Monday, November 24, 2008

भारत की नारी-झलकारी

नमस्कार बच्चो,

अभी कुछ दिन पूर्व मैंने आपको झाँसी की रानी (कथा-काव्य) , भारत की दो महान विभूतियां सुनाई । आज सुनाती हूँ- उस वीरांगना की कहानी जिसका नाम इतिहास के पन्नों में कहीं खो गया, जिसकी कुर्बानी किसी राजा-महाराजा से कम न थी, जिसने अपने फर्ज़ के आगे अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया और जिसने ब्रिटिश सरकार को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। हाँ! बच्चो, वो थी भारत की एक बहादुर नारी-झलकारी देवी
झलकारी देवी झाँसी की रानी की मुख्य सेविका और सुरक्षा-कर्मी थी। वह अनपढ़ होते हुए भी काफी सूझ-बूझ वाली बहादुर और दुश्मन का डट कर मुकाबला करने वाली थी। उसका पति और ससुर सेना में सिपाही थे, इसलिए उसमें वीरोचित गुण थे। कहते हैं एक बार झलकारी देवी जंगल में लकडियां लाने गई तो उस पर एक तेंदुए ने हमला कर दिया, बस फिर क्या था, झलकारी केवल एक हँसिया लेकर तेंदुए पर टूट पडी और देखते ही देखते तेंदुए के टुकड़े-टुकड़े हो गये। जब यह खबर रानी लक्ष्मी बाई ने सुनी तो वह बहुत खुश हुई और उसकी बहादुरी से प्रभावित हो उसे अपनी सुरक्षा-कर्मी के रूप मे नियुक्त कर लिया।
जब अंग्रेजो ने झाँसी पर हमला कर किले को चारो तरफ से घेर लिया और कोई रास्ता नहीं बचा तो झलकारी देवी ने अपनी निडरता और समझदारी का सबूत देते हुए रानी लक्ष्मी बाई को हाथी समेत किले की दीवार से कूद जाने और किला छोड देने की सलाह दी और स्वयम् रानी का पहनावा पहन कर रानी की जगह युद्ध मैदान मे उतर गई। अंग्रेजो को इस बात का आभास तक न हुआ। उसका पति और ससुर युद्ध में मारे गए लेकिन फिर भी वह वीरांगना लड़ने से पीछे न हटी और लड़ते-लड़ते शहीद हो गई। तब तक रानी लक्ष्मी बाई बहुत दूर निकल चुकी थी। अंग्रेजों ने झलकारी को मार कर यही समझा कि उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई को खत्म कर दिया है,लेकिन जब सच्चाई पता चली तो वे देख कर आश्चर्यचकित रह गये। इसलिए उस समय के अंग्रेज सेनापति जनरल ह्युरोज ने कहा था- "अगर हिन्दुस्तान की एक फीसदी लड़कियां भी ऐसी हो गई तो हम यहाँ नहीं टिक सकते "


तो सुना बच्चो आपने? कितनी बहादु, निडर, दुश्मन के दाँत खट्टे करने वाली, भारत की वीर नारी थी-झलकारी
ऐसी महान वीरांगना को हमारा नमन्


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5 पाठकों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

सीमा जी मुझे बहुत खुशी है की आप झाँसी की रानी के के बारे में इतनी जानकारी रखती है!पर यहाँ मैं आपको याद दिलाना चाहूंगी कि झाँसी की रानी हाथी पर नही अपने प्रिय घोडे पर सवार होकर किले से नीचे कूदी थी!

शोभा का कहना है कि -

सीमाजी
आपने एक ऐसे व्यक्तित्व से परिचित करवाया है जिसके बारे में लोग बहुत कम जानते हैं। साधुवाद

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma का कहना है कि -

आपने अच्छी जानकारी दी. धन्यवाद.

neelam का कहना है कि -

अंग्रेज सेनापति जनरल ह्युरोज ने कहा था- "अगर हिन्दुस्तान की एक फीसदी लडकियां भी ऐसी हो गई तो हम यहाँ नहीं टिक सकते "

वाकई सच है ,हमारा ख़ुद का भी मानना यही है की नारी ,नारी में इर्ष्या अगर न रहे , और एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें तो हमारा भारत बहुत जल्द ही दुनिया के सबसे सुंदर देशों में से एक होगा
seema ji padhaa to tha inke bare me ,magar inhe phir se yaad karwaane ka bahut bahut shukriya

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma का कहना है कि -

मैं आपके बातों से सहमत हूँ. पर नारी को हरेक काम में आगे बढ़ना होगा. महिलाओं को चुपचाप सबकुछ सहते रहना प्रताड़ना को बढावा देना है

आपका
महेश

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