Monday, April 13, 2009

अथः श्री पहेली पुराणे पंचमोध्याय प्रसाद वितरण

अथः श्री पहेली पुराणे पंचमोध्याय प्रसाद वितरण
*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*

सी.सी.टी.वी से मिली देखीं सभी फुटेज
फर्रे अपने ढाँप रहे, टेड़ी कर कर मेज
टेड़ी कर कर मेज, उचक कर कोई झाँकता
हाथों पर धर हाथ, बगल में कोई ताकता
पुरी साल किताब छुई ना हथ कभी भी
उडे तीतुरी चेहरा देखें सी.सी.टी.वी.

नीती,ड्रीमर को मिले, अंक अढ़ाई आज
मनु सीमा शन्नो हँसें लिये डेढ़ का ताज
लिये डेढ़ का ताज, एक रचना ने पाया
उपर वाले वाह ! निराली तेरी माया
किसी की अटकी साँस किसी पर भारी बीती
पर इक्षा से होय परीक्षा, यही है नीती

कोरी कॉपी रख गये, कुछ बच्चे शैतान
अंक सफाई के मिलें ऐसा था कुछ भान
ऐसा था कुछ भान जान ली सब चालाकी
ज़ीरो नम्बर देकर के काटे सब बाकी
नहीं चलेगा एक्सक्यूज कोई ना ही सौरी
बडे मजे से रखकर गये थे कॉपी कोरी

1.
उत्तर इस प्रकार हैं सुनो लगाकर कान
"रेलगाडी" से क्या बचा है कोई अंजान
डब्बे मानो सांप के गंडे लगें जनाब
सीटी देकर जब चले, तुरत घुसो हो आप
2.
"दवात" में से त हाटाओ बीमारी को दूर करो
वायु में बन जाऊँगी यदि द को चकनाचूर करो
( वात --> वायु )
3.
मैं हूँ भैया "बीमारी", जो सबको खूब डराती हूँ
री को तोड़ ताड़ कर फेंको बीमा मैं बन जाती हूँ
4.
सीधी सरल मेरी पहिचान "धूआँ" दो अक्षर का नाम
सबको नानी याद दिलाऊँ जों मै आखों में लग जाऊँ
5.
म को काटो तो मैं जार, मुझमें भर लो खूब अचार
मजा मिलेगा तब भरपूर, "मजार" से र जो रखो दूर
( जार --- > इमर्तवान )
6.
भरी हुई "गुल्लक" को देखो सबके मन को भाती है
आधी उपर गुल बन बैठी, नीचे लक कहलाती है
7.
"समौसा" से स अगर हटाया मौसा बन गया भाई
पेट काटकर (मौ) उल्टा कर दो, देखो सास है आई
8.
हवा ( हू हैज सीन द विंड नाइदर आई नोर यू )

9.
"गाजर" के हलवे का स्वाद, भूल गये जो नाम न याद
देखा बच्चू कितनी घिसली, र को हटाया तो मैं बिजली
(गाज --- > बिजली )
10.
"हवा" हवा की बात है हवा हवा हर राह
उलटा पढकर देख लो , वाह ! वाह ! मैं वाह
11.
खुट खुट खुट खुट करती करती जाती गली मोहल्ले
जिसकी "लाठी" उसकी भैंस, हो गई बल्ले-बल्ले

इतने सरल सवाल थे तिस पर मचा बवाल
आगे आगे देखिये होता है क्या हाल......



* क्या होगा इस देश का... ग्रेस मार्क्स लगाकर भी न्यूनतम उत्तीर्ण अंक नहीं मिल पा रहे हैं.....


आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

15 पाठकों का कहना है :

सीमा सचदेव का कहना है कि -

oye , poori kaksha fel
shanno ji banaa de n sabki rel
kaisi kakshaa ki monitor aaee
sabse tar-tar karavaaee
kuyen me daal di saari padhaaii
maaster ji ko mil gayaa bahaana
sabka band kar diya tarraanaa

सीमा सचदेव का कहना है कि -

sabhi sahpaathiyon ko khoob badhaaii
par meri to nikal rahi hai rulaaii
:::::((((((

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

दो हफ्तों से पहेलिओं के उत्तर सोचते-सोचते दिमाग कमजोर हो गया जैसे दीमक ने चाट लिया हो. और..... अब राघव जी ने सबको फिर से उल्टा लटका दिया.....मतलब सबको ग़लत साबित कर दिया है. इस तरह के जबाब पढ़कर तो दिमाग के जो रहे-सहे तार थे वह भी झनझना गये हैं.
लेकिन अब मनु जी का suspense तो over हुआ. अब उनकी घबराहट घटी या बढ़ी यह जानना बाकी है. जो हवा-महल बना रहे थे अब उनका क्या होगा? ईश्वर जानें या फिर राघव जी और नीलम जी जानें कि उनके बीच क्या खिचड़ी पक रही है.

