Friday, November 9, 2007

दीपावली विशेषांक भाग-४

प्यारे बच्चो,

आज दीपावली है। यह प्रकाश का त्योहार "तमसो मा ज्योतिर्गमय" का संदेश ले कर आता है यानी कि अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का मार्ग। उजाला आपको अपने भीतर पहुँचाना है, अपनी कमियों को दूर कर और अपने लिये नये संकल्प ले कर। हमारे देश को आजाद हुए ६० वर्ष हो गये लेकिन आज स्थिति यह है कि हम निरंतर ऐसे अंधेरे की ओर बढ़ रहे हैं जहाँ आदमी और आदमी में अंतर है, जहाँ धर्म, रंग और जाति के नाम पर अब भी झगड़े होते हैं। यह शर्मनाक है। आप इसे आज समझ लो, जिससे कि आपकी पीढ़ी जब कर्णधार बने तो यह देश आप पर गर्व कर सके। जो बच्चे अपने भीतर ऊँचे आदर्श रखते हैं वे ही कल के भगत सिंह, सुभाष और गाँधी होंगे।

आज खूब पटाखे चलायें क्योंकि खुशी मनाना बच्चों का अधिकार है। बड़ों का काम है भाषण देना और इसी लिये अंकल आज के दिन भी आपको लेक्चर दे रहे हैं। नहीं बच्चों आज और लेक्चर नहीं बस मस्ती (लेकिन सावधानी से)। आप सबने अपनी दीवाली कैसे मनायी हमें अवश्य बताना और दीपक और पटाखों के साथ अगर आपके पापा ने आपकी कोई तस्वीर खींची हो तो उसे अपने अंकल को bu.hindyugm@gmail.com पर ई-मेल कर दो। आपकी फोटो हम प्रकाशित भी करेंगे। बाल-उद्यान की ओर से आप सब की यह दीवाली मंगलमय हो यह कामना है।

राजीव रंजन प्रसाद


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7 पाठकों का कहना है :

विश्व दीपक का कहना है कि -

राजीव जी,
दीवाली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ।

-विश्व दीपक

परमजीत सिहँ बाली का कहना है कि -

दीवाली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ।

रवीन्द्र प्रभात का कहना है कि -

बहुत सुंदर और वहतारीन रचना , अच्छी लगी !ज्योति - पर्व की ढेर सारी बधाईयाँ !

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

अच्छा संदेश

शोभा का कहना है कि -

राजीव जी
सुन्दर जानकारी दी और भाषण भी नहीं दिया । बधाई

शोभा का कहना है कि -

राजीव जी
बहुत ही बढ़िया बात कही है । आशा है हमारे बच्चे इससे प्रेरणा लेंगें । महापुरूषों का आदर्श बच्चों को देने की बहुत आवश्यकता है । ऐसी शैली में लिखी रचना की प्रतीक्षा रहेगी । सस्नेह

अभिषेक सागर का कहना है कि -

दीवाली की सबको हार्दिक शुभकामनाएँ।

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