अब आपको आटा गूंधते हुये देखने/खाने के लिये लगता है जल्दी ही आना पडेगा। रजीव जी कृपया ध्यान दें. वैसे प्यारे छायाचित्र... अच्छा लगा अपने अंडर एक्सपोज्ड सब्जेक्ट को प्रापर एक्सपोजर में देखना
सीमा जी,मुबारकबाद आपकी बच्ची अब aanta गुन्थाने लगी, वैसे अन्नोनुमोउस साहब, चिंता की कोई बात नहीं भुपेंदर जी ठीक कह रहे हैं. एक विशेष बात मैं कहना चाहूँगा राजीव जी को की महोदय आप बहुत ही तेज और चालाक हैं मामला चाहे समसामयिक विषयों पर कलम चलने का हो या द्मौका मिलते ही दावत ,की गुन्जैएस तलाशने का. बहुत अच्छे.भाई, हमें मत भूल जाइएगा. अलोक सिंह "साहिल"
अनोंनिमुस साहब पहली बात अगर आप लॉजिक ढूँढ़ रहे हैं तो ध्यान से देखिये-इस बच्चे ने यह आटा नहीं गूँधा -हम बड़े भी इतना सारा आटा मलेंगे तो हाथ कितना सन जाता है- और वैसे बच्चों को बहुत मजा आता है इन सब कामों में---नहीं तो बाज़ार में टूल किट और किचेन सेट क्यों बिकते- तस्वीरों में बिटिया की मुस्कराहट देख कर हम भी खिल उठे- भई क्या बात है-यह तो हम से भी कुशल निकलीं बिना आटा बिखेरे और हांथों को गन्दा किए पूरी बाजू की शर्ट में आटा गूँध लिया!हम भी आ रहे हैं सिखने तुम से :)-
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12 पाठकों का कहना है :
बच्चों से काम कराना कानूनन अपराध है. बिटिया को अभी खिलानों से ही खेलने दें.
सीमा जी,
वैसे ठीक ही कह रहे हैं anonymous साहब..
पर ये भी स्योर है की बिटिया इस आटे की रोटियां नही बनाने वाली.. अपने खिलोने( चिडिया इत्यादि ) ही बनायेगी..
अच्छी तस्वीरें है..
सीमा जी..
ये कानूनी पचडा नहीं है, मामला गंभीर है :) हमारी दावत लटकती जा रही है। एसी शानदार आँटे की गुथीं हुई रोटियाँ खाने का तो आनंद ही अलग होगा।
अच्छी तस्वीरें।
*** राजीव रंजन प्रसाद
तेजल से मम्मी बहुत काम करवाती हैं :) कभी रोटी कभी आटा
उफ्फ्फ़ नन्ही सी जान और कितने करती है काम :)
मासूम तस्वीरे देखते ही प्यार आ जाए :)
सीमा जी! तारीफ़ आपकी करें या नन्हीं तेजल की! :)
एक बार रोटियाँ बनवाया था और इस बार आटा ?
बाल श्रम का अच्छा प्रमाण है वो भी सचित्र |
सुंदर है.
अवनीश तिवारी
शाबाश तेजल, हर काम में यूहीं आगे रहो
सीमा जी,
बहुत अच्छी तसवीर
सीमा जी
अब आपको आटा गूंधते हुये देखने/खाने के लिये लगता है जल्दी ही आना पडेगा। रजीव जी कृपया ध्यान दें. वैसे प्यारे छायाचित्र... अच्छा लगा अपने अंडर एक्सपोज्ड सब्जेक्ट को प्रापर एक्सपोजर में देखना
सीमा जी,मुबारकबाद आपकी बच्ची अब aanta गुन्थाने लगी,
वैसे अन्नोनुमोउस साहब, चिंता की कोई बात नहीं भुपेंदर जी ठीक कह रहे हैं.
एक विशेष बात मैं कहना चाहूँगा राजीव जी को की महोदय आप बहुत ही तेज और चालाक हैं मामला चाहे समसामयिक विषयों पर कलम चलने का हो या द्मौका मिलते ही दावत ,की गुन्जैएस तलाशने का. बहुत अच्छे.भाई, हमें मत भूल जाइएगा.
अलोक सिंह "साहिल"
अनोंनिमुस साहब पहली बात अगर आप लॉजिक ढूँढ़ रहे हैं तो ध्यान से देखिये-इस बच्चे ने यह आटा नहीं गूँधा -हम बड़े भी इतना सारा आटा मलेंगे तो हाथ कितना सन जाता है-
और वैसे बच्चों को बहुत मजा आता है इन सब कामों में---नहीं तो बाज़ार में टूल किट और किचेन सेट क्यों बिकते-
तस्वीरों में बिटिया की मुस्कराहट देख कर हम भी खिल उठे- भई क्या बात है-यह तो हम से भी कुशल निकलीं बिना आटा बिखेरे और हांथों को गन्दा किए पूरी बाजू की शर्ट में आटा गूँध लिया!हम भी आ रहे हैं सिखने तुम से :)-
बिना हाथ साने और बिना कपडे खराब किये तेजल ने आटा कैसे गूंथ लिया यह केस CBI को देने की सिपारिश करता हूं :)
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