दीपावली पर संदेश
सब करते हैं, ये उम्मीद, आयें लक्ष्मी द्वार पे उनके, तो हमें यह कुछ पल मिलते हैं, अपने रोजगार से अलग अपने चेहरों पर एक मुस्कान लाने के लिए और हम सोचते हैं कि इस बार की तरह ही अगले वर्ष भी यह धूम फिर मचेगी, फिर मचेगी, हाँ फिर मचेगी |
--पाखी मिश्रा
दीपावली -त्योहार रोशनी का
दीपावली के शुभ अवसर पर सबसे पहले सबको बहुत सा प्यार और शुभकामनाएं, तो इस बार मेरे मन में कुछ विचार हैं, उनको एक कविता के द्बारा प्रस्तुत करना चाहूंगी |
शुभ कामनाएं एवं बधाईयाँ
सुने हम सब राम की कहानियां,
हर तरफ़ खुशियों के भण्डार
जाएँ हम एक दूसरे के द्वार
लेकर हाथ में बहुत से उपहार ,
खुशी और उल्लास की लहर छा जाए ,
मिलकर हम सब ऐसे गीत गायें ,
सजाएं अपने घर को दीयों और मोमबत्तियों से |
जो फैलाएं रोशनी दूर दूर तक ,
नए नए कपड़े पहन कर ,
लिए हाथ में ढेर से फल ,
चढाएं हम लक्ष्मी और गणेश को ,
करें पूजा उनकी हम शाम को
इस दिन को हम कर लेते हैं अपने यादगार पलों में शामिल ,
क्यूँकि साल में एक ही बार तो आता है यह त्योहार
--पाखी मिश्रा
(लेखिका बाल भारती विद्यालय में 6वीं कक्षा की छात्रा हैं)
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5 पाठकों का कहना है :
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति.
हैप्पी दिवाली.
आलोक सिंह "साहिल"
पाखी रानी,
आपने बड़ी अच्छी कविता बनाई है, हमें तो पढने में बहुत अच्छी लगी और हम इसे अपनी बिटिया को भी पढ़कर सुनायेंगे , जब वो स्कूल से लौट कर आएगी.
आप बहुत अच्छा लिखती हैं और इसी तरह लिखती रहिये और हम आपको इसी तरह पढ़ते रहेंगे . ढेर सारा प्यार और दिवाली की शुभकामनाएं ,
पाखी जी,
आप बहुत प्रतिभाशाली हैं। आपका संदेश और आपकी कविता इसका प्रमाण हैं। इसी तरह से लिखती रहें।
पाखी ,तुम अभी से इतना अच्छा लिखती हो ,कमाल है |
वाव, वंडर्फुल..
कविता पढ पढ हो गये मंत्र मुग्ध श्रीमान
सुन्दर से त्योहार का सुन्दर किया बखान
सुन्दर किया बखान शब्द अति सुन्दर प्यारे
मुख से बरबस निकले पाखी वाह वाह रे
बढो चढो तुम शिखर को छू लो आगे बढ़ बढ
बार बार आशीश हृदय से कविता पढ़ पढ.
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