Sunday, October 19, 2008

साधु और चूहा

नमस्कार प्यारे बच्चो ,
आपके लिए हमने एक अति लघु प्रयास किया है " हितोपदेश " की
कुछ कहानियोँ को अत्यन्त सहज -सरल भाषा मे कथा-काव्य शैली मे
लिखने का यह कहानियाँ शायद आपने पहले भी पढी-सुनी होँगी
काव्य-कथा के रूप मे पढ कर आपको कैसा लगा ,बताना जरूर
आपके अच्छे सुझावोँ का भी इन्तजार रहेगा तो यह सुनो पहली कहानी...........

साधु और चूहा

इक जञ्गल मे था इक साधु
जानता था वह पूरा जादु
करता रहता प्रभु की भक्ति
आ गई उसमे अदभुत शक्ति
इक दिन उसने लगाई समाधि
गिरा एक चूहा आ गोदि
साधु को आई बहुत दया
चूहे को उसने पाल लिया
पर इक दिन इक बिल्ली आई
देख के चूहे को ललचाई
चूहा तो मन मे गया डर
साधु का हृदय गया भर
उसने अपना जादु चलाया
और चूहे को बिल्ली बनाया
ता कि बिल्ली न खा पाए
और चूहा आजाद हो जाए
कुछ समय तो सुख से बिताया
इक दिन वहाँ पे कुत्ता आया
बिल्ली के पीछे वह भागा
फिर साधु का जादु जागा
बिल्ली से कुत्ता बन जाओ
और कुत्तो से न घबराओ
खुश था चूहा कुत्ता बनकर
घूमे वह जञ्गल मे जाकर
फिर इक दिन इक चीता आया
कुत्ते को उसने खूब भगाया
भागा कुत्ता साधु के पास
बोला मेरा करो विश्वास
खा जाएगा मुझको चीता
फिर कैसे मै रहुँगा जीता
साधु को आ गया रहम
बोला !न पालो यह वहम
जाओ तुम चीता बन जाओ
सुख से अपना जीवन बिताओ
कुत्ते से चीता बन गया
नव-जीवन उसको मिल गया
भले ही वो बन गया था चीता
पर दिल तो चूहे का ही था
चूहे से बढ कर नही कुछ अच्छा
यह साधु नही बिल्कुल सच्चा
लोगो की बातो मे आया
चूहे को चीता क्योँ बनाया
सोचे ! मेरी खोई पहचान
माना न साधु का अहसान
गुस्से से गया वह भर
झपट पडा वह साधु पर
साधु को अब हुआ अहसास
नही करो किसी पर विश्वास
फिर से उसको चूहा बनाया
और फिर उसको यह समझाया
दुष्ट नही बदले स्वभाव
अच्छो को देगा वह घाव
बाते करना लोगोँ का काम
केवल बिगडे अपना दाम
....................
....................
बच्चो तुम भी रखना ध्यान
बडोँ का न करना अपमान
लोगोँ की बातोँ मे न आना
अपनी समझदारी अपनाना


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7 पाठकों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

very sweet seema ji.really knowledgable and sweet as well.
ALOK SINGH "SAHIL"

Kavi Kulwant का कहना है कि -

ing whose work is this..
It could be Semma ji only.. congrats...

Kavi Kulwant का कहना है कि -

I woas wondering...

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -
This comment has been removed by the author.
भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

बहुत बढिया कथा-काव्य रचा है सीमा जी,

प्रतिभा के धनी है आप..

चूहा से बिल्ली बना, बिल्ली से फिर स्वान,
चीता बन गया स्वान लो, लिये गजब मुस्कान
लिये गजब मुस्कान उसी को खाने आया
बख्से जिसने प्राण और यहाँ तक पहुँचाया
हुआ घात-विश्वास, इल्म साधू को हुआ
चतुर बना जो चीता कर दिया फिर से चूहा

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

आपका जवाब नहीं। बहुत बढ़िया। मेरी गुजारिश है कि आप 'हितोपदेश' की सभी कहानियों का काव्यानुवाद कीजिए। बाल-उद्यान पर इसका अलग से खण्ड बनाया जा सकता है।

roushan का कहना है कि -

हमें यकीन है बच्चे पसंद करेंगे कविता में कहानी.

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