Saturday, January 3, 2009

इस नये साल में

रौनक
इस नये साल में
क्यूँ न कुछ कर जाएँ ऐसा,
इस दुनिया में कुछ न हो जैसा...

इस नये साल में
क्यूँ खुद को समझें कम,
जब सब कुछ बदल सकते हैं हम....

इस नये साल में
क्यूँ न कुछ ऐसा कर दिखाएँ
कि कोई भी देख कर उसे चौंक ही जाए...

इस नये साल में
क्यूँ न अपने आप को इतना सक्षम बनाएँ
कि कोई हमारे एक बल भी बांका न कर पाए....

इस नये साल में
क्यूँ पिछला याद करके पकड़े सर,
बल्कि हम क्यूँ न बना लें अपना कल बेहतर...

रौनक जे॰ पारेख (छात्रः कक्षा ११)