नन्हे-मुन्नो, सुनो-सुनो
( आज राजीव जी अस्वस्थ हैं, लेकिन आपके लिये प्यारी सी कविता ले कर आयी हैं रितु जी..ध्यान लगा कर सुनो सुनो)
नन्हे-मुन्नो सुनो सुनो
तुम बगिया के फूल बनो
अपनी खुशबू फैलाओ
खिल कर खेलो, मुस्काओ
साथी तितली चुनो चुनो
नन्हे-मुन्नो सुनो सुनो
रोशन इस जग को करना है
फूलों से तब यह तुम सीखो
काँटों में रह कर खिलना है
हर मुश्किल फिर नहीं रहेगी
मंजिल अपनी चुनो चुनो
नन्हे-मुन्नो सुनो सुनो
तभी सवेरा हो पायेगा
हर बच्चा जब फूल बनेगा
जब कोई मुश्किल आयेगी
उसे हटाने शूल बनेगा
सब मिल माला बुनो-बुनो
नन्हे-मुन्नो सुनो सुनो।
*** रितु रंजन प्रसाद
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10 पाठकों का कहना है :
रितु जी,
सुन्दर आशावादी और संदेशवाहक कविता लिखी है आपने साथ ही सुन्दर सुन्दर चित्र भी.. मजा आ गया...
अपनी इस कला को छुपा कर न रखें और पाठकों तक पहुंचाती रहें.
बधाई
Ritu ji kavita bahut aachi likhi hai aapne.....main aapko yahaan dekhkar bahut khush hu....bacchon ke liye itni aachi kavita to wahi likh sakta hai jiska man bacchon samaan komal ho.....
Luv
Anu
रितु जी बहुत अच्छी कविता लिखी है आपने
बच्चे इसको पसंद करेंगे ..बहुत बहुत बधाई आपको
आगे भी आपकी लिखी सुंदर कविता का इंतज़ार रहेगा लिखती रहे
शुभकामना के साथ
रंजना
रितु जी,
कविता अच्छी है और प्रवाह भी सुन्दर बन पडा है। आपकी "सुनो-सुनो..." बच्चे सुनें और आपका बाल रचनाओं पर लेखन निरंतर जारी रहे इस मंगल कामना के साथ...
*** राजीव रंजन प्रसाद
रितु जी बहुत अच्छी व शिक्षा-प्रद बात कही है आपने...अक्षय को भी मज़ा आया है पढ़्कर मगर उसकी अभी परिक्षाएं चल रही है मै उसे कविताओं से दूर रखती हूँ
सुनीता(शानू)
फूलों के माध्यम से आपने एक सुन्दर सी कविता प्रस्तुत की, बधाई। आशा है आगे भी इसी प्रकार आपकी अच्छी-अच्छी रचनाएं पढने को मिलती रहेंगी।
रितु जी,
राजीव जी की अर्धागिंनी होने का आपने बिलकुल सही फर्ज निभाया...
हमें आपके कवियत्रि होने पर कभी संदेह नही था...
पर आप इतनी अच्छी कविता लिखती है...
सच मे बहुत अच्छी कविता।
रितु जी,
हिन्द-युग्म परिवार में आपका स्वागत है। अच्छी बाल कविता है। अब तो आपसे स्थायित्व की उम्मीद है।
रितु जी!
देरी के लिये क्षमा करेंगी।
आपका स्वागत--देर आयद दुरुस्त आयद।
रचना बहुत सुंदर है।
अब तो पढते रहेंगे ही।
सस्नेह
प्रवीण पंडित
रितु जी,
शिक्षा-प्रद कविता लिखी है आपने
सुन्दर चित्र......सुन्दर...
आगे भी आपकी रचनाएं पढने को मिलती रहेंगी।
शुभकामना के साथ
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