अब सोचोगे सब मिलकर क्या नक़ल टीपना सही कला
ताक-झाँक करने से भी सब पर आ जाती है नयी बला.

manu का कहना है कि -

cheating,,,,,,,,,,,,,,,
cheating,,,,,,,,,,,,,,,,
cheating,,,,,,,,,,,,,,,,,,

11 me se ek to sahi hi thi::::-(

ab aap log faislaa karein ke maaster ji ko badlaa jaaye ...yaa
moniter ko.....

neeti sagar का कहना है कि -

ये क्या ??? मेरे नंबर क्यों काटे टीचर जी ????जबकि सबसे जयादा सही जवाब मेरे...मतलब १-रेलगाडी उसका १ नंबर,३-गुल्लक सही जवाब उसका १ नंबर ,११-लाठी उसका १ नंबर हुए मेरे नंबर ३ फिर राघव जी की गुप्त पहेली का जवाब किसी ने भी नहीं दिया सिर्फ मैंने दिया उसका १ नंबर मिला कर मेरे अंक-४ हुए यानी मुझे १० में से ४ पास होना चाहिए ....मेरी कापी दुबारा चैक करे टीचर....आपने मेरे नंबर क्यों काटे????

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

नीती जी...

1. गुल्लक जवाब पहेली न. 6 का है ना कि पहेली न. 3 का ( आपने पहेली न. 3 का जवाब गुल्लक लिखा - अतः फल के भागीदार ना बन सके

2. गुप्त पहेली न. 8 का जवाब आपने लाठी दिया है कृपया पुनः उत्तरमाला जाँचे

नीती सागर आप क्या हो गये अब संतुष्ट
कोई अनीती जब नही फिर कहे को रुष्ठ

पुनः शुभकामनायें..

neeti sagar का कहना है कि -

ओह!!!! मैंने अपनी ही गलती ढूंढ ली....सॉरी सर ....वो गुल्लक का जवाब देखकर मैं कन्फ़ुज़ हो गई...फिर भी मेरे अंक ३ तो बनते ही है....

सीमा सचदेव का कहना है कि -

maaster ji aapne pareeksha patr high level kaa daalaa , bachcho ki umar aur mental ability to dekhi hoti . aapko pareekshaa dobaara leni chaahiye aur is parinaam ko radd kiya jaaye .

rachana का कहना है कि -

एक नंबर पा के कैसे घर को जायेंगे
माँ पापा को की डांट से कैसे बच पाएँगे
रचना

neeti sagar का कहना है कि -

अब तो आपको यकीन हो गया की मेरे दिमाग की हालत क्या हो गई? आपकी पहेलियाँ बुझते-२ !अरे इतना दिमाग का दही बन गया की सोचती हूँ कल डॉक्टर से दिमाग का चैकप करवा लूँ ! सबसे जयादा दिमाग ख़राब तो जवाब देखने के बाद हुआ...क्या टीचर जी तो विदेश में पढ़ कर आये है...और हम chhote-२ bachchho पर ज़रा भी रहम नहीं करते....

Divya Narmada का कहना है कि -

जिस कक्षा का बिगड़ता है यारों परिणाम.
उसके शिक्षक का यही रह जाता है काम.
रह जाता है काम, नक़ल करना सिखलाये.
या कक्षा में घुस सबको उत्तर बतलाये.
कहे 'सलिल' कविराय, पहेली भूल जाइए.
सौ में से सौ अंक सभी मिल लूट लाइए.

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

tराघव जी,
गुस्ताखी के लिए क्षमा करें, बट आर यू श्योर कि आपके answers सही हैं? या कहीं किसी तरह की घपलेबाजी तो नहीं हुई है आपके और नीलम जी की तरफ से कोई साठ-गाँठ करके (just for the peace of my mind)?

यहाँ अपनी सफाई में कुछ कहना चाहती हूँ कि:
पर उपदेश कुशल बहुतेरे....वाली बात लागू हो गई. ऐसा भी हो जाता है कभी-कभी:

देखकर अपने साथिओं को इतना परेशान
एक तरकीब बताई जो सबसे थी आसान
सोचा था इन सबका हो जाएगा कल्यान
पर यह यह सब तो निकले बहुत शैतान.

साथिओं:
चंट सभी तुम कितने हो, फट से हो गए सब तैयार
टीपी नक़ल खूब जमकर पर हो गया सारा बँटा-ढार
लगी टपकने लार सभी की नक़ल का सुनकर नाम
फ़ेल हो गए तो मिलकर करते मॉनीटर को बदनाम.

