Tuesday, November 6, 2007

रंग रंगीले हैं मेरे देश के, हैं रंगीले त्योहार

रंग रंगीले हैं मेरे देश के, हैं रंगीले त्योहार
कभी दिवाली ,कभी है होली के रंगो की फुहार


राखी और भैया दूज़ पर बहनें प्यार लुटाती
नये साल के आते ही सब तरफ़ खुशियाँ हैं छा जाती

दीवाली के दीयो से जगमग करता घर का हर एक कोना
ईद कहती आई हमको सब से गले मिल कर रहो ना


मेरे प्यारे देश का लगता है हर रंग नित नया और मनमोहना
इन्ही त्योहारों से तो सजता है एक सपना सलोना !!


आओ मिल कर हम सब एकता का दीप जलाए
प्यार की मिठास से सबके तन मन को रंग जाए


सब तरफ़ फ़ैल जाए ज्ञान का जगमग उजियाला
सारी दुनिया में हो बस नाम भारत का प्यारा !!


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7 पाठकों का कहना है :

अभिषेक सागर का कहना है कि -

रंजु जी,

बहुत खुब...
क्या खुबसुरत तसवीर पेश की है हमारे देश की

बहुत बहुत बधाई

Mohinder56 का कहना है कि -

सुन्दर लेखाजोखा देश के सभी त्योहारो का सुन्दर चित्रो के साथ... बधाई

Unknown का कहना है कि -

रंजना जी

रंगबिरंगे प्यारे से चित्रों के साथ सारे त्योहरों पर 'काव्यमय कैप्शन' आप हर बार बच्चों के लिये बहुत ही रोचक पूर्ण तरीके से श्रमसाध्य जानकारी ले आते हैं. आपके उत्साह एवं प्रयास के लिये साधुवाद

Sajeev का कहना है कि -

waah bahut khoob

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

रंजना की बच्चों के लिये बहुत ही सही संदेश|

आओ मिल कर हम सब एकता का दीप जलाए
प्यार की मिठास से सबके तन मन को रंग जाए

सचमुच भारत का एसे ही नाम रोशन हो सकता है| बच्चों को एसे संदेश संस्कारित करेंगे| बधाई|

*** राजीव रंजन प्रसाद

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

बाल-उद्यान तो त्योहारमय हो गया। यही होना भी चाहिए। रंजू जी बहुत-बहुत धन्यवाद।

Dr. Zakir Ali Rajnish का कहना है कि -

जितने सुन्दर कविता, उतनी सुंदर कविता। बधाई।

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