चाचा नेहरू ग्रेट हो तुम
फूल गुलाब का प्यारा था
'अराम हराम है' नारा था
सौहार्दय शांति के दूत थे तुम
भारत माता के सपूत थे तुम
आजीवन एक ही लीक रही
सबको मिलती बस सीख रही
सब लेकर हाथ किताब चलें
अपने पैरों पर आप चलें
बच्चा बच्चा स्वाभिमानी हो
और राष्ट्र हेतु बलिदानी हो
तुम ज्ञान गुणों के सागर थे
सचमुच के एक जवाहर थे
तुम अमर सभी के हो दिल में
बच्चों की हँसती महफिल में
चाचा नेहरू ग्रेट हो तुम
बच्चों के फेवरेट हो तुम
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4 पाठकों का कहना है :
आप बहुत अच्छा लिखते है! बच्चे आपसे बहुत खुश रहते होगे, बहुत-बहुत-बधाई!
राघव जी
सुन्दर रूप में चाचा नेहरू पर कविता लिखी है। आपकी भाषा और भाव बहुत बढ़िया हैं । बच्चे ही नहीं बड़े भी अवश्य खुश होंगें।
भूपेंद्र जी ग्रेट हो तुम
बच्चों के फेवरेट हो तुम
बहुत ही मासूम कविता
सादर
रचना
aap jitna badhiya likhte hain ,utna kuch khaas nahi ,
bachchon ke liye samay se kuch prastut kiya uske liye dhanyavaad sweekaaren
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