सूरज चाचा
सूरज चाचा आते हैं
रोज सवेरा लाते हैं
किरणों को फैलाते हैं
दुनियाँ को चमकाते हैं
अंधियारा दूर भगाते हैं
धरती को जीवन देते हैं
उर्जा का स्त्रोत बहाते हैं
सबके मन को भाते हैं
रोज सवेरा लाते हैं
किरणों को फैलाते हैं
दुनियाँ को चमकाते हैं
अंधियारा दूर भगाते हैं
धरती को जीवन देते हैं
उर्जा का स्त्रोत बहाते हैं
सबके मन को भाते हैं
संदेशा मुझे सुनाते हैं
बच्चों जब तुम बडे बनोगे
बडे बडे कुछ काम करोगे
जग में रौशन नाम करोगे
सबके प्यारे बन जाओगे
दिल में उनके बस जाओगे
बच्चों जब तुम बडे बनोगे
बडे बडे कुछ काम करोगे
जग में रौशन नाम करोगे
सबके प्यारे बन जाओगे
दिल में उनके बस जाओगे
- सुषमा गर्ग

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7 पाठकों का कहना है :
सुषमा जी,
सबसे पहले बाल उधान पर आपका स्वागत है,
बहुत अच्छी कविता... बधाई
सुषमा जी आपका यहाँ स्वागत है ..सुंदर लगी आपकी यह बाल कविता !!
संदेशा मुझे सुनाते हैं
बच्चों जब तुम बडे बनोगे
बडे बडे कुछ काम करोगे
जग में रौशन नाम करोगे
सबके प्यारे बन जाओगे
दिल में उनके बस जाओगे
बच्चों में आशावादिता भरने का यह प्रयास प्रशंसनीय है।
*** राजीव रंजन प्रसाद
सुषमा जी स्वागत है आपका
बच्चों के लिये यह प्यारी सी कविता लिखने के लिये बहुत बहुत बधाई
साहेबान,मेहरबान,कदरदान! हाजिर हैं आपके बीच सुषमा जी आपके अपने मंच पर जिसका नाम है बाल उद्द्यान.
अच्छा है...............
शुभकामनाओं समेत
आलोक सिंह "साहिल"
सुषमा जी, बाल उद्यान में आपका हार्दिक स्वागत है।
इस प्यारी सी कविता के लिए मेरी ओर से बहुत बहुत बधाई।
सुंदर,सरल बाल कविता और साथ में दिए सूरज चाचा के प्यारे प्यारे रूप मनोहारी हैं.
धन्यवाद
और बधाई।
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