औरंगाबाद में हुआ बाल-कवि सम्मेलन
दिनांक ०८-१२-२००७ को औरंगाबाद के एस.बी.ओ.ए. पब्लिक स्कूल में बाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यह कार्यक्रम विद्यालय प्रमुख श्रीमती अनिता सिद्धये की प्रेरणा से एवम् उनके कुशल नेतृत्व में तमाम शिक्षक-शिक्षिकाओं के सहयोग से सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कुल ६५ विद्यार्थियों ने अग्रेजी, मराठी, व हिन्दी भाषा में कविता पाठ किया। सभी विद्यार्थियों ने हिन्दी भाषा में लिखी अपनी सुंदर, रोचक कविताओं से श्रोताओं का दिल जीत लिया। बच्चों के अन्दर छिपे हुए सृजनकार एवं उनकी सृजनात्मकता को विकसित करने का यह प्रयास पूर्णतया सफल रहा। यह बहुत हर्ष की बात है कि उसमें से २४ बालकवियों ने हिन्दी में कविताएँ सुनाई।
स्थानीय लोकमत समाचार के संपादक श्री अमिताभ श्रीवास्तव की उपस्थिति कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रही थी। प्रशासक श्रीमती अनिता सिद्धये ,प्रधानाध्यापिकाएं श्रीमती सुरेखा माने व श्रीमती अर्चना फड़के ने विद्यार्थिओं के सृजन कार्य को खूब सराहा। कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अध्यापिकाओं ने भी बाल रचनाकारों को बधाई दी। २०० से अधिक की संख्या में अभिभावक मौजूद थे। अभिभावक भी बहुत उत्साहित थे, उनके चेहरों की चमक देखने लायक थी। अभिभावकों ने माना कि समय-समय पर इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए, इससे बच्चों का बहुमुखी विकास होता है।
बाल-उद्यान के बारे में इंटरनेट से बाहर पहली बार ज़िक्र हुआ। अब हिन्द-युग्म इस सिलसिले को रोकना नहीं चाहता। स्कूलों में इस तरह का आयोजन करके बाल-कलाकारों को पल्लवित करना इसका प्रथम लक्ष्य है।
हिन्द-युग्म एस.बी.ओ.ए. पब्लिक स्कूल का विशेष आभार व्यक्त करता है जिसने बाल-उद्यान को भी अपने इस आयोजन में छोटा सा स्थान दिया। इस विद्यालय की शिक्षिका तथा हिन्द युग्म की सदस्या सुनीता यादव के प्रयासों से ही हमारी बात वहाँ तक पहुँच सकी।
कल से एक-एक करके बाल कवियों द्बारा सुनाई गईं रचनाएँ यहाँ प्रकाशित होंगी।
बालकवि सम्मेलन की अन्य झलकियाँ-
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15 पाठकों का कहना है :
बहुत अच्छा लगा पहली बाल कवि सम्मेलन के बारे मे जानकर..
सुनिता यादव जी को बहुत बहुत बधाई।
sukhad laga jaankar.aise prayas hamare lakshyon ke prati hamare dridhta ko hi batate hain.
maafi chahunga hindi font sahi na hone ke karan asuvidh ho rahi hai.
alok singh "Sahil"
सुनीता यादव जी को बहुत बहुत बधाई ,बहुत ही अच्छा प्रयास है यह बच्चो के अंदर छिपी प्रतिभा कोई बाहर लाने का
हिंद युग्म के बाल उद्यान के लिए यह एक बहुत ही यादगार अवसर रहेगा ,बच्चों कि सुनाई कविता सुनने का हमे भी इंतज़ार रहेगा ..
बहुत बधाई।
सुनीता जी आपके इस प्रयास की जितनी भी तारीफ की जाए कम है, अनुरोध है की सभी रचनाओं को एक साथ डाला जाए ताकि पढने वाले भी प्रतियोगिता के मूड को आत्मसात कर पाये .... एक बार फ़िर बधाई, और सभी प्रतिभागियों के जोर दार तालियाँ
सुनिता जी का अथक लगाव
और मेहनत लो रंग लाई
छुपी बाल-प्रतिभाये देखी
और देखी कविताई..
आयोजनों का यही सिलसिला
अडिग बढे अब पथ पर..
बाल-बालिकाओ को होने दो
आरूढ कवि-रश्मि-रथ पर..
बहुत सराहनीय प्रयास..
-धन्यवाद
हिंद युग्म और सुनिता यादव जी का बहुत ही सराहनीय प्रयास है.
आज हिन्दी के प्रति बच्चों में प्रेम है देख कर खुशी होती है.
यहाँ बच्चे हिन्दी एक विषय की तरह पढ़ते हैं बस.. उन को प्रेरित करने की बहुत कोशिश करते हैं परन्तु सफल नहीं हो पाते. प्रतियोगितायों में भी कोई खास एंट्री नहीं होतीं जो निराश करती हैं.
मेरी शुभ कामनाएं है कि आप के यह प्रयास सफल हों और बिना किसी कुंठा के हिन्दी के प्रति बच्चों में प्रेम बना रहे .
