महावीर स्वामी की शिक्षाएँ
बच्चो,
कल महावीर स्वामी का जन्मदिवस था। बाल-उद्यान पर समय-समय पर सुंदर-सुंदर कविताएँ प्रकाशित करने वाली हम सबकी प्रिय सीमा सचदेव इस बार महावीर स्वामी की शिक्षाओं को कविता रूप में लेकर आई हैं। महावीर स्वामी के बारे में तुम्हें तुम्हारे माता-पिता, गुरूजनों ने अवश्य बताया होगा, उनके द्वारा दी गई शिक्षा भी तुम्हें ज़रूर बतायी होगी। मगर सीमा आंटी की कविता पढ़कर तुम्हें वो शिक्षाएँ याद हो जायेंगी, जिसे तुम अपने दोस्तों को भी सुना पाओगे।
सीमा सचदेव जी ने यह कविता कल ही भेज दी थी लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के कारण हम नहीं प्रकाशित कर सके।
महावीर स्वामी की शिक्षाएँ
आओ बच्चो मिलकर आओ
आज तुम्हें कुछ बातें बताऊँ
महावीर के जन्मदिवस पर
उनके कुछ उपदेश सुनाऊँ
...................................
कभी किसी से झूठ न बोलो
सच्च के लिए अपना मुँह खोलो
जब भी कभी बोलना चाहो
तो पहले शब्दों को तोलो
रखो सदा ही सच्च को साथ
चाहे दिन हो चाहे रात
किसी की कभी न करो बुराई
मीठी वाणी मे सबकी भलाई
....................................
कभी कोई गलती कर जाओ
तो माफी से मुक्ति पाओ
माफी माँगना या फिर करना
नहीं कभी कोई इससे डरना
रखो सबसे मैत्री भाव
छोड़ो सबपे यह प्रभाव
क्षमा से बडा न कोई उपहार
होते इससे उच्च विचार
.....................................
कभी न हिंसा किसी पे करना
सबसे ही मिलजुल कर रहना
सबमें एक ही जैसी जान
नहीं करना किसी का अपमान
छोड़ो सारे वैर-विरोध
कभी न मन में लाना क्रोध
.....................................
बच्चो यह सब बातें समझना
अच्छाई के मार्ग पर चलना
महावीर के शुभ वचनों का
जीवन में सब पालन करना
महावीर स्वामी के जन्मदिवस के पावन अवसर पर हिन्द-युग्म परिवार तथा सभी पाठकों को हार्दिक शुभ-कामनाएँ..... सीमा सचदेव

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
अपने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बारे में रोचक बातें जानना चाहेंगे? बहुत आसान है। क्लिक कीजिए।
तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
5 पाठकों का कहना है :
बच्चों के साथ बडों के लिए भी ज्ञानवर्धक.
सीमा जी,
आप एक सफल बाल साहित्यकार हैं। इससे और अधिक क्या कहूँ। अब तो मुझे भी महावीर स्वामी के संदेश याद हो गये।
सीमा जी,
महावीर स्वामी की शिक्षाएँ आज के युग में ज्यादा प्रासंगिक एवं अनिवार्य हैं। हम सब को उनके दिखाए गए रास्ते पर चलना चाहिए। इस अवसर पर आपकी रचना पढकर बहुत हीं अच्छा लगा। बधाई स्वीकारें।
-विश्व दीपक ’तन्हा’
सीमा जी ये केवल बच्चों के लिए ही नहीं वरन बडो के लिए भी आकर्षक,बेहतरीन,बधाई
आलोक सिंह "साहिल"
सीमा जी , महावीर स्वामी की शिक्षाओं को आपने बहुत ही सहज एवं सरल भाषा में याद दिला दिया , आपका बहुत बहुत धन्यवाद
^^पूजा अनिल
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)