निरीह चिड़िया
एक बार बहुत ही वर्फीले और ठंडे मौसम में आंधी और तूफ़ान भी चल रहे थे. उसी समय सर्दी से बचने के लिये एक चिड़िया दक्छिण की तरफ उड़ रही थी. आंधी में फंसकर वह जमीन पर एक खेत में आ गिरी और बेहोश हो गयी. उसकी देह ठंड के कारण जम सी गयी. कुछ देर बाद वहां से एक गाय गुजरी और जहाँ चिड़िया पड़ी थी उसपर गोबर कर दिया, और फिर चली गयी.गोबर की गर्मी पाकर चिड़िया धीरे-धीरे होश में आने लगी और उसे महसूस हुआ की उसके शरीर में गर्मी आ रही है. लेकिन वह इस बात से अनजान थी की वह गोबर की ढेरी के अन्दर पड़ी हुई है. गर्मी पाकर वह वहां इतनी खुश महसूस कर रही थी की वहीँ पर वह आराम से पड़ी रही. और फिर अचानक ख़ुशी के मारे गाने लगी. इतने में एक बिल्ली पास से निकली और उसने चिड़िया के गाने की आवाज सुनी तो वह खोजबीन करने लगी और जब गोबर की ढेरी में से आती आवाज़ पर उसे हटा कर देखा तो चिड़िया को उठा कर उसे झट से खा गयी.
अब इस कहानी से तीन बातों की शिक्षा मिलती है:
१. यदि कोई अनजाने में तुम्हें नुकसान पहुंचाए तो वह इंसान तुम्हारा दुश्मन नहीं होता जैसे की गाय ने चिड़िया पर गोबर कर दिया था.
२. और यदि कोई तुम्हे कभी किसी मुसीबत से निकाले तो हर समय उससे अच्छाई की उम्मीद भी न रखो जैसे की बिल्ली ने निकाला तो चिड़िया को गोबर से किन्तु उसके इरादे कुछ और थे क्योंकि ......वह उसे गोबर से निकाल कर खा गयी.
३. और कोई ऐसी मुसीबत की घड़ी हो जहाँ चुप रहने की जरूरत हो तो बच्चों, अपना मुंह बंद रखना चाहिये. यदि चिड़िया ने अपना मुंह बंद रखा होता तो वह बच गयी होती और थोड़ी देर में गोबर में से बाहर आकर उड़ गयी होती.
--शन्नो अग्रवाल
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13 पाठकों का कहना है :
बढ़िया कहानी..और बेहद सुंदर ज्ञान..
शन्नो जी बहुत ही शिक्षाप्रद कहानी आपकी. अभी तक बल उद्यान पर सिर्फ कवितायेँ मिला करती थीं. लेकिन आपने एक नै शुरुआत की है. बहुत ही बढ़िया लगा.
लेकिन शन्नो जी एक छोटी सी बात कहना चाहूँगा की कृपा करके चिडिया का फोटो बदल दें यह किसी बाज की तस्वीर लग रही है और यह कहानी एक छोटी चिडिया के उपर है. इसलिए कोई नाज़ुक सी चिडिया का फोटो लगायें. धन्यवाद.
शन्नो जी,
कहानी बहुत अच्छी लगी और शिक्षाये जो आप ने कहानी के बाद दी है वो और भी अच्छी लगी
जो चिडिया का चित्र है वो बदल दीजिये क्योंकि वो चिडिया का नहीं लग रहा
छोटी शिक्षाप्रद कहानी में बहुत ही गहन सीख दी है .छोटों और बडों के लिए उपयोगी है .बधाई .
आप सभी को मेरी लिखी इस लघु कहानी को पसंद करने के लिए बहुत-बहुत धन्यबाद. आप सब लोग मेरा उत्साह बढा रहे हैं इसके लिये भी बहुत धन्यबाद. इसके पहले मैंने कभी सोचा ही ना था बच्चों की कहानी लिखने के बारे में. नीलम जी कृपा करके जरा एक छोटी सी चिड़िया की तस्वीर लगा दें, please, please.
आ गई चिड़िया!!!
:-)
शन्नो जी आपकी कहानी बहुत ही शिक्षाप्रद है! इतनी रोचक, अच्छी और शिक्षाप्रद कहानी के लिए हार्दिक बधाई!
धन्यबाद नीलम जी, एक नन्ही सी चिड़िया लाने के लिये. अब आओ सब लोग और देखो:
एक नन्ही सी चिड़िया आयी है
अब यह भी चूं-चूं गाने गायेगी
ना बिल्ली को अब आने देना
वह फिर इसको भी खा जायेगी.
खोयी हुयी प्यारी ,सुंदर चिडिया आ गयी .पक्तियां हैं -चूं-चूं करती आई चिडिया
दाल का दाना लायी चिडिया .
shamihk ji ,
achcha lagta hai jab paatahk har baariki par najar rakhta hai ,chaahe wo chitr ki hi baat kyoun n ho .
aabahar aapka ar sumit ji ka bhi .hindi me n likh paane ke liye kshma prarthi hoon .
dhanyavaad neelam ji.
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