Wednesday, November 14, 2007

"देखो कितना प्यारा छत्ता"


देखो कितना प्यारा छत्ता
मधुमक्खी का न्यारा छत्ता,
अन्दर से तो मॉम मुलायम
बाहर बहुत करारा छत्ता ।



मधुमक्खी उड़ उड़ कर जातीं
फूलों से रस माँग के लातीं,
रानी करती बस निगरानी
बना ये श्रमिक द्वारा छत्ता ।



लाख कोठरे एक भवन में
शक्ति है जी संगठन में,
नाच नचा देतीं हें सबको
पत्थर से जो मारा छत्ता ।



ये है असली की मधुशाला
मधुर मधुरतम इसकी हाला,
दो दिन से तो कुछ कम सा था
आज फिर बढा दुबारा छत्ता ।


धीरे-धीरे बडा हो रहा
जैसे मटका घडा हो रहा,
रंध्र रंध्र मकरंद हवा से,
ज्यों कोई बढे गुबारा छत्ता ।

देखो कितना प्यारा छत्ता

मधुमक्खी का न्यारा छत्ता


आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

12 पाठकों का कहना है :

Unknown का कहना है कि -

भूपेन्द्र जी

मधु मक्खी के श्रम साध्य मीठे शहद की तरह ही प्यारे बच्चों के लिये रंग बिरंगे चित्रों से सजी रचना
सप्रेम

शोभा का कहना है कि -

भूपेन्द्र जी
प्यारी सी कविता लिखी है । साथ ही मधुमक्खी निरन्तर संघर्ष का भी प्रतीक है । आप हम सब प्रयास करेंगें कि मधुमक्खी के समान ही मधु का संचय कर अपने बच्चों को अपनी विरासत सौंप सकें । सस्नेह

परमजीत सिहँ बाली का कहना है कि -

बहुत बढिया बाल कविता है।बधाई।

रंजू भाटिया का कहना है कि -

मीठे मीठे शहद सी है प्यारी सी कविता
इस कविता के हर लफ्ज़ ने बच्चो का दिल है जीता
छत्ते के बारे में आपने खूब अच्छे से बताया
पढ़ के इसको हमें बहुत मज़ा आया !!

Dr. Zakir Ali Rajnish का कहना है कि -

गजल के फार्मेट में आपकी कविता पढकर अच्छा लगा। मेरी समझ से इस फार्मेट में उद्यान पर छपने वाली यह पहली कविता है। बहुत-बहुत बधाई।

SahityaShilpi का कहना है कि -

बहुत सुंदर भूपेन्द्र जी! बहुत बहुत बधाई इस सुंदर कविता के लिये!

Mohinder56 का कहना है कि -

राघव जी,
सुन्दर रचना के माध्यम से आपने श्रम और संगठन का जो संदेश दिया है वह सराहनीय है.

बधाई

विश्व दीपक का कहना है कि -

भूपेन्द्र जी,
बहुत हीं प्यारी कविता है...मधु के बारे में सुनकर मुँह में पानी आ गए...

-विश्व दीपक 'तन्हा'

अभिषेक सागर का कहना है कि -

राघव जी,
बहुत सुंदर कविता।

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

राघव जी, आप बहुत बधाई के पात्र हैं। इस कविता की रवानगी देखते ही बनती है।

*** राजीव रंजन प्रसाद

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

भूपेन्द्र जी,

आप तो बच्चों के सबसे प्रिय कवि हो जायेंगे। बहुत बढ़िया।

तरूश्री शर्मा का कहना है कि -

भूपेन्द्र जी,
बटरफ्लाई और देखो कितना प्यारा छत्ता कविताएं बेहद खूबसूरत हैं। आपको साधुवाद। मैं जयपुर से बच्चों की पत्रिका का सम्पादन कार्य देख रही हूं। अगर आपकी इजाजत हो तो हम इन्हें अपनी बच्चों की पत्रिका में प्रकाशित करना चाहेंगे। कृपया जवाब दें।
धन्यवाद

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)