Friday, May 22, 2009

रुपया

रुपया बड़ा महान
सब करते गुणगान
रुपया है जहान
इससे मिलता मान .

भूल गये सम्मान
ताऊ अब्बा जान
रुपया है वरदान
सभी गुणों की खान .

रुपया दे अभिमान
दुर्बल को दे जान
रुपयों से है शान
इसे कमाना ठान .

सबका है अरमान
रुपयों की हो खान
इसको पा शैतान
लगता है इंसान .

जो पाये अनजान
दुनिया कहे महान
जीवन लगता तान
दे मान संतान .

रुपया कर परवान
बदले राज विधान
बिकता है ईमान
मोल लगाना जान .

रुपया बड़ा महान
सब करते गुणगान .

कवि कुलवंत सिंह


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2 पाठकों का कहना है :

sangeeta sethi का कहना है कि -

बेहद लयात्मक कविता है | बच्चों को बहुत अच्छी लगेगी | कवि साधुवाद के पात्र है|

neelam का कहना है कि -

achchi kavita ,layaatamak kavita

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