Friday, March 27, 2009

8 से 80 साल तक के बच्चों के लिए मनोरंजक प्रस्तुति, जी हाँ आपकी पहेलियाँ

8 से 80 साल तक के बच्चों के लिए मनोरंजक प्रस्तुति, जी हाँ आपकी पहेलियाँ तो देर किस बात की, इस बार उत्तर को उम्र के हिसाब से आँका जायेगा ,सबसे छोटा बालक एक पहेली भी सही बताएय्गा तो उसे बुद्धिमान बता दिया जायेगा, बशर्ते वो टोपी न पहनता हो,

१)मध्य हमारा उसका सिर है
बन्ध जाना उसकी तकदीर है

२)लगता मधुमक्खी का छत्ता,
पुनि उग आये ये अलबत्ता

३)एक बहादुर छोटी काया,
बोल -बोल दुःख देने आया

४)नारी और मर्द है ढेर,
सबके मिले एक ही बेर,
जिधर -जिधर वह जब जाती,
अक्सर काला जंगल पाती

५)लम्बा चौडा रूप निराला,
उजली देह किनारा काला,
जो धोबिन करती है काम,
उसका भी वही है नाम

उत्तर रविवार की शाम तक मिल जाने चाहिए, dreamer ji ख़ास तौर पर आपके लिए ,सपने आप खूब देखिये, पर अपने नाम भी तो बताईये उम्र तो बतानी ही है ,महिलाओं को विशेष छूट है, वो १० साल घटा भी सकती हैं, शन्नो जी निगरानी का काम तो आपको दिया ही गया है, ठीक ढंग से काम करने पर हम आपकी उम्र में से २० -२५ वर्ष भी कम कर सकतें है, और आप दिखेंगी फिर से और भी अधिक खूबसूरत.


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12 पाठकों का कहना है :

manu का कहना है कि -

(१) बेल्ट,,,
(२) ,,,,,,,,,,,,??क्या पता दाढी,,,!!
(३)छोटी काया,,,,!!!मनु नहीं,,,ये मच्छर होगा,,,::::))))
(४) जूँ लग रही है जिल्हल तो
(५),,,धोती,,,,,,,,,,

और एक घोटाला बताऊँ,,??
मोनिटर साहब को क्लिक किया,,,,ये जान ने के क्या मालूम ये सारे ही २०-२५ साल के हैं भी या नहीं,,या आखिर कितने बड़े हैं के २०-२५ साल कम करने की गुंजाइश है,,
मगर ,,,,(प्रोफाइल उपलब्ध नहीं,,,,)
हा,,,हा,,,हा,,,,,हा,,,,,,,,
कैसे लापता बन्दे को मोनिटर बनाया गया है,,,,,
ही,,,ही,,,,,ही,,,,ही,,,,

Divya Narmada का कहना है कि -

मनु जी!
बैल्ट तो पहना जाता है न? उसे कसते हैं बांधते तो नहीं हैं शायद. क्या नाडा ठीक न होगा?

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

क्लास में कुछ बच्चे मेरे आँख से ओझल होते ही फिर से घपला करने लगते हैं. फिर से ऊधम मचने लगता है. हाजिरी देकर हाजिर जबाबी में भी माहिर हैं. अब क्या बतायूं? आजकल आचार्य जी भी कभी-कभी फिल्म आदि देखने के वास्ते क्लास से गायब हो जाते हैं. और मुझे तो नंबर १ या २ तक जाने के लिए आचार्य जी की बोली का टेप लगा कर जाना पड़ता है, या टेबल पर उनका बेंत रख जाओ फिर भी ऊधम बाजी में कोई फरक नहीं पड़ता. कुछ नटखट इतने हैं कि आचार्य जी की उपस्थिति को भी अनदेखा करके मनमानी करते हैं. और झट-पट गलत-सलत उत्तर दे कर ही-ही, हा-हा कर के कूद-फांद करते रहते हैं. अब तो आचार्य जी भी ऊब गये से दिखते हैं. कानों में रुई लगा के कुर्सी पर बैठे दोहे गाया करते हैं, या फ़िर 'ओल्ड इज गोल्ड' की फिल्मो की सूची में अपनी पसंद की फिल्मो के नाम ढूंढते रहते हैं. चुप-चाप तमाशा देखती हूँ और अपनी कमाई हुई उपाधि का मान रखने की कोशिश करती हूँ. लगता है कि नीलम जी के कान में कुछ डालना ही होगा और शैतान बच्चों की सजा को सख्त करने की तरकीब सोचनी होगी. हा-हा-हा-हा... तब मज़ा आयेगा उन्हें मुझे सताने का....

