Friday, September 12, 2008

ओणम की काव्यात्मक कहानी

नमस्कार बच्चो,
कैसे हैं आप सब लोग? आज मैं फिर से आई हूँ, आप सबके सम्मुख एक नई कहानी लेकर।
इस बार मैं आपको ले चलती हूँ केरल। इन दिनों करेल में बहुत चहल-पहल है। सभी लोग खुश हैं। जानते हैं क्यों? क्योंकि वहाँ पर इन दिनों ओणम का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्योहार पूरे १० दिन चलता है। लोग फूलों से सजावट करते हैं और तरह-तरह के पकवान बनाते हैं, जैसे- पायसम, सांभर, पचरी, तोरन आदि। इन सारे व्यंजनों को केरल में सदया बोलते हैं। चलो मैम आपको वो कहानी सुनाती हूँ, जिसके लिए यह त्योहार बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है।

ओणम

आओ बच्चो
मिलकर हम मनाएँ
ओणम का उत्सव
इक राजा की
है कहानी
था बड़ा ही
वो महादानी
जाति से
तो था वह दानव
पर अपनी
वाणी में पावन
महाबलि था
उसका नाम
करता था
वह अच्छे काम
इक बार सौ
यज्ञ करवाए
ताकि वह
स्वर्ग को पाए
हो गए जब यज्ञ
निन्यावन
खुश था
इससे सबका ही मन
पर देवों के
उड़ गये होश
महाबलि में
आएगा जोश
करेगा पूरे
जब सौ यज्ञ
पाएगा वह
स्वर्ग पे विजय
श्री विष्णु
से करे पुकार
धारो अब
ऐसा अवतार
ताकि यज्ञ न
हो पूरा
रहे बलि का
सपना अधूरा
श्री विष्णु ने
सुनी पुकार
धार लिया
वामन अवतार
चले गये वो
बलि के पास
बनाया अपना
मुख उदास
देख के सुन्दर
वामन रूप
दंग रह गया था
बलि भूप
बोला
मुझसे माँगों तुम
जो मांगोगे
देंगे हम
वामन ने
ले लिया वचन
ताकि न बदले
बलि का मन
दे दो धरती
तीन कदम
इससे खुश
हो जायेंगे हम
कहा बलि ने
अपने कदम
जहाँ से चाहो
नापो तुम
बनाया प्रभु ने
रूप विशाल
नाप लिए
नभ और पाताल
कहाँ पे रखूँ
तीसरा कदम
दो जगह
जो हो तुममें दम
लेट गया बलि
धरती पर
रखो कदम
मेरे सर पर
श्री वामन ने
रख दिया कदम
निकला
महाबलि का दम
दे दी उसने
अपनी जान
पर नहीं तोड़ा
वचन का मान
लोगों का था
प्रिय राजा
दुखी थी इससे
सारी प्रजा
करते हैं उसे
हर वर्ष स्मरण
तभी
मनाते हैं ओणम

--सीमा सचदेव



आप सभी को ओणम की बधाइयाँ


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4 पाठकों का कहना है :

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

बहुत सरल भाषा में ओणम के बारे में आपने बहुत कुछ समेटा है। बहुत-बहुत धन्यवाद।

Smart Indian का कहना है कि -

बहुत अच्छा प्रयास है. इतनी विविधताओं वाले हमारे देश में बच्चों को सुदूर खेत्रों की संस्कृति परम्पराओं और उत्सवों की जानकारी कराने के लिए आप धन्यवाद की पात्र हैं!

neelam का कहना है कि -

सीमा जी ,
अति उत्तम ,नही , सर्वोत्तम हम तो आपके मुरीद हैं ,इतने सरल शब्दों में इतनी अच्छी प्रस्तुति ,दिखने में आसान किंतु बेहद जटिल काम है ,आप इतनी खूबसूरती से कैसे कर लेती हैं ?

सीमा सचदेव का कहना है कि -

शैलेश भारतवासी ji, स्मार्ट इंडियन ji ,Neelam ji bahut-bahut Dhanayavaad .Neelam ji aapke liye mai kya kahoo ...? bas itana hi ki aap meri rachanaayen padhatee hai aur pasand karatee hai ,to aapki pathneeyata ko namn

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