल मन की रस्सी । दस नामे नब्बे, दस दाये सौ, मेहनत से है मिलता जो भी, कभी न देना खो । अनिल चड्ढा