और सीमा जी,

मेरी तो सबके लिए अच्छी intentions थीं
परीक्षकों की मुझसे भी expectations थी
भला ही सोचा था तभी नक़ल की बात बताई
अपने ही कंधे पर रख कर मैंने बन्दूक चलाई
मुझे तो नहीं पता था कि गोली आयेगी लौट
अब बुरे समय में छोड़ देते हो तानों की चोट
झटका खाया सबने जब पटरी से उतरी रेल
राघव जी के answers ने बिगाड़ा सारा खेल
आगे से साथिओं,अकल लगायो अपनी-अपनी
वरना बन जायेगी फिर से रिजल्ट की चटनी
राघव जी यदि दें सकें किताब discount पर
न fuse उड़ेगा दिमाग का ना ढूंढो गूगल पर
future में नक़ल करके ना खोदो अपनी खाई
कहीं न हो जाए फिर आपस में ही हाथापाई.

और भी कुछ कहना है अभी (कह लेने दीजिये वर्ना दिल की दिल में रह जायेगी और फिर बेचैनी बढ़ जायेगी और पेट में पच नहीं पायेगी):

गुरु जी के आने की उम्मीद के इंतज़ार के दिये जलते रहे बुझते रहे, पर अब हर दिया गुल हो गया दिखता है. अब क्या हो? अब शायद पहेली maastarrs राघव जी और नीलम जी के बूते पर ही लगता है पहेली की गाड़ी खिंचेगी.

अच्छा नहीं लगता है गुरु जी को शायद
जब वह पहेली की कक्षा में सर खपाते हैं
रंगे-महफ़िल जमी हो जहाँ गानों की तो
उसीमे रंगकर अपना सुकून वह पाते हैं.

फ़िल्मी दुनिया में जब से रम गये हमारे teacher
आजादी पा तुम सब बने अव्वल नंबर के cheater.


लेकिन फिर भी आप लोग आते रहिये
सब अपना-अपना सिर खपाते रहिये
कक्षा में अपने-अपने कारनामे दिखाकर
पहेली की महफ़िल में रंग जमाते रहिये.

अलविदा, अलविदा साथिओं....

आपकी अपनी ही
कक्षा-मॉनिटर

Unknown का कहना है कि -

main to abhi in pahiliyo k jayab doondh raha tha par comment padhkar samajh aaya , ye to jayab he likhe hue hai,
kyuki suruvat ki teen paheliyo mein kuch samajh nahi aaya, fir comment padhne k baad puri post dobara padhi tab samajh aaya,

Unknown का कहना है कि -

main pariksha mein absent tha, isliye dobara pariksha honi chahiye :-)

sumit bhardwaj

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

सुमीत जी आप बहुत देर से जागे पर आगे से चौकन्ने रहिये. अगला प्रश्नपत्र जब आये तो खटाखट जबाब ढूंढ़ना शुरू कर दीजिये वह भी अपना दिमाग लगाकर. कहीं आप इस चक्कर में तो नहीं हैं कि कई परीक्षायों के प्रश्नपत्रों के उत्तर आराम से कुछ महीनों में एक बार में सौंप दें. नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, बिलकुल nahinnnn यह सब परीक्षकों को मंजूर नहीं होगा क्यों कि यह सब नियम के विरुद्ध है. मेरी सलाह मानिए और अब alert रहिये. लगे हाथों सब लोग यह भी कान खोलकर सुन लीजिये कि कोई भी इस बार नक़ल करने में सफल नहीं होगा. शायद मनु जी ने भी यह बात अच्छी तरह से समझ ली होगी. कोई भी चकर-मकर या नैन-मटक्का नहीं होना चाहिये, ना ही गर्दनों को उचका कर या कापियों को तिरछी करके नक़ल करने या कराने की कोशिश की जाये, और ना ही बिना खांसी के झूंठ-मूंठ में खांस कर किसी को इशारा दिया जाये (ऐसा मेरा नहीं बल्कि राघव जी का कहना है, तो आप लोग मुझे किसी भी तरह का दोष ना दें). उत्तर समय पर जमा करने का कष्ट करें तो सब पर (राघव जी और नीलम जी) पर बड़ा उपकार करेंगे. साथ में कुछ साथी लापता हैं जैसे कि तपन जी, पूजा जी, शोभा जी, dreamer जी (जिनकी आदत है परीक्षा के समय ही सपनों में खो जाने की, पता नहीं पहेलियों के जबाब ढूढ़ते हैं वह सपनों में कि कुछ और, शायद उम्मीद करते हों कि उत्तर dream में ही मिल जाएँ तो बेहतर हो). परीक्षा टाइम over हो गया और रिजल्ट भी निकल गया पर यह सब लोग गायब हैं. शोभा जी ने तो बिलकुल कष्ट नहीं किया इस बार एक भी attendance देने का. क्या माजरा है, भाई लोगों? अगर आप को किसी की भी खबर हो तो उनका भी इस कक्षा की तरफ रुख कराने की कोशिश करियेगा. तब तक मौज करिये आप सब लोग.

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)