क्या आप जानते हैं ?
मधुमक्खियाँ भिनभिनाती क्योँ हैं?
मधुमक्खी जब बैठी रहती है अथवा धीरे-धीरे रेंगती है तो किसी तरह की भिनभिनाहट नहीं होती जब उड़ती है, तभी भिनभिनाहट की आवाज सुनाई पड़ती है। मधुमक्खी स्वयं किसी तरह की आवाज नहीं करती परन्तु जब वह उड़ती है तो उसके पंख तेजी से घूमते हैं जिससे हवा में कम्पन होता है जो हमे भिनभिनाहट के रूप में हमे सुनाई पड़ता है।
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5 पाठकों का कहना है :
अच्छी जानकारी ..
मधुमक्खी जब बैठी रहती, तब करती आराम.
जब उड़ती तब गाती गाना, लगे न भारी काम.
लगे न भारी काम, शहद देती है हमको.
'सलिल' सीख देती जो पाओ बांटो सबको.
पंख हवा में डुला सुनाती गीत मनोहर.
मधुमक्खी की सीख सत्य है एक धरोहर.
जानकारी के लिए धन्यवाद नीलम जी,,,,,,,,
आज पता लगा के मधुमाख्खिया क्यूं भिनभिनाती है,,,,
इस जानकारी के लिए भी नीलम जी, आपको बहुत धन्यबाद. संजीव जी की मधुमक्खी वाली कविता भी बहुत अच्छी लगी. क्या मस्त प्राणी है (मेरा मतलब मधुमक्खी से है यहाँ). यह वाली मधुमक्खी बहुत ही तंदुरुस्त लग रही है. लगता है कि फोटो खिंचवाने के पहले खूब पराग खा कर आई होगी.
शन्नो जी ,
आप के कमेन्ट भी कुछ कम मस्त नहीं होते |
किसी न क्या खूब कहा
भी है कि
जिन्दगी जिंदादिली का
नाम है...........
आगे तो आपको पता ही है |
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