Tuesday, December 18, 2007

सूरज चाचा


सूरज चाचा आते हैं
रोज सवेरा लाते हैं
किरणों को फैलाते हैं
दुनियाँ को चमकाते हैं
अंधियारा दूर भगाते हैं
धरती को जीवन देते हैं
उर्जा का स्त्रोत बहाते हैं
सबके मन को भाते हैं

संदेशा मुझे सुनाते हैं
बच्चों जब तुम बडे बनोगे
बडे बडे कुछ काम करोगे
जग में रौशन नाम करोगे
सबके प्यारे बन जाओगे
दिल में उनके बस जाओगे

- सुषमा गर्ग


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7 पाठकों का कहना है :

अभिषेक सागर का कहना है कि -

सुषमा जी,

सबसे पहले बाल उधान पर आपका स्वागत है,

बहुत अच्छी कविता... बधाई

रंजू भाटिया का कहना है कि -

सुषमा जी आपका यहाँ स्वागत है ..सुंदर लगी आपकी यह बाल कविता !!

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

संदेशा मुझे सुनाते हैं
बच्चों जब तुम बडे बनोगे
बडे बडे कुछ काम करोगे
जग में रौशन नाम करोगे
सबके प्यारे बन जाओगे
दिल में उनके बस जाओगे

बच्चों में आशावादिता भरने का यह प्रयास प्रशंसनीय है।

*** राजीव रंजन प्रसाद

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

सुषमा जी स्वागत है आपका

बच्चों के लिये यह प्यारी सी कविता लिखने के लिये बहुत बहुत बधाई

Anonymous का कहना है कि -

साहेबान,मेहरबान,कदरदान! हाजिर हैं आपके बीच सुषमा जी आपके अपने मंच पर जिसका नाम है बाल उद्द्यान.
अच्छा है...............
शुभकामनाओं समेत
आलोक सिंह "साहिल"

Dr. Zakir Ali Rajnish का कहना है कि -

सुषमा जी, बाल उद्यान में आपका हार्दिक स्वागत है।
इस प्यारी सी कविता के लिए मेरी ओर से बहुत बहुत बधाई।

Alpana Verma का कहना है कि -

सुंदर,सरल बाल कविता और साथ में दिए सूरज चाचा के प्यारे प्यारे रूप मनोहारी हैं.
धन्यवाद
और बधाई।

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