हितोपदेश - ११.शेर और खरगोश
शेर और खरगोश
एक शेर जंगल का राजा
खाता पीता मोटा ताजा
जानवरों की हत्या करता
मजे से अपना पेट वो भरता
दुखी थे उससे जानवर सारे
इक दिन सारे मिलके विचारें
क्यों न कोई युक्ति लगाएं
जंगल में सुरक्षित हो जाएं
सबने सोचा एक उपाय
शेर रोज इक जानवर खाए
जी पाएंगे बाकी जानवर
शेर का पेट जाएगा भर
सूची मिलकर एक बनाई
शेर को अपनी बात बताई
रोज एक जानवर तुम खाओ
बाकी सबको नहीं सताओ
रोज एक आएगा जानवर
भरना पेट तुम उसको खाकर
शेर भी खुश था यह सब सुनकर
घूमें सब जंगल मे जाकर
रोज एक जानवर वहां जाता
शेर उसे आराम से खाता
इक दिन इक खरगोश की बारी
भूला वो मर्यादा सारी
मन मे था वो बडा उदास
सोचा एक उपाय खास
देखा कुंआ था पथ पर
कुछ देर मे तो जाएगा मर
क्यों न वो कुएँ पर जाए
शान्ति से कुछ समय बिताए
देखी कुएँ मे परछाई
मन मे उसके सोझी आई
क्यों न शेर को इसमे गिराए
बाकी सबकी जान बचाए
सोच के करने लगा अराम
और देखा जब हो गई शाम
भाग के गया शेर के पास
बोला खाओ मेरा मास
शेर था भूख से बेहाल
हो गई उसकी आंखें लाल
एक तो हो तुम बहुत ही छोटे
ऊपर से नियत के खोटे
कितनी देर से भूखे हम
पर जल्दी न आए तुम
इतना समय कहां पे बिताया
जो तू सुबह का शाम को आया
सर झुका बोला खरगोश
इसमे नहीं मेरा कोई दोष
मुझको क्षमा करो महाराज
पर नहीं जानो तुम यह राज
शेर है इक जंगल मे और
दिखाता है पशुओं पे जोर
खुद को वो राजा कहता है
और कुएं मे वो रहता है
मिल गया था मुझे मार्ग पर
बोला आओ मेरे घर
करने लगा मुझसे तकरार
कहता मेरा क्या विचार
कौन है अब जंगल का राजा
मै या शेर वो मोटा ताजा
पर मैने उसको समझाया
राजा तुमको ही बताया
मुश्किल से मै जान छुडा कर
यहां पे पहुँचा हूँ अब जाकर
जो मेरा न हो विश्वास
देखो वहीं कुएँ के पास
सुनकर शेर को गुस्सा आया
भूखा ही कुएँ पर आया
कुएँ मे जब उसने देखा
देख के रह गया वो भौचक्का
कुएँ मे तो थी परछाई
पर न बात समझ मे आई
बोला यह छुप कर रहता है
और खुद को राजा कहता है
गुस्से मे दहाड लगाई
कुएँ से वापिस ध्वनि आई
सहनशक्ति का हो गया अंत
मारेगा अब उसे तुरंत
कूद गया न कुछ भी सोचा
शेर के संग मे हो गया धोखा
छोटा सा खरगोश प्यारा
चालाकी से शेर को मारा
खुश थे सारे सुनकर बात
जैसे मिली हो कोई सौगात
शेर से सबको मिल गई राहत
अब न होगा कोई भी आहत
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प्यारे बच्चो आपने यह कहानी पहले भी बहुत बार सुनी होगी क्या आपने कभी सोचा कि अगर शेर
कुएँ से किसी तरह निकल गया हो तो फिर वो क्या करेगा ? सोच के बताना , नही तो मै बताऊंगी
एक और कहानी के माध्यम से कि शेर क्या करेगा ?
चित्रकार- मनु बेतख्लुस
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पाठक का कहना है :
sabse pahley to wo mr.natwarlal ko
dhoondhega jo aaj tak jinda hain ,bachchon ko kahaani me bataate hain aur sher ko badnaam karte hain ,ki wo unhe khaa gaya hai .hahahahahahahaahha
manu ji aap ki baal udyaan me challang ka bahut bahut shukriya .
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