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

1. बेल्ट सेल्ट का पता नहीं
मुझे लगे है टाई
बडे उदर पर सर रख सोती
क्या तकदीर है पाई

2.चाहे हमको कहो अनाड़ी,
हमको भी लगती है दाड़ी
लगती मधुमक्खी का छ्त्ता
पुनि उग आये यह अलबत्ता

3.बोल बोल लो आया मच्छर,
बच्चू कहाँ जाओगे बचकर
मैं सन्नी देवल का बाप
अब तो समझ गये ना आप

4. मामला यहाँ पर अटक गया है
बच्चा देखो भटक गया है
यदि कहुँगा मैं भी जूँ
लोग कहेंगे टीपता हूँ
तो, यहाँ पर जम्प लगाउंगा
नम्बर 5 पर जाऊंगा

5. हा हा हा हा हू हू हू
कितना बढिया यहाँ क्लू
धोबिन कपडे धोती है
सिम्पल उत्तर धोती है

नोट : बेईमानी तेरा ही सहारा
जो कोई टीपे आगे हमारा
रात को सपने में तुम आना
चुडैल रूप धर खूब डाराना

संगीता पुरी का कहना है कि -

एक ही साथ पहेली भी मिली ... और भूपेन्‍द्र राघव जी का जवाब भी ... बहुत बढिया लगा ।

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

सब पर निगाह रखना भी तो एक पहेली को सुलझाने से कम नहीं होता. इसलिए उस कार्य में व्यस्त थी. जिम्मेदारी तो निभानी ही होगी. सब लोग चुप हैं जरा. गुरु जी भी आ गए हैं (लेकिन किसी फ़िल्मी धुन को गुनगुना रहे 'जब-जब फूल खिलें आँगन में....). कुछ बच्चे सोच रहे हैं कि वह पन्ने फाड़कर aeroplane बनाकर एक दूसरे पर फेंक रहे हैं पर उन्हें कोई देख नहीं रहा है, एक ने तो चुपके से एक छात्रा के बालों में chewing gum तक चिपका देने की हिम्मत कर दी है. पर मैं बाद को शिकायत करूंगी आचार्य जी से (इस समय उन्हें disturb नहीं करना चाहती हूँ) और जब परिणाम भुगतना होगा double सजा के रूप में उन सब को, तब पता चलेगा. मैं कुछ देर के लिए सबको देख कर भी अनदेखा इसलिए कर रही हूँ कि मैं भी अपने उत्तर जल्दी से लिख लूं. अब अपनी position की class में इज्ज्ज़त तो रखनी ही होगी ना? आचार्य जी तो मेरे हिस्से के उत्तर लिख नहीं देंगे. सही कहा न? तो फिर अब जल्दी से उत्तर दे ही दूं:

१. पेट की बात चली तो बोलूँ
कभी पतली कभी मोटी हूँ
'कमरबंद' कहलाऊँ और फिर
कमर पे सज के इठलाती हूँ.

२. बरसों तक उगि-उगि के पत्ता
'झाड़' या 'जंगल' हो सकता
credit दूं मनु राघव को तो
फिर 'दाढ़ी' हो सकती अलबत्ता.

३. कूँ-कूँ करता रहता हर दिन
उस पर कितना लो चिल्ला
मुझको तो ऐसा लगता है
यह होगा कुत्ते का 'पिल्ला'.

४. चुपके से लिख रही थी उत्तर
किसी ने मेरी नक़ल टीप ली
कान खोल कर रखते हैं कुछ
धीरे से जब मैं 'जूँ' बोली.

५. उत्तर same नहीं दूंगीं मैं
इतनी भी नहीं अनाड़ी हूँ
dark-border वाली बस
एक plain रंग की साड़ी हूँ.

