Wednesday, October 8, 2008

नवमं सिद्धीदात्री


मेरे देश की आशाओं!
आज राम नवमी है। आज सिद्धिदात्री रूप में माँ भगवती की पूजा करते हैं। आज इनकी पूजा करने से आठ सिद्धियाँ- अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति,प्राकाम्य, ईशित्व और वाशित्व प्राप्त होती हैं। पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने भी इनकी ही कृपा से इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी कृपा से प्रभु का आधा शरीर देवी का हुआ था और वे अर्धनारीश्वर नाम से जाने गए।
हम सबका कर्तव्य है कि माँ सिद्धिदात्री की कृपा पाने के लिए प्रयत्न करें। इनकी उपासना पूर्ण होने पर सभी कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। माँ सरल स्वभाव की हैं। अतः उनकी उपासना भी सरल मन से करनी चाहिए। तन की ही नहीं मन की भी सरलता अपेक्षित है। आओ हम सब मिलकर एक साथ माँ की जय-जय कार करें और कहें-
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे। सर्व स्यातिहरे देवि नारायणी नमोस्तुते।


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3 पाठकों का कहना है :

दीपक कुमार भानरे का कहना है कि -

देवी के आठ सिद्धियों के साथ उनकी महिमा और महत्त्व का वर्णन करने लिए साधुवाद . जय माता दी .

Kavi Kulwant का कहना है कि -

Great work! shobha ji!
congratulations..for the inspirational words..

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे। सर्व स्यातिहरे देवि नारायणी नमोस्तुते।

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