पहेलियाँ ---- फिर से हो जाइए तैयार दिमागी कुश्ती के लिए
पहेलियाँ ---- फिर से हो जाइए तैयार दिमागी कुश्ती के लिए ,तो १ ,२ ,३ ,४ ,५,पहेलियों के जवाब देने पर देखेमिलता है किसको क्या इनाम ????तो हो जाइए तैयार
१)अपनी देह पर सूत लपेट
उस बन्दे को नाचत देखा ,
पाँव अजूबा है ,लोहे का ,
बदन पर रहती पांच - छ रेखा
२)कर बोले ,करहि सुने ,
श्रवण सुने नही ताहि
कहे पहेली बीरबल
की बूझे अकबर साहि
३)सोचो कोई प्यार की ,
ऐसी सजा भी भरेगा ,
करम ऐसा की रहे नाम ,
पर वा ना करेगा
४)देह काठ मुहँ आठ ,
सूरत जानी पहचानी
जीभ ना राखे मुहँ में
पर बोले मीठी वो मीठी बानी
५)आते ही आधा नाम बताऊँ ,
कभी अशुभ में समझी जाऊं
जल्दी से अपने उत्तर बता ही दीजिये ,इस बार कोई राजनीति की पहेली नही हैं ,शन्नो बेटा अपना काम शुरू कर दो ,
मिलते हैं ,रविवार या फिर सोमबार की सुबह ,शन्नो से अपनी कक्षा का हाल पूछने के लिए
नीलम मिश्रा
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14 पाठकों का कहना है :
सत्यमेव जयते! पहेली माता की जय हो!
कक्षा के साथियों, नीलम जी फिर से आप सबके लिये कुछ नयी पहेलियाँ लेकर आई हैं. सब लोग दिमागी कसरत करने के लिये तैयार हो जाइये. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि कक्षा में कोई हल्ला-गुल्ला या किसी प्रकार का गोरखधंधा (मेरे ख्याल से उनका मतलब नक़ल टीपने से होगा) नहीं होना चाहिए. वरना no numbers और no पुरूस्कार. समझ गये ना आप सभी, क्यों?
तो फिर से सब लोग पहेली के मैदान में आ जाओ
हाजिरी लगाकर पहेली के खेल में शामिल हो जाओ
अपनी ही सूझ-बूझ से देने होंगे तुमको सही जबाब
मेहनत-मशक्कत करने से ही पूरे कर सकते हैं ख्वाब
पिछली बार तुम सबने मिलकर ऐसा किया कमाल
उत्तर देख नीलम जी वाकई में हो गयीं बहुत निहाल
मेरी मानो यदि कक्षा में है कोई मंदी अकल का बंदा
तो चलो इकट्ठा करते हैं हम सब मिलकर कुछ चंदा
अच्छा सा उपहार लायेंगें और साथ में लड्डू- रसगुल्ले
पाकर यह सब नीलम जी कर देंगीं सबकी वल्ले-वल्ले
पर कोशिश अपनी यही करना सच्चाई का दो सब साथ
इन कक्षा के बच्चों की रक्षा करना हे बाबा गोरखनाथ.
अपनी-अपनी बुद्धि तेज करने वाले प्रयोग इस्तेमाल करना शुरू कर दीजिये.
Ta-Ta.....bye-bye
नम्बर पांच तो कन्फर्म है,,,,,,,,,छींक,,
पहले भी हमही ने जवाब दिया था इसका,,,
पहले वाली तकली या सुईं कैसे कुछ लग रही है फिलहाल तो,,,
नम्बर तीन,,,,,परवाना,,,,,,,,,,,,,,?????????
बाकी बाद में ,,,,,( आवश्यकता अनुसार,,,,
(टीप कर,,,,,,)
देखते हैं कौन सा होनहार विद्यार्थी इस बार मनु की नैया पार लगाता है,,,
लगता है इस बार मेरी पढाई काम आ जाए,इस बार प्रथम आ जाऊं ,, देखती हूँ क्या होता है???? मेरे उत्तर है....१-चरखा...२-(नमस्कार) ...३-परवाना ...४- बांसुरी ...५-छींक ....
