Friday, May 8, 2009

फ़ूड प्वॉयजन

नमस्कार बच्चो,
कैसे हैं आप सब लोग? आज मैं आपको सुनाऊँगी एक कहानी- फ़ूड प्वॉयजन
एक लडका था, जिसका नाम था विशाल। विशाल बहुत ही प्यारा बच्चा था। अपने मम्मी-पापा से खूब प्यार करता। उसके मम्मी-पापा भी उससे खूब प्यार करते। विशाल के मम्मी-पापा दोनों नौकरी पेशा थे। इसलिए विशाल को स्कूल के बाद शाम तक डे-केयर में ही रहना पड़ता। विशाल सारा दिन डे-केयर में बिताता और शाम को जब मम्मी-पापा घर आ जाते तो घर में खूब मस्ती करता। कभी-कभी विशाल को बुरा लगता लेकिन फिर भी वह मम्मी-पापा की मजबूरी समझता था, इसलिए कभी शिकायत न करता। मम्मी सुबह-सुबह खाना बनाकर दिन भर के लिए विशाल को खाने का सामान दे देती। एक दिन मम्मी की तबीयत ढीली हो गई और वह विशाल के लिए खाना नहीं बना पाई। मम्मी ने विशाल को पैसे दिए कि वह स्कूल की कैण्टीन से कुछ खा लेगा। विशाल ने उस दिन कैण्टीन से समोसा-पूरी मजे से खाए, बस फिर क्या था, उसे घर का खाना फ़ीका लगने लगा। अब तो वह हर रोज माँ से पैसे माँगता ताकि वह बाहर से चटपटा खाना खा सके। माँ के लिए भी आसान हो गया, वह भी सुबह-सुबह खाना बनाने के झंझट से मुक्त हो गई। एक दिन विशाल ने स्कूल के बाहर खडे फल वाले से फल खाए जो उसने न जाने कितनी देर पहले से ही काट कर रखे थे। विशाल अपने हाथ धोना भी भूल गया। चटपटे मसालेदार फलों की चाट खाकर विशाल को खूब मजा आया। लेकिन थोड़ी ही देर में उसके पेट में दर्द होने लगा और उल्टियां भी करने लगा। बार-बार उल्टी करने से विशाल की हालत बहुत नाजुक हो गई। पेट दर्द से वो कराह रहा था। जल्दी से उसे अस्पताल पहुँचाया गया। जहाँ पर उसे कितने सारे इंजैक्शन लगे और दवाईयां भी लेनी पड़ी। डाक्टर अंकल ने बताया कि विशाल की यह हालत गंदी चीजें खाने से हुई है। बहुत देर पहले से कटे हुए फल या फिर ऐसा खाना जिस पर मक्खी-मच्छर बैठे हों या फिर बिना हाथ धोए खाने से फ़ूड प्वॉयजन हो जाता है। जहरीले कीटाणु हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जो खतरनाक साबित हो सकता है और समय पर इलाज न हो तो जान भी जा सकती है। यह सारी बातें सुनकर मम्मी को अपनी गलती का अहसास हुआ। दो-तीन दिन में विशाल की तबीयत कुछ सुधरने लगी। अगले कुछ दिन तक वह स्कूल नहीं जा पाया और मम्मी-पापा को भी छुट्टियां लेकर घर में रहना पड़ा। इस सब से विशाल भी अपने आप को दोषी मानने लगा और आगे से मम्मी को गंदा खाना न खाने का वचन दिया।
1. आपने भी समझा न कि गंदा खाना खाने का परिणाम क्या होता है?
2. बहुत देर पहले कटे हुए फल कभी नहीं खाने चाहिएं।
3. बाहर से कुछ खाने से पहले सफ़ाई और स्वच्छता को अच्छी तरह जाँचना चहिए।
4. कुछ भी खाने से पहले हाथ जरूर धोने चाहिएं।
5. हो सके तो केवल घर में बना हुआ साफ़-सुथरा, सादा भोजन करना चाहिए।
6. कभी चटपटा खाने का मन भी करे तो ताजा ही खाना चाहिए, बासी नहीं।
7. और हाँ, अभी खूब गर्मीं पड़ रही है न तो बाहर जाते हुए अपना पानी और छाता अपने साथ रखना कभी मत भूलना, फिर देखना तुम कभी बीमार नहीं पड़ोगे


अपनी गर्मी की छुट्टियों में खूब मस्ती करना।
बाय-बाय
आपकी
सीमा सचदेव


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3 पाठकों का कहना है :

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

बहुत ही वाह, वाह की हक़दार हैं आप, सीमा जी.
जितनी तारीफ़ करी जाये उतनी कम होगी. सुंदर कवितायेँ रचना फिर बढ़िया मन-मोहक कहानियाँ सुनाना और साथ में बच्चों को सीख भरी बातें बताकर उन्हें चौकन्ना करना आदि-आदि.
ना केवल बच्चों का भला बल्कि उनके माता-पिता पर भी बड़ा उपकार कर रही हैं आप. बस ऐसे ही जुटे रहिये.

Divya Narmada का कहना है कि -

shikshpad kahani

manu का कहना है कि -

जी सीमा जी,,
बच्चों के साथ साथ उन बड़ों के लिए भी जो अक्सर अपने चटोरेपन से बाज नहीं आते ,,,,और देखा देखि बच्चे भी वैसे ही होने लगते हैं,,,,,
सभी के लिए जरूरी जानकारी,,,,

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