और इस कार्यक्रम की सफलता पर बहुत बहुत बधाई..
glaitmइस सफल आयोजन के लिए एस॰बी॰ओ॰ पब्लिक स्कूल, औरंगाबाद बधाई की पात्र है। इस तरह के कार्यक्रम देश में अन्यत्र कहीं नहीं होते। जहाँ होते भी हैं वहाँ कविता के नाम पर गिने-चुने विद्यार्थी ही शिरकत करते हैं। यह श्रीमती अनिता सिद्धये की प्रेरणा ही है कि ६५ की संख्या में बाल कवियों ने भाग लिया। बाल कवि क्या , यदि इतने किशोर कवि भी इकट्ठे किये जाय तो भी मुश्किल है। हम श्रीमती अनिता सिद्धये से यह निवेदन करेंगे कि वो इस तरह की आयोजन करती रहें और बाल-उद्यान पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें।
अंत में मैं सुनीता यादव जी का भी धन्यवाद करूँगा क्योंकि हिन्द-युग्म के किसी भी सदस्य के लिए वो प्रेरणा का स्रोत हैं।
इस समस्त प्रयास के लिए श्रीमती अनिता जी का हार्दिक धन्यवाद । एक कुशल प्रशासक ने बच्चों को एक मंच दिया है । आशा करती हूँ कि आपका सहयोग इसीप्रकार मिलता रहेगा और बच्चों की स्वाभाविक प्रतिभा खुलकर सामने आएगी ।
एक तो बाल कवि सम्मेलन ही कम सुनने को मिलता है, और वो भी ६५ बच्चों का सम्मेलन। ये स्कूल के अध्यापकों व प्रशासकों की ओर से उठाया गया बहुत उत्तम कदम है। इसके लिये अमिताभ श्रीवास्तव जी, विशेष तौर पर प्रशासक श्रीमती अनिता सिद्धये जी, श्रीमती सुरेखा माने जी व श्रीमती अर्चना फड़के जी को बहुत बहुत धन्यवाद।
सुनीता जी आप जिस तरह से हिंद-युग्म के लिये काम कर रहीं हैं वो निश्चित ही काबिले तारीफ है।
आज मेरे भीतर जो भी छोटा - मोटा कवि है,
वह सिर्फ़ इस कारण है कि मेरे विद्यालय में बहुत अच्छे स्तर पर इस तरह के कार्यक्रम होते थे । छोटी उम्र में मनुष्य दिल से सोचता है और सपने देखता है , अगर इसी उमर में कविता और साहित्य के प्रति रुझान हो जाये तो आगे चलकर कई कवि जन्म लेंगें और हिन्दी साहित्य का परचम लहराता रहेगा । श्रीमती अनीता सिद्धये जी को इस कार्य के लिये विशेष धन्यवाद और सुनीता जी को साधुवाद । आशा है इस तरह के आयोजन आप और करेंगें और हिन्दी साहित्य के भावी सेनानियों को प्रोत्साहन और बल प्रदान करेंगें ।
साभार
आलोक
"सपनों की छाती में लेती
हो अगर उड़ानें अँगड़ाई,
तो रोक नहीं सकती उसको ,
पर्वत की कोई ऊँचाई ।"
मैं बाल-उद्यान की तरफ से एस.बी.ओ.ए. पब्लिक स्कूल, श्रीमती अनिता सिद्धये व सुनीता जी सहित उन तमाम शिक्षक-शिक्षिकाओं व बाल-सेना का विशिष्ट आभार व्यक्त करता हूँ जिनके आपसी सहयोग से इस प्रकार का अनूठा बाल कवि सम्मेलन देखने को मिला..
एक बार फिर विषेश रूप से श्रीमती अनिता सिद्धये ,प्रधानाध्यापिकाएं श्रीमती सुरेखा माने व श्रीमती अर्चना फड़के व इस विद्यालय की शिक्षिका तथा हिन्द युग्म की सदस्या सुनीता यादव जी बहुत बहुत धन्यवाद उम्मीद है हमेशा यही सहयोग व स्नेह युग्म को मिलता रहेगा..
यही सही समय है कि विद्यालय अपने भीतर की प्रतिभओं को न केवल पहचानें अपितु मंच भी प्रदान करें। मैं बाल-उद्यान की ओर् एस.बी.ओ.ए. पब्लिक स्कूल की श्रीमती अनिता सिद्धये व सुनीता जी का आभारी हूँ जिन्होंने बाल-उद्यान के इस महत्वाकांषी प्रोजेक्ट को अपने विद्यालय में सफल बनाया।
विद्यालय के सभी अध्यापकों तथा उन नन्हे बाल-वृन्दों का विषेश आभार।
*** राजीव रंजन प्रसाद
सुनीता यादव जी इस आयोजन में हिन्द युग्म का प्रचम लहराने के लिये बधाई की पात्र हैं.. सभी सदस्यों को अपने अपने क्षेत्र में इसी प्रकार के प्रयासों द्वारा हिन्द युग्म को और ऊंचांईयों की और ले जाना है.
बाल कवि सम्मेलन का आयोजन निश्चय ही काबिले तारीफ है। इसके लिये विद्यालय प्रशासन व युग्म परिवार की सदस्या सुनिता जी बधाई के पात्र हैं। बच्चों की रचनात्मकता भी ऐसे कायर्क्रमों के माध्यम से उभर कर आयेगी।
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