Friday, December 28, 2007

हिंदी में शब्द युग्म

हिंदी भाषा में एक खास विशेषता है - इसमें प्रचलित युग्म शब्द अर्थात जुड़वा शब्द । ये हिंदी भाषा में रोचकता लाते हैं । ये शब्द युग्म हिंदी भाषा को अद्वितीय बनाते हैं । बहुत से ऐसे युग्म शब्द हैं जो अनायास ही मुंह से निकल जाते हैं । इनमें कुछ का अर्थ है , कुछ अर्थहीन होते हैं , कुछ का अलग से अस्तित्व है तो कुछ अलग होने पर अपना अस्तित्व खो बैठते हैं । आइये देखते हैं कुछ ऐसे ही युग्म शब्द - अंधा- धुंध ... अस्त- व्यस्त ... अस्त्र -शस्त्र ... अनाप- शनाप ... अच्छा- खाशा ... अलग- थलग ... अड़ोस- पड़ोस ... अजीबो -गरीब ... अदला -बदली ... अक्कड़ बक्कड़ ... आनन फानन ... आड़ तिरछा ... आंख मिचौली-- इश्क- विश्क ... इक्का दुक्का ... इंशा अल्लाह ... उलट फेर ... उधेड़ बुन ... उछल कूद ... उठा पटक ... उमड़ घुमड़ ... ऊट पटांग ... ऊबड़- खाबड़ ... ऊल- जुलूल ... ओत- प्रोत ... ऐरे गैरे ... ऐसी तैसी ...ऐसा वैसा ... ऐशो आराम ... कांट छांट ... कहा सुनी ... कर्ता धर्ता ... काम काज ... कसमे वादे ... कूड़ा कचरा ... कीड़े मकोड़े ... कच्चा पक्का ... कढ़ाई बुनाई ... हाल चाल ... कुशल क्षेम ... चीख पुकार ... खोज बीन ... खरी खोटी ... खून पसीना ... खून खराबा ... खाली पीली ... खाना खजाना ... गप शप ... गिने चुने ... गोला बारूद ... गिले शिकवे ... गाना बजाना ... गुजर बसर ... गुप चुप ... गोरा चिट्टा ... घर बार घिसा पिटा ... चाल ढ़ाल ... चूल्हा चौका ... चमक दमक ... जैसे तैसे ... जादू टोना ... जात पात ... झाड़ फूंक ... टेढ़े मेढ़े ... झुग्गी झोपड़ी ... जोर शोर ... जप तप ... चनिया चोली ... छल कपट ... ताना बाना ... छीना झपटी ... ठीक ठाक ... टोना टोटका ... टोका टाकी ... तहस नहश ... देख भाल ... धूप छांव ... धन दौलत ... नाश्ता पानी ... तितर बितर ... दाल रोटी ... थका मांदा ... ताम झाम ... रिश्ते नाते ... नाक भौं ... धक्का मुक्की ... दांव पेंच ... ठाठ बाठ ... तेज तर्रार ... ताल मेल ... पाप पुण्य ... पूजा पाठ ... पालन पोषण ... पकड़ धकड़ ... फल फूल ... मार धाड़ ... मोल भाव ... मार पीट मिला जुला ... भाग दौड़ ... यत्र तत्र ... यार दोस्त ... बड़े बूढ़े .... बोल चाल ... तोल मोल ... बन ठन ... भूले बिसरे ... राज पाट ... रंग ढ़ंग ... रोक थाम ... लेन देन ... लेखा जोखा ... सैर सपाटा ... सांठ गांठ ... सीधा सादा ... विचार विमर्श ... हेरा फेरी ... लोट पोट ... लाड प्यार ... रात दिन ... रफा दफा ... हम दम ... हाव भाव ... वाह वाह ... रंग ढ़ंग . ऐसे और भी अनेकों शब्द हैं ! क्या आप भी ऐसे वैसे दो चार शब्द बता सकते हैं ? कवि कुलवंत सिंह


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8 पाठकों का कहना है :

दिवाकर प्रताप सिंह का कहना है कि -

आप ने अच्छा लिखा है परन्तु किसी भी भाषा में उसकी वर्तनी पर भी ध्यान देना आवश्यक होता है , जिसमें आप चूक गये . जैसे कुच नहीं कुछ होना चाहिये , खाशा नहीं, खासा होना चाहिये . ठीक है . आशा है कि अब आप इस पर भी ध्यान देंगे. शुभकामनाओं सहित -

अनुनाद सिंह का कहना है कि -

कुलवन्त भाई,
बहुत सही चीज पर ध्यान दिलाया है। हिन्दी की यह खूबी अंग्रेजी में अप्राप्य है। सचमुच शब्द-युग्मों के प्रयोग से हिन्दी में सरसता आती है।

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

कुलवंत जी बढिया जानकारी दी आपने

मुझे भी कुछ युग्म-शब्द याद आ गये

अमन-चैन, अपना-पराया आज-कल, आस-पास, ओंगा-सूती, उल्टा-पुल्टा,लुका-छुपी, गोल-मटोल,
चहल-पहल,चिकना-चुपड़ा, भूल-भुलैया, गुत्थम-गुत्था,हेरा-फेरी,हट्टा-कट्टा,गरमा-गरम,
हल्ला-गुल्ला,हक्का-बक्का, हार-जीत, हष्ठ-पुष्ठ
सर-पैर, ऊँच-नीच, हाय-तौबा, काला-पीला..

और भी बहुत हैं.. वैसे अपना हिन्द-युग्म भी युग्म शब्द हो गया है.. जहन में युग्म सुनते ही 'हिन्द' पूर्वलग्न हो जाता है और हिन्द सुनते ही 'युग्म' अनुलग्न

कुलवंत जी बहुत बहुत बधाई

Alpana Verma का कहना है कि -

कुलवंत सिंह जी मेरे ख्याल से ''इंशा अल्लाह '' इस श्रेणी में नहीं आता क्यों कि यह एक अरबीक भाषा का शब्द है जिसमे इंशा का मतलब है--wish means इच्छा और अल्लाह means almighty=ईश्वर---जैसे हम कहते हैं न 'प्रभु इच्छा' वैसे ही इस शब्द का इस्तमाल होता है.अगर मैं ग़लत हूँ तो सही करीयेगा.
और कुछ शब्द याद आते हैं जैसे--अगड़म-बगड़म ,चटर-पटर,चिठ्ठी- पत्री,गुना-भाग,जोड़ना-घटाना ,मिलता-जुलता,जान-पहचान,हार-परेशान,थक-हार,लोट-पोट,ओत-प्रोत,शाम-सवेरा ----------

Anonymous का कहना है कि -

कुलवंत जी बहुत ही बढ़िया प्रयास.
आलोक सिंह "साहिल"

Kavi Kulwant का कहना है कि -

आप सभी का बहुत धन्यवाद । suitur जी आपने मेरी गलतियों की ओर ध्यान खींचा है। मै आप का अति आभारी हूँ ।

Sajeev का कहना है कि -

कवि-कुलवंत
ये कैसा है कुलवंत जी
बहुत बढ़िया शब्द संसार दिया है आपने हमारे बाल कवियों के लिए

अभिषेक सागर का कहना है कि -

बढिया प्रयास.. पर वर्तनी पर भी ध्यान देना जरूरी है

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