Welcome back! नीती जी,
उम्मीद है कि लम्बी उड़ान भर कर आने के बाद अब आपका मूड ठीक हो गया होगा. आपके पर्यटन-विभाग का कार्य कैसा चल रहा है? आपको चहकते हुए देखकर बहुत अच्छा लग रहा है. और यहाँ पहेलियों में नक़ल तो क्या बल्कि देख रही हूँ कि मनु जी और आपने जो भी कुछ उत्तर सोचे हैं उनमें से कई तो मैं पहले ही सोच रही थी. लगता है लोग मेरे दिमाग से भी उत्तर चुराने लगे हैं.
मेरे तो ये वाले उत्तर हैं जिनमें से कुछ आप लोगों से मिलते-जुलते (मेरा मतलब आपके जबाब से है यहाँ) व कुछ जो नहीं मिलते-जुलते हैं:
१. चरखा या तकली
२. अकल का अँधा
३. परवाना
४. बांसुरी
५. छींक
अपना तो काम हो गया. अब चैन की बांसुरी बजाऊँ कुछ देर के लिये और देखूँ कि बाकी लोगों के किस-किस तरह के उत्तर होते हैं और कौन किसके कितने उत्तर चुराता है. पास या फ़ेल.....अपुन को तो चिंता है नहीं अपनी. नीलम जी तो मुझे इधर से उधर कर ही नहीं रही हैं सो कोई फरक ही नहीं पड़ने वाला. बाकी लोग कहाँ हैं? लगता है कि दिमाग कुरेदने में लगे होंगें.
मनु जी आप चाय-शाय पीकर फिर से सोचिये और सारे जबाब ढूंढ कर लाइये. और आप भी नीति जी वापस आना मत भूलिए.
इस बार की पहेलियों के हमारे जवाब इस प्रकार हैं...
१. लट्टू
२. .........
३. परवाना (इसका जवाब तो पहेली में ही मिल गया... शायद सही हो)
४. बांसुरी
५. छींक
इस बार की हमारी भी हाजिरी लग गई...यदि दूसरी पहेली का जवाब सूझ गया तो फिर से उपस्तिथि दर्ज करवाई जायेगी....
शन्नो बेटा तुम ही कक्षा का गलत मार्गदर्शन करती हो ,उन्हें हमारे लिए लड्डू लाने की जुगाड़ समझाती हो ,हम नाराज हो जायेंगे और तुम्हे तुम्हारी monitorship से हटा भी सकते हैं ,और ये स्वपनदर्शी जी को अपना नाम तो हिंदी में लिखना सीखो ,आजकल कुछ ज्यादा ही नटखट होती जा रही हो ,मनु जी को भी कुछ ज्यादा तंग कर रही हो ,अच्छे बच्चे ऐसे नहीं करते ,अभी तक प्राप्त उत्तरों में स्वप्नदर्शी जी के उत्तर ही सबसे सही हैं ,बस एक छक्के की ही जरूरत है उन्हें शतक पक्क्का ही समझो |
doosri paheli ke liye hum itna bataana chaahenge ki aap apne ek hath se doosre haath ko thaamiye aur uttar likh daaliye
kuchh hint nahi hai ji,
hamne apne ek haath mein doosre haath ko thaamaa aur ........
............
....................
.............................
kuchh bhi naheein hai .....
ab normly haath chhhod kar hamesha ki tarah likh rahe hain ke ........
pataa naheeeeennn,,,,,,,,,
jaroor aapke likhne mein koi galtee rahee hogee,,,,,
:::::))
apni ek kalaai ko doosre haath se pakadiye .
hahahahahaahahahahahahaha
shanno beta agar ab bhi na bata paaye ye topiwala to iska demotion karna hoga ,mandbudhi chaatr hai ye
ab kahaa naa,,,,,?????
