Saturday, June 14, 2008

स्कॉटलैंड के बच्चे

अवनीश एस॰ तिवारी इन दिनों स्कॉटलैंड में हैं। इन्हें बच्चों से बहुत प्यार है। बच्चे किसी देश की सीमा या परिधि से विभाजित नहीं होते | वे इस सब से अछूते रहते है और सभी को अच्छे लगते है | अवनीश जी ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर के खूबसूरत बच्चों के कुछ छाया चित्र खींची है और उनपर कुछ पंक्तियाँ लिख भेजी है।

ये विदेशी बच्चे गोरे चिट्टे, गोल-मटोल,
कभी चिल्लाते कभी धीरे से देते बोल,

भूरे-भूरे बाल सर पर बिखरे ,
देखो कैसा भोलापन इनका निखरे,

लप-लुप करती मटकती आँखे नीली,
गुलाबी गालों के बीच मुस्कान भी खिली,

डेविड, जोन और है स्वीटी,
रोजी, ट्विंकल के संग खेलती किटी,

मासूम, भोले इन बचपन को मैं निहारुँ,
क्लेशमुक्त इस जीवन पर अपना जीवन वारुँ|

-- अवनीश तिवारी
०९-०५-२००८










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6 पाठकों का कहना है :

Pramendra Pratap Singh का कहना है कि -

जितनी अच्‍छे चित्र है उतनी ही अच्‍छी कविता, पढ़कर आनंद आ गया

सीमा सचदेव का कहना है कि -

bachcho ki tasveere bahut hi pyaari hai ,bas ham to itna hi kahenge ki bachche koi bhi ho ,maasoom aur har desh videsh ki seemaayon se pare hote hai tabhi to bachapan bhola hota hai , sach hi to kahte hai bachcho me bhagvaan ki moorat hoti hai .

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

सर पर भूरे भूरे बाल
कपोलों पर ज्यूँ लगा गुलाल
की देखो नन्हें से गोपाल
चलें सब मस्तानी सी चाल
कि स्वीटी किट्टी डेविड रोजी
टिवंकल जोन बडे मनमोजी
चेहरे प्यारे से मासूम
मन करता है लूँ जा चूम
उमडता है हर दिल में प्यार
देखकर बच्चों का संसार
स्कॉटलैड हो या जापान
भारत पाक या हो इरान
सीमा रेखा से अंजान
बच्चे माँ धरती के शान

अवनीश जी की क्लिक
और बच्चों की किलकारी
सुपर डुपर हिट और प्यारी
प्यारे बच्चों से मिलवाया
हम सब हैं आपके आभारी

Kavi Kulwant का कहना है कि -

अरे वाह अवनीश जी..खूब बहुत खूब

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बच्चे तो बच्चे होते हैं ..और बहुत ही प्यारे होते हैं ..कविता बहुत अच्छी लगी चित्रों के साथ अपनी भी सैर हो गई वहाँ की :)

संत शर्मा का कहना है कि -

Tashwir aur kavita dono hi khubsurat hai bhai.

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