चुनावी पहेलियाँ
चुनावी पहेलियाँ
चुनाव की सरगर्मियों को देखते हुए आज हम लाये हैं ,बहुत ही सरल व् रोचक पहेलियाँ हमने सोचा कि जवाब के
आधार पर आप सभी को बाल उद्यान के मंत्री बना सकते हैं , सबसे ज्यादा सही जवाब देने पर प्रधान मंत्री,
रेलमंत्री ,सूचना मंत्री ,पर्यटन मंत्री ,वगैरा मंत्रालय मिलेंगे
तो बस पलक झपकायिये और जवाब दे डालिए ,आपके मंत्रालय और शपथ ग्रहण समारोह तो सोमबार को ही होगा
१)गोल भवन में खंभे कई ,
दिल्ली में है ,बोलो भई|
२)सभी जाति ,धर्म औ पंथ
सबके कानूनों का ग्रन्थ |
३)पद से राजा सा वो कहलाता ,
पर मन से न कुछ कर पाता |
४)नाम में एक राज्य है शामिल ,
माने जाते वो नेक औ काबिल|
ीरे -धीरे चढ़े शिखर पर ,
सबके प्रियवर ,पर नही बने वर ,
५)दूर देश से मैना आई ,
राजा की रानी कहलाई |
एक बाग़ की बनी प्रधान ,
जो बूझे, सो बने सुजान
६)जिसकी नाव पर था सवार ,
कर बैठा उस नाविक पर वार ,
बिना मुकुट वो राजा कहलाया ,
मान अपमान दोनों ही पाया |
७)सौम्य सुदर्शन ,बुजुर्ग काया
कृष्ण हैं वो इस काल के |
खूब सवारीरथ पर की ,
देखो नसीब इस लाल की
८)सुंदर था औ गोरा था ,
बड़े घर का छोरा था |
पाया पद विरासतमें ,
अंत दे गया सांसत में
९)मेहनत की थी गाढी,
पहचान बनी थी दाढी |
खींची गाड़ी चार माह,
पूरी कर ली अपनी चाह
१०)जब मुहँ खोले अडबड बोले
सबै डूलाय ख़ुद भी डोले
रबरी -मलाई खाए खूब
कुर्सी को वो माने महबूब
इस बार चाहे तो दोनों आखें बंद करके भी जवाब दिए जा सकते हैं ,शन्नो बेटा कक्षा का ध्यान रखना पहेलियाँ
सरल है इसलिए class में हुड दंग न होने पाये ,मिलते है सोमवार को सिर्फ़ यह देखने के लिए की किसकीतारीफ़
करती है हमारी मॉनिटर और किससे नाराज है वो और क्यूँ |

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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17 पाठकों का कहना है :
1. संसद
2. संविधान
3. राष्ट्रपति
4. श्री अटल बिहारी बाजपेयी
5. श्रीमति सोनिया गान्धी
6.
7. श्री लाल कृष्ण आडवाणी
8. स्व. श्री राजीव गन्धी
9.
10. श्री लालू प्रसाद यादव
6. 9 के लिये ... दिमागी घोडे अभी दौड रहे है..
मिलते ही आपके हवाले करता हूँ
अरे वाह! आज तो मजा ही आ गया पहेलिया देख कर तो लीजिये हमारे जवाब है......
१ संसद भवन
२ भारतीय संविधान
३ राष्ट्रपति
४ अटल बिहारी वाजपाई
५ सोनिया गाँधी
६ वी. पी. सिंह
७ लाल कृष्ण आडवाणी
८ राजीव गाँधी
९ चन्द्रशेखर
१० लालू प्रसाद यादव
उम्मीद है इस बार पहले प्रधान मंत्री पद का गौरव मुझे ही मिलेगा.
(1) संसद
(2) संविधान
(3) राष्ट्रपति
(4) श्री अटल बिहारी बाजपेयी
(5) श्रीमति सोनिया गाँधी
(6) स्व. श्री वी. पी. सिंह
(7) श्री लाल कृष्ण आडवाणी
(8) स्व. श्री राजीव गाँधी
(9) स्व. श्री चन्द्रशेखर सिंह
(10) श्री लालू प्रसाद यादव
हे मित्रों,
देखो नयी पहेली आई है, सबको बहुत बधाई है
बातें करके मीठी-मीठी, नीलम जी ने मारी सीटी
चली पहेली की अब रेल,शुरू हो गया उनका खेल
अब चलेगी रेल छुक-छुक,दिल होंगे सबके धुक-धुक
गुरु जी छुट्टी पर हैं, पर डंडा उनका कुर्सी पर है
डंडे को सब करो प्रणाम, रखो अपने काम से काम
cctv एक बहाना है,उसके चक्कर में ना आना है
यह नियोजक जी की चाल है,बिछा कहीं ना जाल है
पर नक़ल भी नहीं है करना, ना रिश्बत ही है देना
नंबर पाने हैं यदि अच्छे, तो बन जाओ अच्छे बच्चे
उत्तर यदि नहीं करोगे याद, मिलेगा ना कोई परसाद
दोगे नहीं कोई जबाब, ना फिर पाओगे कोई खिताब
अब लेनी है सबसे टक्कर, खा कर आओ घी शक्कर
शरबत,जूस और पियो ठंडाई, खाओ दही और मलाई
सिर पर करो तेल की मालिश, खाने में हो घी खालिस
पिस्ता-बादाम भी खाओ, घर से रोज़ नहा कर आओ
जब दिमाग को मिले तरावट, होगी नहीं तुम्हे घबराहट
उत्तर भी तब दोगे झट-पट, ना ही हो नक़ल की झंझट
कापी दो जब बजते बारह, फिर हो जाओ नौ-दो-ग्यारह
राघव जी ने फिट कर दिये टाँके, मनु अपनी बगलें झांकें.
