Monday, June 16, 2008

पितृ-दिवस पर कुछ विशेष जानकारी

नमस्कार बच्चो,
कैसे है आप सब ? सर्व-प्रथम तो आप सबको पितृ-दिवस की बहुत-बहुत बधाई |आज पितृ-दिवस है और आप सब अपने पापा से प्यार करते है ना |तो चलो आज मै आपको कुछ ऐसे लोगो की बाते बताती हूँ जो अपने माता-पिता से बहुत प्यार करते थे |

१. आपने श्रवण कुमार का नाम तो सुना ही होगा ,वह अपने माता-पिता का एकलौता सुपुत्र था |श्रवण कुमार के माता-पिता दोनो अन्धे थे |वो श्रवण कुमार से बहुत प्यार करते थे और श्रवण कुमार भी अपने माता-पिता की हर आज्ञा का खुशी-खुशी पालन करता था | एक बार श्रवण कुमार से उसके माता-पिता ने कहा कि हमारी सभी तीर्थ-स्थानो की यात्रा करने की तमन्ना है |तब आवाजाई के साधन तो थे नही और माता-पिता दोनो ही देख नही सकते थे |लेकिन श्रवण कुमार तो अपने माता-पिता की इच्छा को पूरा करना चाहता था तो उसने एक वन्झली बनाई और उसमे एक तरफ अपनी माता और दूसरी तरफ अपने पिता को बिठा कर निकल पडा तीर्थ-स्थानो की यात्रा पर |उसने अपने माता-पिता को कन्धो पर उठा कर बहुत सारे तीर्थ-स्थानो की यात्रा कराई और एक दिन जब चलते-चलते उसके माता-पिता को प्यास लगी तो वह माता पिता को उनको एक जगह पर बिठा कर पास मे बहती नदी से पानी लेने चला गया |जब वह नदी से पानी भर रहा था तो राजा दशरथ ने दूर से आवाज सुनी और कोई जन्गली जानवर समझ कर तीर चला दिया और वह तीर श्रवण कुमार को लगा |उसने वही दम तोड दिया और जब उसकी मृत्यु का उसके माता-पिता को पता चला तो वह अपने पुत्र का वियोग नही सह पाए और उन्होने भी वही अपने प्राण त्याग दिए | यह था उनका आपस का प्यार |

२. बच्चो श्री राम के बारे मे तो आपने सबने ही सुन रखा होगा |वो भी अपने माता-पिता से बहुत प्यार करते थे |जब उनके पिता राजा दशरथ से उनकी छोटी माँ कैकई ने राम को वन भेजने का वचन माँगा तो श्री राम ने अपने पिता का माँ कैकई को दिया हुआ वचन पूरा करने के लिए चौदह वर्ष का वनवास सहर्ष स्वीकार कर लिया क्योन्कि वो नही चाहते थे कि उनके पिता पर वचन ना पूरा करने का कलन्क लग जाए और खुशी खुशी चौदह वर्ष के लिए वन को चले गए और उनके पिता राजा दशरथ भी अपने सुपुत्र श्री राम से इतना प्यार करते थे कि वह राम के वन जाने की बात सह ना पाए और वही पर अपने प्राण त्याग दिए | यह उनका अथाह प्यार ही था |


३. अब मै आपको श्री कृष्ण के बारे मे बताती हूँ |श्री कृष्ण का जब जन्म हुआ तो उसके माता-पिता जेल मे थे क्योंकि श्री कृष्ण के मामा कंस जानते थे कि उनका बेटा उसको मारने वाला होगा |कन्स चाह्ता था कि जैसे ही श्री-कृष्ण का जन्म होगा वह उसे मार देगा |इस तरह श्री-कृष्ण उसे कभी भी मार नही सकेगा ,लेकिन कुदरत को तो कुछ और ही मन्जूर था |जैसे ही उनका जन्म हुआ जेल अपने आप खुल गई और श्री कृष्ण के पिता रात के अन्धेरे मे सबसे छुप-छुपा कर गोकुल नन्द और यशोदा के घर छोड आए और अपने पुत्र की रक्षा की और श्री कृष्ण को बडे होकर जैसे ही अपने माता-पिता के बारे मे पता चला तो उनको कन्स की कैद से मुक्त करवाने के लिए उन्होने केवल ग्यारह वर्ष की आयु मे ही कन्स का वध करके अपने माता-पिता वासुदेव और देवकी को आजाद करवाया |यह माता-पिता का अपने बेटे के लिए प्यार ही था कि वह बहुत वर्षो तक जेल मे रहे लेकिन फिर भी अपने पुत्र की रक्षा की और श्री-कृष्ण का अपने माता-पिता से सच्च प्यार ही था जो उन्होने कन्स का वध करके उनको आजाद करवाया |

देखा आपने बच्चो माता-पिता अपने बच्चो से और अच्छे बच्चे अपने माता-पिता से कितना प्यार करते है | माता-पिता से बढकर दुनिया मे कोई नही है |तो आप भी वादा करो कि आप अपने माता-पिता से हमेशा प्यार करोगे और उनकी हर बात मानोगे |
पितृ-दिवस की आप सबको हार्दिक बधाई | सीमा सचदेव


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4 पाठकों का कहना है :

Pooja Anil का कहना है कि -

सीमा जी ,

एकदम सच लिखा है कि माता पिता से बढ़कर दुनिया में कोई नहीं होता. बच्चों के लिए बहुत ही प्रेरणा दायक कहानियाँ लेकर आयी हैं आप. धन्यवाद . पितृ दिवस की हार्दिक बधाई .

^^पूजा अनिल

Kavi Kulwant का कहना है कि -

very nice seema Ji!

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने सीमा जी पितृ दिवस की हार्दिक बधाई!!

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

सीमा जी,

सुन्दर कथोपदेश, पितृ भक्त विभूतियों को शत-शत नमन

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