Sunday, May 11, 2008

मुन्ना और माँ

बच्चो,

आज मदर्ड डे है। वादा करो कि तुम सभी अपनी-अपनी माँ से खूब सारा प्यार करोगे, कभी उनका दिल नहीं दुखाओगे। हम इस अवसर पर आप सबके लिए आपके छोटे साथी राघव की एक कविता और हम सभी कि प्रिय सीमा सचदेव की एक कविता लाये हैं। पढ़ो और तुम भी माँ का अपने जीवन में महत्व समझो।

बच्चे की सेवा में जो पसीना बहाती हैं,
बच्चे की खुशी के लिए जो अपना खून सुखाती हैं
अपने आँख के तारे को जो पलकों पर सजाती हैं
वह सम्मान पाती हैं, वह महान कहलाती हैं

अपने दिल के टुकड़े के हर घाँव जो भरती हैं
अपने न्यारे-प्यारे के हर दुःख जो हरती हैं
अपने लाडले को संकट से बचने को, पूरे समाज से लड़ती हैं
वह खाव भरता हैं, वह हर दुःख हरता हैं

जिसने रात को उसे लोरी खूब सुनाई हैं
ख़ुद गीले में रह कर उसे सूखे में सुलाई हैं
ख़ुद जाग कर झूले उसे झुलाई हैं
हम बच्चों के मन में इज्जत और मान उसी ने पाई हैं
और वो महान देवी एक माँ कहलाई हैं

-राघव शर्मा



मम्मी और मुन्ना

इक दिन माँ से मुन्ना बोला
छोटा सा पर बड़ा मुँह खोला
आओ माँ टी.वी पे देखो
वैसा घोला(घोड़ा)मुझे भी ले दो
मै भी घोले पे बैठूँगा
फिर न कभी भी मै रोऊँगा
मुन्ने ने ऐसी जिद्द मारी
चाहिए अभी घोड़े की सवारी

माँ ने मुन्ने को समझाया
तरह तरह से भी ललचाया
ले लो चाहे कोई खिलौना
पर घोड़े के लिए न रोना
घोड़ा जो लातों से मारे
तो दिख जाएँ दिन मे तारे
तुम घोड़े को कहाँ बाँधोगे ?
भूखा होगा तो क्या करोगे ?

पर नन्हा सा मुन्ना प्यारा
दिखाया गुस्सा सारा का सारा
जब तक घोला नहीं मिलेगा
तब तक कुछ भी न खाऊँगा
न तो किसी से बात कलूँगा(करूँगा)
न ही खिलौनो संग खेलूँगा
करती क्या अब माँ बेचारी ?
घोड़े की तो कीमत भारी
कैसे मुन्ने को समझाए ?
और घोड़े की जिद्द हटाए


आया माँ को एक ख्याल
चली समझदारी की चाल
ले गई एक खिलौना घर
जहाँ पे बच्चे खेलते अकसर
भरा खिलौनों से वो घर
एक से बढ़कर एक थे सुन्दर

वहाँ पे था लकड़ी का घोड़ा
चलता था जो थोड़ा-थोड़ा
उस पर मुन्ने को बिठाया
और फिर घोड़े को घुमाया
पकड़ लिया मुन्ने ने घोड़ा
घोड़ा दुम दबा के दौड़ा

इतने मे मुन्ना खुश हो गया
मम्मी का मसला हल हो गया
माँ बेटा दोनो खुश हो गए
हँसते-हँसते वो घर को गए
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मातृ- दिवस की सभी माताओ और बच्चो को हार्दिक बधाई.......सीमा सचदेव
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सभी चित्रः द्वारा- सीमा सचदेव


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10 पाठकों का कहना है :

सीमा सचदेव का कहना है कि -

राघव आपकी कविता बहुत ही प्यारी है और माँ के लिए बेटे की तरफ़ से इस से बढ़कर उपहार क्या होगा |मात्री दिवस की बहुत बहुत बधाई .....सीमा सचदेव

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

सुंदर |
सभी को बधाई |

-- अवनीश तिवारी

शोभा का कहना है कि -

राघव बेटा
तुमने बहुत सुन्दर कविता लिखी है और अपने दिल के भावों को सुन्दर रूप में प्रस्तुत किया है। तुम्हारी माँ बहुत खुशनसीब है जिसको इतना प्रतिभाशाली और समझदार बेटा मिला है। ऐसे ही लिखते रहो और माँ का नाम रौशन करो।
सीमा जी
आप बहुत अच्छी बाल कविताएँ लिखती हैं । बधाई

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत बहुत सुंदर माँ के लिए लिखा हर शब्द बहुत अच्छा लगता है आपने बहुत ही अच्छा लिखा है राघव .सीमा जी आपकी कविता भी अच्छी लगी

Pooja Anil का कहना है कि -

राघव ,
तुम वाकई प्रतिभा के धनी हो , तुम्हारी कविता पढ़ना बहुत अच्छा लगा, एक दिन अवश्य अपनी माँ का नाम रोशन करोगे,
बहुत सारी शुभकामनाएँ

सीमाजी,
कितनी आसानी से माँ और मुन्ना दोनों की समस्या हल कर दी .. आपकी बाल उद्यान के लिए लिखी गयी कविताएँ बहुत ही अच्छी लगती हैं , अबकी बार आपके भेजे हुए चित्र भी कुछ कम नहीं हैं , बहुत सुंदर, बधाई स्वीकारें

^^पूजा अनिल

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

मातृ दिवस पर इतनी प्यारी प्यारी माँ को समर्पित रचानायें पढना बहुत अच्छा लगा..

एक मेरा *नाम राशी (*राघव)
एक उलट के बनती *मासी (*सीमा)
दोनो की रचानाये ही मुझे
दिखती प्यारी माँ सी

तो.. सीमा जी को बधाई
और राघव को शाबाशी..

अभिषेक सागर का कहना है कि -

बहुत सुंदर रचनायें।

दोमो को बहुत बहुत बधाई

Kavi Kulwant का कहना है कि -

सीमा जी.. बेहद खूबसूरत..कविता

Kavi Kulwant का कहना है कि -

राघव जी बहुत अच्छा कहा..

Sushma Garg का कहना है कि -

राघव बेटा, बहुत भाव भरी कविता कही है आपने, बहुत अच्छी लगी.
सीमा जी, आपकी कविता भी बहुत बढ़िया लगी.
दोनों को बधाई.

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