आप सबसे मिलने के इंतज़ार में आपकी विनीत~
कक्षा- मॉनीटर
ये क्या??? ये कैसी परीक्षा है???उत्तर तो सारे बोर्ड पर ही लिखे है! और मैंने तो तैयारी बहुत की थी ...इस बार तो परीक्षा देने में मज़ा ही नहीं आ रहा, मई जाती हूँ टीचर जी ..मुझे तो प्रधान-मंत्री ही बनना था,,और अब ये मौका तो मेरे हाथ से चला गया ...अब आगे की तैयारी करने जाती हूँ....हाँ अगली बार U.K.G का प्रश्न पत्र नहीं देना......
What a co-incidence! जो जबाब मैंने सोचे थे वही dreamer जी और चौहान जी भी सोच कर बैठे थे same to same. तो चलो मैं भी अपने उत्तर की कापी आज ही जमा कर दूं वरना लेट जमा करने पर कोई मेरी शिकायत न कर दे कि मैंने नक़ल की है. dreamer जी, आज आप के सपने जल्दी टूट गए और कक्षा में दर्शन देने की तकलीफ की उसके लिए आपको, साथ में चौहान जी व राघव जी को शुक्रिया कहना चाहती हूँ. आप लोग तशरीफ़ लाते रहिये और कक्षा में रंग जमाते रहिये. आप सब के बल-बूते पर ही यह कक्षा बरकरार है. तो अब उत्तर लिख ही दूं:
१.संसद (बिना संदेह के)
२.संविधान
३.राष्ट्रपति
४.श्रीमान अटल बिहारी वाजपेयी
५.सोनिया गाँधी
६.श्री वी.पी. सिंह
७.श्री लाल कृष्ण आडवानी
८.स्वर्गीय श्री राजीव गाँधी
९.स्वर्गीय श्री चंद्रशेखर
१०.श्रीमान लालू प्रसाद यादव
Oh! What a relief! that was easy-peasy, wasn't it? कोई stress नहीं अब. बस कभी-कभार आप सब पर निगाह डालती रहूंगी just in case कोई नक़ल करता हुआ रंगे हाथों पकड़ में आ जाये. तो अब चलूँ मजे में tv देखूं जाकर paheli का chakkar तो out of the way ho gaya hai.
अलविदा, अलविदा, अलविदा साथिओं
बस तुमहारा है सहारा मुझे साथियों
खुश रहो हर दिन हमेशा तुम सभी
मंजिलें भी मिलें गम छू न पायें कभी.
मनु जी काहे को हैं आज इतने गुम-सम
प्रश्न-पत्र देख हुई क्या सिट्टी-पिट्टी गुम.
चन्द्रशेखर जी का कार्यकाल Nov. 10,1990 - June 21, 1991 तक रहा जहाँ तक मेरी जानकारी है... इसलिये 9वीं पहेली ले लिये घोड़ा अभी तक दौड रहा है..
राघव जी,
सूचना के लिए अति धन्यबाद. आप अपने दिमागी घोड़े दौड़ाते रहिये हो सकता है किसी का भला हो जाये आप के संग मिलकर (जिस किसी ने भी अब तक answers submit नहीं किये हैं).....'कर भला, हो भला', है ना? मेरे घोड़े तो थक चुके हैं लेकिन पेट के चूहे active हो गये हैं, पेट-पूजा का प्रबंध करती हूँ जा कर. See u all soon.
मेरे सारे जवाब शन्नो जी व dreamer जी के ही हैं.. लेकिन राघव जी ने मुझे घुमा दिया है..
फिर भी मैं उन्हीं उत्तरों के साथ जाऊँगा...
नोट: देर से जवाब दिया है पर नकल नहीं की है..
