कविता रूप में रामायण (भाग-1)
बाल-उद्यान के बालकवि श्री राघव शर्मा की कुछ कविताएँ हम पहले भी प्रकाशित कर चुके हैं। राघव ने रामायण को अपने तरीके से लिखना शुरू किया है। जिसका पहला भाग लेकर हम आज आपके सामने प्रस्तुत हैं।
रामायण-1
राजा दशरथ थे चिंता में लेटे,
सोच रहे थे मेरे नही हैं बेटे
वह थे चिंता से बिल्कुल मौन,
मेरे बाद अयोध्या पति बनेगा कौन
एक दिन आए ऋषि वशिष्ठ और दिया सुझाव एक,
दूर गुफा में हैं एक संत बड़े ही नेक
उनसे करवाओ एक दिव्य यज्ञ
ताकि अयोध्या की कीर्ति हो जाय सर्वज्ञ
कुछ समय पश्चात, झूम उठी अयोध्या सारी,
खिल उठी ठेरों फूलों की क्यारी
राजा की थी तीन रानियाँ प्यारी,
कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी सबसे दुलारी
फलीभूत हुआ दिव्य यज्ञ जब
अयोध्या में खुशियाँ सर्वज्ञ तब
खुशियोँ की छा गयी बहार
देवो ने गाये मंगलाचार
उस दिन था बड़ा ही शुभवार,
जब जनम लिए विष्णु अवतार
राघव शर्मा की अब तक प्रकाशित कविताएँ-
मेरे सपनों की दुनिया
ये नव वर्ष
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
11 पाठकों का कहना है :
Raghav itani choti umar me tumhaare is pryaas ke liye kya kahe.Nishay hi tum pratibhashaali ho ,tumhaari kavita ke liye kuch n kah kar bas shubh-kaamnaayen doongi.lage raho aur jab bade ho jaaoge to isko punn sudhaar lena, abhi to itna karna bhi bahut badi baat hai ,SHUBH AASHISH.....seema sachdev
राघव,
बहुत ही सुन्दर तरीके से रामायण को प्रस्तुत करना शुरू किया है. बधाई. अगले भागों का इंतजार रहेगा.
राघव बेटा
रामायण एक ऐसी कथा है जिसको जितनी बार पढ़ा जाए, उतनी ही बार नए अर्थ मिलते हैं। मैं बहुत खुश हूँ कि देश की नऐ पौध इस विषय पर सोचती और लिखती है। इसी प्रकार लिखते रहें। आशीर्वाद सहित
बहुत अच्छे राघव ..बहुत ही सुंदर प्रयास किया है आपने .बहुत अच्छा लगा देख के
मेरे नन्हें मित्र,
बहुत सुंदर रचना , मुझे विश्वास है भविष्य में इस मंच पर नियमित रूपसे तुमसे भेंट होती रहेगी !
शुभकामना सहित.
'राघव' ने लो कर दिया राघव गाथा गान ।
राघव निश्चित जानिये 'राघव' कवि महान ॥
लगे रहो मुन्ना 'भाई'
बहुत बहुत बधाई
-राघव- 2
राघव ,
इतनी छोटी सी उम्र में आपने बहुत ही सुंदर तरीके से रामायण लिखी है, इसके अगले भाग का इंतज़ार रहेगा , आपको ढेरों शुभकामनाएं,
^^पूजा अनिल
राघव एक कवि ह्रदय व्यक्तितव लिये है.एक सफल कवि होने की संभावनाये मौजूद हैं इसमें.अनेकानेक शुभकामनाएं
श्यामसखा ‘श्याम’
इसका शीर्षक रखा जाए
राघव रामायण .
कमल है भी ये तो.
बल-कवि को बड़ी बधाई.
त्रुटि संशोधन -
कमल = कमाल
बल = बाल .
---------------------
धन्यवाद
राघव ka matlab kaya hota hai?
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)