एक था इन्सान अद्भुत
बच्चो, आज महात्मा गांधी का जन्म दिवस है। उन्होंने हमें अहिंसा का मंत्र दिया और एक साथ मिल-जुल कर रहना सिखाया। उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही उपयोगी हैं, जितनी पहले थीं। हमारे उस राष्ट्रपिता को श्रद्धांजली स्वरूप प्रस्तुत है यह बाल गीत:
एक था इन्सान अद्भुत बापू जिसका नाम था।
उसमें थी शक्ति ग़ज़ब की, जादुई हर काम था।
जिन्दगी भर वो लड़ा था देश के ही वास्ते।
आँधियों के बीच उसने थे बनाये रास्ते।
उसके लब पर भाईचारे का सदा पैग़ाम था।
उसमें थी शक्ति ग़ज़ब की, जादुई हर काम था।
एक धागे में पिरोया उसने हर इन्सान को।
अहिंसा का अस्त्र सौंपा सारे हिन्दुस्तान को।
‘करो या फिर मरो’ उसका नारा सुबहो-शाम था।
उसमें थी शक्ति ग़ज़ब की, जादुई हर काम था।
दे गया आज़ादी हमको पर नहीं कुछ ले गया।
हो गया कुर्बान हंस कर वह महात्मा हो गया।
आँख से बरसे जो मोती श्रद्धा उसका नाम था।
उसमें थी शक्ति ग़ज़ब की, जादुई हर काम था।
-ज़ाकिर अली ‘रजनीश’
उसमें थी शक्ति ग़ज़ब की, जादुई हर काम था।
जिन्दगी भर वो लड़ा था देश के ही वास्ते।
आँधियों के बीच उसने थे बनाये रास्ते।
उसके लब पर भाईचारे का सदा पैग़ाम था।
उसमें थी शक्ति ग़ज़ब की, जादुई हर काम था।
एक धागे में पिरोया उसने हर इन्सान को।
अहिंसा का अस्त्र सौंपा सारे हिन्दुस्तान को।
‘करो या फिर मरो’ उसका नारा सुबहो-शाम था।
उसमें थी शक्ति ग़ज़ब की, जादुई हर काम था।
दे गया आज़ादी हमको पर नहीं कुछ ले गया।
हो गया कुर्बान हंस कर वह महात्मा हो गया।
आँख से बरसे जो मोती श्रद्धा उसका नाम था।
उसमें थी शक्ति ग़ज़ब की, जादुई हर काम था।
-ज़ाकिर अली ‘रजनीश’
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8 पाठकों का कहना है :
प्रेरक गीत है बल्कि यदि विद्यालय के अध्यापक गण मेरी प्रतिक्रिया पढ रहे हों तो अनुरोध है कि इस गीत को समूह-गीत की तरह बच्चों को सिखाया जाये तो प्रेरक भी होगा और एक उत्कृष्ट कदम। युग्म से जुडे गीतकार बंधु क्या इसे पोडकास्ट कर बच्चों के लिये प्रस्तुत किया जा सकता है?
रजनीश जी बहुत बधाई इस कालजयी रचना के लिये।
*** राजीव रंजन प्रसाद
बहुत ही सुंदर गीत रजनीश जी ..एक प्रेरणा और गांधी जी के बारे में सब कुछ कह दिया इस में ..
बहुत बहुत बधाई आपको इस सुंदर रचना को लिखने के लिए !!
राजीव जी,
पॉडकास्ट पर इसे प्रसारित करना पूरी तरह से सम्भव है। विकास जी, समय निकालकर इसे सम्पादित करें।
शोभा जी व सुनीता जी,
आप अपने-अपने विद्यालय के कुछ बच्चों से सामूहिक रूप से इस गीत को गवाकर रिकार्ड करके हमें भेज दें, हम पॉडकास्ट पर प्रकाशित कर देंगे।
यदि आपको रिकार्डिंग की असुविधा हो, तो मोबाइल का रिकार्डर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
ज़ाकिर जी, आप हिन्दी बाल-साहित्य को जिस तरह से समृद्ध कर रहे हैं, साधुवाद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।
रजनीश जी,
सबसे पहले बाल-उद्दान की कमाल संभालने पर आपकी बधाई।
बहुत सुंदर कविता।
बच्चो से ये गीत गवा कर पोडकास्ट किया जाये तो बहुत अच्छी बात होगी।
आप सबको यह गीत पसंद आया, जानकर बहुत खुशी हुई। यह जानकर कि आप लोग इसे रिकार्ड करना चाहते हैं, मैं अभिभूत हूं।
आप सबका बहुत-बहुत आभार।
पहली बधाई
मेरे भाई
बाल-उद्यान की
उस कमान की
जो आपने सम्भाली है..
दूसरी बधाई
अंतर से आई
उस गान की
राष्ट्रपिता महान की
जो आपने लिख डाली है..
रजनीश जी,
सुन्दर प्रेरणात्मक गीत के लिये बधाई. रिकार्डिगं की बात से मैं भी सहमत हूं.
रजनीश जी वाकई गीत बेहद खूबसूरत है...
सुनीता(शानू)
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