राघवजी! आपकी जानकारी चंद्रशेखर जी के कार्यकाल के विषय में बिलकुल सही है. परन्तु चंद्रशेखर जी ने ६ मार्च १९९१ को अपने प्रधानमत्री पद से कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थन वापस ले लेने के कारण त्यागपत्र दे दिया था, याने लगभग ४ माह पश्चात्. उसके बाद का उनका कार्यकाल अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पे रहा नरसिम्हा राओ जी के प्रधानमंत्री बनने तक.
वैसे मानना पड़ेगा आपकी चुनावी जानकारी बहुत अच्छी है. पर अब अपने मष्तिष्क को थोडा आराम दीजिये और हमें भी थोडा समर्थन दे दीजिये इस चुनावी माहौल में........
संसद-संविधान की हो जय.
राष्ट्रपति हैं बिन पत्नी-भय
अटल सोनिया व्ही पी लाल.
राजीव-चन्द्र, हुए पामाल.
लालू जी घनचक्कर चालू.
बने पहेली लगते टालू.
सबने बूझी सरल पहेली.
मोनीटर लग रही सहेली.
सबको देना हमें बधाई.
लेकिन पहले लाये मिठाई.
आचार्य जी,
बहुत बढ़िया उत्तर! 'लालू जी घनचक्कर चालू'.....पढ़कर फिर ही, ही, ही,ही के फिट पड़ने लगे मनु जी की तरह. लालू जी तो एक भोले-भाले, प्यारी-प्यारी बातें आराम से करने वाले इंसान हैं, बस यही सोचकर.....
१ संसद भवन
२ संविधान
३ राष्ट्रपति
४
५ सोनिया गाँधी
६. शायद विश्वनाथ प्रताप जी
७ लाल कृष्ण अडवाणी जी
८ राजीव गाँधी जी
९
१० लालू जी
रचना
अब की पहेलियाँ मेरे लिए तो खैर मुश्किल हैं,,,,
पर जिस तरह से धडाधड उत्तर आये हैं उसे देखते हुए आसान ही रही होंगीं,,,
इतनी आसन भी नहीं होनी चाहिए मेरे ख्याल से तो,,,
नीलम जी,
आपको इत्तला देनी है कि आपकी और हम सबकी प्यारी नीति जी गुस्से में हैं. वह आयीं तो सही प्रकार थीं लेकिन तुनककर चली गयीं कि यहाँ prime minister की पोस्ट तो है ही नहीं. और वह अन्य type के मंत्रियों की पोस्ट को छोटा समझती हैं. फर्र से आयीं और गायब हो गयीं जैसे गधे के सिर से सींग. बताने का मौका ही नहीं दिया कि मैं कह पाती कि 'लालच बुरी बला है'.
कैसे समझाया जाये उन्हें कि 'आधी छोड़ सारी को ध्यावे, आधी मिले न सारी पावे'.
अब आप ही बतायो उन्हें कहाँ ढूँढा जाये? मनु जी अब तक जमकर जम्हाइयाँ ले रहे हैं. उत्तर देने का मूड नहीं बना पा रहे हैं. लेकिन तपन जी को शाबाशी देती हूँ कि वह सही समय पर आये और उन्होंने कक्षा की नाक रख ली. समझदारी का काम किया, उत्तर लिखने की तकलीफ से बचा लिया अपने को. वह हमारे उत्तरों से सहमत हो गये फिर हाथ झाड़कर फट से कक्षा से निकल गये. अब इन्तजार में बैठे हैं कि कौन सा पुरूस्कार उन्हें मिलने वाला है. राघव जी के घोड़े अब भी दौड़ रहे हैं, शायद race जीत जायें कल तक. और कहीं सीमा जी और सुमीत जी भी prime minister बनने के चक्कर में तो नहीं हैं? सब लोग कहीं दुबके बैठे हैं. जाकर मनु जी के दरवाज़े पर खुट-खुट करके देखूं.
मनु जी,
आप यूँ ही अगर लेट आते रहे
नियोजक जी भी नाराज़ हो जायेंगे
रेपुटेशन बिगड़ेगी पर फिर साथ में
आपके नंबर भी zero हो जाएंगे
अब लिख भी दें आप उत्तर सभी
कल पुरूस्कार वितरण हो जायेंगे
चुनावी पहेली में आप जीते अगर
किसी तरह के मंत्री तो बन जायेंगे
आप जम्हाई अगर यूँ ही लेते रहे
तो फिर उत्तर को कैसे लिख पायेंगे.
See u later.
आपकी~ कक्षा-monitor
शन्नो जी,
मुझे तो कोई भी मंत्री पद नहीं चाहिए,,,
पर हाजिरी देना मेरा फर्ज था ,,,सो लगा दी,,,,
और हाँ,,,,,
ये जो आपने गीत सुनाया है ये तो उसी फिल्म का नहीं लग रहा जिसकी कल नीलम जी ने फरमाइश की थी,,,
:::))
थोडी हमारे लेवल की पहेलियाँ दिया कीजिये ना,,,,?
ना ज्यादा नीची और ना ही ऊपर से गुजरने वाली,,,,
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)