agar ye navz dekhne ki baat bhi naheen hai to beshak banaa dijiye mujhe low level studeint,,,,,,,,,,,,
ye to mujhe sirf NAVJ yaa NAADI dekhnaa hi lag rahaa hai...
angrejee mein,,,,,,
isee liye ab tak baitha thaa,,,,
मुझे तो लगता है कि सही उत्तर इस प्रकार हैं :-
1, तकली।
2, नब्ज।
3, परवाना।
4, बांसुरी।
5, छींक।
नीलम जी,
आप कहेंगी कि मैं मुंहफट होती जा रही हूँ, लेकिन ऐसा नहीं है जी. अपनी सफाई में फिर भी कुछ कहूँगी.....hee,hee,heeeeyeee. Sorry, so sorry. बात यह थी कि ......मेरा मतलब है कि.....मैंने सोचा था कि हम सब मिलजुल कर आपकी कुछ खातिरदारी करें लेकिन हर बार बन्दूक मेरे ऊपर ही दग जाती है, ऐसा क्यों?'
'भला करन को जो मैं चली, रहे छात्र सब रोय
फिर मुझे अकेले सजा मिले, मुझसे बुरा न कोय'
(लगता है खुसरो की याद आ गयी आपको, अब क्या इसकी भी कोई सजा होगी मुझे?)
हाँ, तो कह रही थी कि आपकी तबियत खुश हो जाये शायद मिठाई से ताकि कठिन समय में सबकी (कुंद बुद्धि के लोगों की) नैया किसी तरह इस किनारे से उस किनारे तक पहुँच जाये. लेकिन लगता है कि भलाई करने का जमाना ही नहीं रहा. और क्या आपको लड्डू और रसगुल्ले अच्छे नहीं लगते हैं? तो ठीक है, क्या रसमलाई चलेगी? क्या कहा आपने .... वो भी नहीं. तो फिर मनु जी को बताकर सत्तू और गुड़ की व्यवस्था करवा दूंगीं (शायद गर्मी के मौसम में यही उपयुक्त रहेगा)? मनु जी इतने सीधे-साधे बिलकुल नेता जी की तरह हैं कि......oops! गलती से नेता शब्द निकल गया. So sorry!
मनु जी आप तिलमिला कर दांत पीस रहे होंगे, जानती हूँ. और आप भी ना नीलम जी, हर प्रकार से उत्तर के बारे में आप इशारा कर रही हैं फिर भी चिकने घड़े जैसा हाल है सबका. सब प्रयत्न फ़ेल हो रहा है. किसी के दिमाग में क्यों नहीं आता कि आप का मतलब नब्ज़ से है. मेरी बात पढ़कर भी वह शायद न समझ पायेंगे. दूसरे हाथ से लिखने की कोशिश में जुट गए हैं. आप भी समझाते-समझाते दांत पीसने लगी होंगीं, ऐसा लग रहा है मुझे. लगता है कि मेरे भी demotion के दिन आ गए हैं. महसूस हो रहा है कि जैसे नछत्र गलत दिशा में जा रहे हैं. अगर ऐसा है, तो मनु जी को यह पदवी सौंप दीजिये और फिर देखिये उनका तमाशा कि क्या-क्या होता है कक्षा में. क्यों मनु जी तैयार हैं आप? haaaa,haa,हाआआआहाअ....
मैं कक्षा मोनिटर के कहने पर दुबारा क्लास में आ गई,,,,अब आई हूँ तो अपनी कापी में कुछ संशोधन भी करती जाऊं .... कुछ टीप कर....किसी को बताना नहीं शन्नो जी,की मैंने नक़ल की.....मेरे उत्तर है..१-चरखा या लट्टू....जो सही हो उसपर नंबर दे दीजिये ,,२-नब्ज़ --३-परवाना ---४-बांसुरी --५--छीक....लगता है अब पढाई के लिए कोई नई डिक्सनरी लेनी पड़ेगी....कही मुझे मानु जी की तरह नक़ल की आदत न पढ़ जाए......
1--chaach bananewala soot lapete hua ojar
3--bansuri
4--billi (cat)
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