दीपावली विशेषांक भाग-४
प्यारे बच्चो,
आज दीपावली है। यह प्रकाश का त्योहार "तमसो मा ज्योतिर्गमय" का संदेश ले कर आता है यानी कि अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का मार्ग। उजाला आपको अपने भीतर पहुँचाना है, अपनी कमियों को दूर कर और अपने लिये नये संकल्प ले कर। हमारे देश को आजाद हुए ६० वर्ष हो गये लेकिन आज स्थिति यह है कि हम निरंतर ऐसे अंधेरे की ओर बढ़ रहे हैं जहाँ आदमी और आदमी में अंतर है, जहाँ धर्म, रंग और जाति के नाम पर अब भी झगड़े होते हैं। यह शर्मनाक है। आप इसे आज समझ लो, जिससे कि आपकी पीढ़ी जब कर्णधार बने तो यह देश आप पर गर्व कर सके। जो बच्चे अपने भीतर ऊँचे आदर्श रखते हैं वे ही कल के भगत सिंह, सुभाष और गाँधी होंगे। आज खूब पटाखे चलायें क्योंकि खुशी मनाना बच्चों का अधिकार है। बड़ों का काम है भाषण देना और इसी लिये अंकल आज के दिन भी आपको लेक्चर दे रहे हैं। नहीं बच्चों आज और लेक्चर नहीं बस मस्ती (लेकिन सावधानी से)। आप सबने अपनी दीवाली कैसे मनायी हमें अवश्य बताना और दीपक और पटाखों के साथ अगर आपके पापा ने आपकी कोई तस्वीर खींची हो तो उसे अपने अंकल को bu.hindyugm@gmail.com पर ई-मेल कर दो। आपकी फोटो हम प्रकाशित भी करेंगे। बाल-उद्यान की ओर से आप सब की यह दीवाली मंगलमय हो यह कामना है।
आज खूब पटाखे चलायें क्योंकि खुशी मनाना बच्चों का अधिकार है। बड़ों का काम है भाषण देना और इसी लिये अंकल आज के दिन भी आपको लेक्चर दे रहे हैं। नहीं बच्चों आज और लेक्चर नहीं बस मस्ती (लेकिन सावधानी से)। आप सबने अपनी दीवाली कैसे मनायी हमें अवश्य बताना और दीपक और पटाखों के साथ अगर आपके पापा ने आपकी कोई तस्वीर खींची हो तो उसे अपने अंकल को bu.hindyugm@gmail.com पर ई-मेल कर दो। आपकी फोटो हम प्रकाशित भी करेंगे। बाल-उद्यान की ओर से आप सब की यह दीवाली मंगलमय हो यह कामना है।
राजीव रंजन प्रसाद
 

-YAMINI.gif) आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं। क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं। बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ।
बच्चो,
प्यारी-प्यारी आवाज़ों सुनिए प्यारी-प्यारी कविताएँ और कहानियाँ। क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों? अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए। तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया। आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में। एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं। पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।


 बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
 
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7 पाठकों का कहना है :
राजीव जी,
दीवाली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ।
-विश्व दीपक
दीवाली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत सुंदर और वहतारीन रचना , अच्छी लगी !ज्योति - पर्व की ढेर सारी बधाईयाँ !
अच्छा संदेश
राजीव जी
सुन्दर जानकारी दी और भाषण भी नहीं दिया । बधाई
राजीव जी
बहुत ही बढ़िया बात कही है । आशा है हमारे बच्चे इससे प्रेरणा लेंगें । महापुरूषों का आदर्श बच्चों को देने की बहुत आवश्यकता है । ऐसी शैली में लिखी रचना की प्रतीक्षा रहेगी । सस्नेह
दीवाली की सबको हार्दिक शुभकामनाएँ।
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