साढ़े चार वर्षीय कवयित्री का काव्यपाठ
साढ़े चार वर्षीय मन मिश्रा बहुत प्रतिभावान हैं। ये कविताओं का प्रभावी पाठ करती हैं। बाल-उद्यान पर अब तक प्रकाशित उनकी दोनों कविताओं का उन्हीं की आवाज़ में पाठ लेकर हम उपस्थित हैं। यद्यपि ये हिन्दी अक्षरों को पहचान भी नहीं सकती, लेकिन फिर भी मातृभाषा हिन्दी होने की वज़ह से कविता की रचना करती रहती हैं। कविता पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
चूहा
रैबिट बहुत प्यारे होते हैं
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
12 पाठकों का कहना है :
हाय राम कित्ती पियारी बोली है ...कविता साथ में लिखी होती तो और भी spasht होती .....
वाह...शहद घोल रही है ये तुतलाहट......रैबिट से भी ज़्यादा प्यारे होते हैं उसे सुनाने वाले आप जैसे बच्चे.....आप ऐसे ही बाल उद्यान में खुशू बिखेरते रहिए....
Haardik badhaayi.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
हंसी ही नहीं रुकी अपनी तो....
अले..अभी तो कविता सुनाई ही नहीं..
उनकी मम्मी पूरे दिन तक हंसती ... होहोहोहोहो........
कई बार सुनी ये रैबिट वाली तो...
जियो बेटा..
सदा प्रसन्न रहो..
मधुर आवाज में जोश के साथ अच्छी कविता पढ़ी .देश की भावी कवयित्री से आगे भी .कविता सुनने को मिलेगी
अरे बेटा कितना सुंदर पढ़ा आप ने .आप की आवाज़ ने मन मोह लिया .बेटा सदा लिखना
रचना आंटी का आशीर्वाद और बहुत सारा प्यार
सदा खुश रहो
प्यार
रचना
कितना प्यारा बोलते हो बेटा आप. आपकी मम्मी भी सारा दिन हंसती होंगी आपकी प्यारी सी बोली सुनकर. हमेशा ऐसे ही हंसते हंसते मीठा मीठा बोलना. खुश रहो
.
अमिता आंटी
वाह! मन जी, आपने तो सबका मन ही जीत लिया अपनी (मन) मोहक आवाज़ में चूहा और रैबिट की कहानियां सुनाकर. आप तो खूब प्यारी-प्यारी बातें करती होंगी घर में सबसे और सबको खुश रखती होंगी. क्योंकि आप की आवाज़ इतनी सरल और लुभाने वाली है.
ढेर सारा प्यार आपको और खूब खुश रहो.
चूहे और रैबिट की कविता सुनकर दिल खुश हो गया.. बहुत सुंदर..प्यारी प्यारी आवाज...
बच्चे का प्रयास अच्छा है. जल्द ही हमें कवि सम्मेलन के लिये नी कवियत्री मिलने वाली है
रैबिट बहुत प्यारे होते हैं लेकिन आप भी बहुत प्यारी है.
अजी अब हम क्या बोलें ?
बहुत दिनों बाद रुख किया संगणक का तो
प्यारी सी 'मन' की
प्यारी सी कविताओं पर
मन दिल तिल्ली जिगर
कुहनी घुटना चक्षु नजर
सब कुछ लुटा बैठे ...
हेडफोन कान में ठूसा
और पी.सी पर आ बैठे
4 साल की बच्ची ने
40 साल के
.... को लूट लिया
और हम हँसते हँसते
खुद को लुटा बैठे
अब दिल में हर बार
ऐसे लुटेरों से लुटने की
उठने लगी है चाह...
वाह मन वाह मन वाह मन वाह...
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)