Thursday, September 18, 2008

बाल-सवाल....



माँ, ये जो गहरा धुँआ है !
एक दम से कहाँ से हुआ है
ना आज कोई दीवाली है
ना शादी होने वाली है
ना आसमान में बादल है
ना क्रिसमस की कोई हलचल है
होली भी नहीं तो लाल हैं क्यूँ
सहमे सहमे बदहाल है क्यूँ
माँ एक दम घुप्प अँधेरा क्यूँ
यहाँ लगा भीड़ का घेरा क्यूँ
क्यूँ मची है चीख पुकार यहाँ
हो रही क्यूँ हाहाकार यहाँ ?

- बोलो न माँ क्या है ये सब
और माँ - स्तब्ध !!
कुछ रोज बाद.........

माँ वो जो मेरी सहेली है
उस दिन से संग नही खेली है
ना अब वो घर पर आती है
ना स्कूल पढ़ने जाती है
क्या उस दिन उसका ब्याह रचा
जिस दिन था वो कोहराम मचा
जब उसकी हुई विदाई थी
मुझे उसकी चीख सुनाई दी
एक गुडिया उसकी मुझपर है
वो भी उस जैसी सुन्दर है
जब भी वो वापस आयेगी
अपनी गुड़िया ले जायेगी

- बोलो ना माँ इसीलिये रोये थे न सब
और माँ - स्तब्ध !!


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7 पाठकों का कहना है :

seema gupta का कहना है कि -

बोलो ना माँ इसीलिये रोये थे न सब
और माँ - स्तब्ध !!
" or jis treh aapne apna marm or vedna iss kaveta mey prstut kiya hai--ussey hum bhee stabdh reh gye hain, sach kha hai na jane kitne nadan bachon ke antrman mey ye saval uthey honge..."

Regards

सीमा सचदेव का कहना है कि -

Nanhe se baalman me n jaane kitane hi Uthate prashan jinaka koi javaab nahi .Maa bechaari STABADH.........Raghav ji aapne masoom man ki vedana aur peeda ko bahut maarmikta se byaan kiya hai.....Seema Sachdev

शोभा का कहना है कि -

माँ वो जो मेरी सहेली है
उस दिन से संग नही खेली है
ना अब वो घर पर आती है
ना स्कूल पढ़ने जाती है
क्या उस दिन उसका ब्याह रचा
जिस दिन था वो कोहराम मचा
जब उसकी हुई विदाई थी
मुझे उसकी चीख सुनाई दी
एक गुडिया उसकी मुझपर है
वो भी उस जैसी सुन्दर है
जब भी वो वापस आयेगी
अपनी गुड़िया ले जायेगी
राघव जी,
आपने इतने संजीदा विषय पर इतना अच्छा लिखा है की क्या कहूँ. सच मैं बहुत बढ़िया लिखा है. ह्रदय से बधाई.

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

भूपेन्द्र जी,

मैं तो इस कविता को आपकी सर्वश्रेष्ठ कविता कहूँगा। पढ़‌कर मेरा दिल दहल गया। बहुत बढ़िया।

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बेहद दिल को झंझोर देने वाली कविता ..लाजवाब कर दिया इस कविता ने ..और पढ़ कर आँखे नम हो गई

विश्व दीपक का कहना है कि -

hriday dravit ho gaya.

sach mein awismaraniya ghatna thi woh.

aapke lekhan ki rangat badal chuki hai. is lekhani ki sambhaal kar rakhiyega.

pooja का कहना है कि -

aksar sanjida vishyon par likhi kavitayen bojhil ho jati hai.par aapki kavita apvaad hai.badhai.

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