Tuesday, December 11, 2007

संदेशा


कोमल कोमल पंखो वाली
नभ को देखो छूने वाली
रंगीनी बरसाने वाली
प्यारी तितली आई है

एक संदेशा लाई है
हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई
आपस मे है भाई- भाई
सब संग मिलकर रहा करो
प्यार सभी से किया करो
सदाचार अपनाओ तुम
भूलों को राह दिखाओ तुम

हो भविष्य कल का तुम
सच्चाई को अपनाओ
जैसे रंग- बिरंगे पंख
उस तितली से बन जाओ॥

- रचना सागर


आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

6 पाठकों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

रचना जी बहुत ही प्यारी प्रस्तुति.
बधाई हो
अलोक सिंह "साहिल"

रंजू भाटिया का कहना है कि -

रंग बिरंगी तितली की कविता बहुत प्यारी लगी
रचना जी ..

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

लाल हरे बैगनी बसंती काले नीले पीले
रचना जी की रचनाओं के शब्द बहुत रसीले
बच्चों के हित की ये जो प्यारी कविता लायीं
भाव भरी सन्देश समाहित इसके लिये बधाई

Alpana Verma का कहना है कि -

रंग बिरंगी तितलियाँ चित्र में देखीं - बहुत ही प्यारी हैं.
कविता भी उतनी ही प्यारी है.
रचना सागर जी धन्यवाद.

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

जैसे रंग- बिरंगे पंख
उस तितली से बन जाओ॥

बहुत सुन्दर विचार, बधाई रचना जी।

*** राजीव रंजन प्रसाद

Mohinder56 का कहना है कि -

रंगों और कोमलता के माध्यम से भाई चारे का संदेश देती सुन्दर रचना के लिये रचना जी आपको बधाई

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)