शोभा का कहना है कि -

नीलम जी,
बहुत अच्छा कार्य किया आपने दिमागी कसरत करवाकर। ः) बधाई

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

पतलून बँधी मध्य में, सर पर उगते बाल
मच्छर है छोटी काया, सर में जूँ करे धमाल

’धोती’ का पता नहीं था, नोचे सर के बाल
सच बतलाता मैं उम्र, मात्र छब्बीस साल

नीलम जी, दोहे में लिखने के अतिरिक्त अंक मिलेंगे क्या?//??? क्योंकि इस बार तो आचार्य ने भी दोहे में उत्तर नहीं दिया है... :-)

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

शुक्रिया नीलम जी, मेरी उम्र कम करने का वादा करने के लिए. वैसे भी कुछ चपल छात्र मेरी जन्म-कुंडली की तलाश में हैं. और निश्चय नहीं कर पा रहे हैं कि मेरी उम्र घटाई या बढ़ाई जाये. जब आप लोग 'मेरी उम्र क्या होनी चाहिए' का निश्चय कर लें तो please मुझे सूचित कर दीजियेगा, तब तक बेसब्री से इंतज़ार रहेगा. उसके बाद सोचना होगा अपने नए जन्म-दिन के बारे में कि किस दिन मनाया जाये, ताकि हिंद-युग्म से अपने जन्म-दिन की मिठाई बाँटने की गुजारिश भी कर सकूं और आप सभी मिलकर मेरे हिस्से की भी चट कर सकते हैं. ही-ही,ही......(मनु जी,खुश हैं न आप?). इससे बहुत सुकून मिलेगा मुझे.
अगर उम्र की संख्या को आगे पीछे करके समय में पीछे पहुंचाया जा सकता तो कितना अच्छा होता. एक time-machine होनी चाहिए. लेकिन क्या फरक पड़ता है...जैसा जगजीत सिंह जी ने एक ग़ज़ल में कहा है: 'ना उम्र की सीमा हो ना....'
आचार्य जी का भी मतलब कुछ मिलता-जुलता सा ही है (मेरी समझ से): 'दोहे की कोई सीमा नहीं होती...' (शायद उम्र की तरह, और दोहा लिखने की उम्र पर भी कोई पाबंदी नहीं).
'ओल्ड इज गोल्ड' के गाने सुनने वालो की उम्र की भी सीमा नहीं है ना?

मैं भी इसी ढंग से कहूँगी उम्र पर और लिखने पर:

'ना उम्र की सीमा हो, ना विषय का हो बंधन
कलम को लिखने दो, जो लिखना चाहे मन.'

चलो अब एक नयी आशा की किरन दिखी है अंधेरे में कि शायद नीलम जी की कृपा से उम्र कम हो जायेगी. अपुन को तो कुछ भी फरक नहीं पड़ेगा. जो हूँ, वो हूँ. सबको धन्यबाद.

* सब लोग इस बार के उपाधि के promotion या demotion के लिए तैयार रहिये.

Unknown का कहना है कि -

१ पतलून (भाई से मदद ली)
२ बाल
३ मच्छर
४ जू (भाई से मदद ली)
५ धोती (बहन से मदद ली)

सुमित भारद्वाज
उम्र २३ वर्ष

neeti sagar का कहना है कि -

नीलम जी मैंने आज बिलकुल शैतानी नहीं की न ही किसी की नक़ल,,,,किसी के उत्तर की कापी की नक़ल नहीं की,,,मेरे उत्तर है..१-पेंट या सलवार २-दाढी ३-चींटी,या मच्छर ४- जूँ ५-साडी....२ -२ उत्तर पिछली सजा के अनुसार दिए.......आज की क्लास में सबसे ज्यादा शोर क्लास मोनिटर जी ने ही किया है....आपकी दी सजा के बाद में बहुत अच्छी बच्ची बन गई हूँ...बन गई हूँ न....

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

हिम्मत कैसे कर ली आज
अच्छा किया न है यह काज.
सब कुछ लिया है मैंने सुन
अब सजा से नहीं बचोगी तुम.
'साड़ी' कहकर नक़ल टीप ली
ऊपर से करती हो चुगली.
फिर जल्दी से जाती हो भाग
मेरे मन में लग गई आग.
ताने मुझको मिलते जब-तब
कक्षा में जलते हैं मुझसे सब.
बचना चाहते शोर मचाकर
मुझ पर ही इल्जाम लगाकर.

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