Thursday, April 2, 2009


ॐ ही भक्ति ॐ ही शक्ति
ॐ ही भव-सागर से मुक्ति
ॐ ही पूर्ण ब्रह्म विचार
ॐ मे बस रहिया संसार
ॐ नाम अदभुत आधार
ॐ से मिट जाएं कष्ट अपार
ॐ ही बाहर ॐ ही अंदर
ॐ से बन जाए मन मन्दिर
ॐ शब्द और ॐ विधाता
ॐ ही सृष्टि का उपजाता
ॐ ही पूर्ण ब्रह्म दिखावे
ॐ ही राम को रमण करावे
ॐ ही है कण-कण मे समाया
ॐ नाम का मर्म न पाया


आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

3 पाठकों का कहना है :

manu का कहना है कि -

ॐ नाम का मर्म ना पाया ,,,ॐ ही है कण कण में समाया,,,,,
आप सब को राम नवमी मुबारक हो,,,,

हमारी तरफ से इश्वेर एक प्रार्थना कीजियेगा के अब नौ कन्या पूजन के बजाय तीन या चार
बालिका और पांच या छः बालको के पूजन का नया सिलसिला शुरू हो

नौ बालिकाये तो ढूँढना ही अपने आप में एक महाव्रत हो गया है,,,,,

rachana का कहना है कि -

बहुत सुंदर लिखा है
लगता है इसको गया भी जा सकता है
रचना

Divya Narmada का कहना है कि -

ॐ जगत का मूल है, ॐ सृष्टि का सार.
ॐ बिना सब शून्य है, जपें नित्य ओमकार.

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)