ज़ाकिर अली रजनीश को पं॰ प्रताप नारायण मिश्र स्मृति युवा साहित्यकार पुरस्कार

आप सभी को सूचित करते हुए हमे बेहद प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है कि भाउराव देवरस सेवा न्यास, लखनऊ द्वारा दिये जाने वाले पं0 प्रताप नारायण मिश्र स्मृति युवा साहित्यकार सम्मानों की घोषणा हो गयी है, और इस वर्ष का बाल साहित्य सम्मान डॉ॰ ज़ाकिर अली 'रजनीश' को प्रदान किया जा रहा है। यह सम्मान सुल्तानपुर, उ0प्र0 के पं0 राम नरेश त्रिपाठी सभागार में दिनांक 19-09-2008 को प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मा0 कलराज मिश्र, सांसद तथा अध्यक्ष पं0 राम किशोर त्रिपाठी होंगे।
अन्य सम्मानित साहित्यकार हैं-
श्री अशोक कुमार पाण्डेय-काव्य विधा
डा0 सुनील कुमार विक्रम सिंह-कथा साहित्य
श्री वीरेन्द्र कुमार भारद्वाज-नाटक विधा
श्री हिमांशु द्विवेदी-पत्रकारिता
डा0 चंद्रभूषण झा-संस्कृत साहित्य
श्री टी0बी0 चंद्रा सुब्ब्बा-नेपाल साहित्य
डॉ॰ ज़ाकिर अली 'रजनीश' को हिन्द-युग्म परिवार की बधाइयाँ।

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
7 पाठकों का कहना है :
बहुत बहुत बधाई रजनीश जी
bahut -bahut badhaaii.......seema sachdev
बहुत-बहुत बधाई। आपने बाल-साहित्य में इतना काम किया है कि निर्णायकों को दूसरा विकल्प बहुत मुश्किल से ही मिलता होगा।
इस सम्मान के लिए डॉ॰ ज़ाकिर अली 'रजनीश' को बहुत बहुत बधाई!
बधाइयाँ जी बधाइयाँ..
Dhero Badhaiyan..
जर्रा नवाजी का शुक्रिया।
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)