Thursday, June 18, 2009

बंदर की दुकान (बाल-उपन्यास पद्य/गद्य शैली में) - 6

पाँचवें भाग से आगे....

6. ढोल उठाकर भालू आया
ता ता थैया नाच दिखाया
बोला क्या मिलता है मदारी
घूमूँ जिस संग दुनिया सारी
रियलटी शो में जाऊँगा
सबको नाच नचाऊँगा
दुनिया को दिखलाऊँगा
पैसा खूब कमाऊँगा
मुझे मदारी का बस चाव
बोलो मिलता है क्या भाव
एजेण्ट को अभी फोन करूँगा
तेरा चाव भी पूरा करूँगा
घर जाकर करो इन्तजार
आएगा मदारी तेरे द्वार

6. अब बंदर मामा की दुकान पर गले में ढोल लटकाए भालू आया। आते ही उसने पहले तो ता ता थैया करके अपना नाच दिखाया और बंदर से बोला:-
भैया बंदर क्या तुम्हारे पास ऐसा मदारी मिलता है, जिसके संग मैं पूरी दुनिया में घूम-घाम कर अपना नाच दिखा सकूं। फिर मैं रियलटी शो में जाऊँगा और सबको नाच-नचा कर अपनी योग्यता पूरी दुनिया को दिखाऊंगा, पैसा भी खूब कमाऊंगा। बस मुझे एक मदारी दे दो और हां उसका मोल भी बता दो।

बंदर अब अनमने मन से बिना उसकी तरफ़ देखे ही बोला :-
अभी अपने एजेण्ट को फ़ोन लगाता हूँ, मैं तुम्हारा चाव भी अवश्य पूरा करूँगा। तुम घर जाकर मदारी के पहुँचने का इन्तजार करो।

सातवाँ भाग॰॰॰


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3 पाठकों का कहना है :

neelam का कहना है कि -

bandar ji to harfanmaula ho gaye hain ,wo to ek pahunchi hui cheej lagte hain .ab aage kya ??????
what next ???????
aabar ki ?????
hor ki ????????

Shamikh Faraz का कहना है कि -

6. ढोल उठाकर भालू आया
ता ता थैया नाच दिखाया
बोला क्या मिलता है मदारी
घूमूँ जिस संग दुनिया सारी
रियलटी शो में जाऊँगा
सबको नाच नचाऊँगा
दुनिया को दिखलाऊँगा
पैसा खूब कमाऊँगा
मुझे मदारी का बस चाव
बोलो मिलता है क्या भाव
एजेण्ट को अभी फोन करूँगा
तेरा चाव भी पूरा करूँगा
घर जाकर करो इन्तजार
आएगा मदारी तेरे द्वार

बन्दर जी तो एक allrounder प्रदर्शन कर रहे हैं.

Manju Gupta का कहना है कि -

Bandar sanchalak ban sab ko nacha raha hai ,maja le raha hai.
Wah.........!

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