शेर और खरगोश
नमस्कार बच्चो
कैसे हैं आप सब लोग अभी कुछ दिन पूर्व मैने आपको हितोपदेश की कहानी शेर और खरगोश सुनाई और एक प्रश्न भी पूछा था अगर शेर किसी तरह से कुंए से बाहर निकल आया हो तो वो क्या करेगा लेकिन आपने जवाब नही दिया केवल नीलम जी को छोड कर ,पर वो तो बच्चों की मम्मी हैं न ,परन्तु उनका विचार बहुत अच्छा था अब उस पर एक और नई कहानी लिखनी पडेगी
जब तक कुछ और लिखें तब तक पढिए मेरा विचार कि शेर ने क्या किया होगा
शेर और खरगोश
एक था शेर एक खरगोश
दोनों में भरा हुआ था जोश
शेर तो था जंगल का राजा
खाता-पीता, मोटा-ताज़ा
पर छोटा सा था खरगोश
उसमें सारी समझ औ सोच
शेर के मन में बदला भरा था
खरगोश का धोखा नहीँ भूला था
धोखे से कुएँ पे बुलाया
चालाकी से उसे गिराया
सबमें समझदार कहलाया
मिलकर मेरा मज़ाक बनाया
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अब मैं उस संग चाल चलूँगा
उसके किए का बदला लूँगा
शेर ने अपना दिमाग़ लड़ाया
नये साल का कार्ड बनाया
शुभ-कामना संदेश भिजवाया
खरगोश को अपने घर पे बुलाया
साथ ही उसने यह कहलवाया
अब यह मेरी समझ में आया
तुम हो मेरे छोटे भाई
बंद करो अब सारी लड़ाई
छोड़ दो अब वो पुरानी बात
रहेंगे अब हम दोनों साथ
अब तुम मेरे घर पे आना
बीवी और बच्चे भी लाना
खरगोश जो पहले से होशियार
समझा शेर के बुरे विचार
बोला मैं ज़रूर आऊंगा
सारा खानदान लाऊंगा
खरगोश ने भी तरकीब लगाई
उसने सारी मीडिया बुलाई
पुलिस को भी जा उसने बताया
शेर का सारा किस्सा सुनाया
सी.सी.टी.वी भी लगवाया
घर के बाहर सबको छुपाया
पहुँच गया था तय समय पे
शेर भी अब बैठा था मज़े में
तीसरी आँख से बेख़बर था
बदला लेने को बेसबर था
सबकी उसने खूब की सेवा
खाना फल और साथ में मेवा
सबने खाना मज़े से खाया
खाना खा के आनंद आया
अब था शेर ने लेना बदला
देखते ही सब पर धावा बोला
जैसे ही शेर ने धावा बोला
पुलिस ने आ दरवाज़ा खोला
खरगोश ने शेर को फिर फँसवाया
उसको चिड़ियाघर पहुँचाया
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4 पाठकों का कहना है :
सीमजि बहुत ही बदिया मनोरंजक लिख्ती है आप बधाई
haan yahi karna tha bahut khoob ant
achchhi soch
rachana
didi asa to mane pali bari he pda ha svapna]]]
बहुत सुंदर सीमा जी.
आलोक सिंह "साहिल"
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