जाकिर अली 'रजनीश' को अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कार
आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि जाकिर अली रजनीश के बाल कहानी संग्रह "ऐतिहासिक बाल कथाएं" पर अखिल भारतीय अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कार प्रदान किया गया। यह सम्मान दिनांक 16 मार्च को भोपाल में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रख्यात साहित्यकार श्री विष्णु नागर की उपस्थिति में प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप श्री रजनीश को प्रशस्ति पत्र एवं रजत पदक प्रदान किया गया।

आपको ककड़ी-खाना पसंद है ना! पढ़िए शन्नो आंटी की कविता
सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। इस मौसम में हम क्या भूत भी ठिठुरने लगते हैं।
क्या आपने कभी सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सैर की है? क्या कहा?- नहीं?
कोई बात नहीं, चलिए हम लेकर चलते हैं।
क्या आप जानते हैं- लिखने से आँखें जल्दी नहीं थकती, पढ़ने से थक जाती हैं क्यों?
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तस्वीरों में देखिए कि रोहिणी, नई दिल्ली के बच्चों ने गणतंत्र दिवस कैसे मनाया।
आपने बंदर और मगरमच्छ की कहानी सुनी होगी? क्या बोला! आपकी मम्मी ने नहीं सुनाई। कोई प्रॉब्लम नहीं। सीमा आंटी सुना रही हैं, वो भी कविता के रूप में।
एक बार क्या हुआ कि जंगल में एक बंदर ने दुकान खोली। क्या सोच रहे हैं? यही ना कि बंदर ने क्या-क्या बेचा होगा, कैसे-कैसे ग्राहक आये होंगे! हम भी यही सोच रहे हैं।
पहेलियों के साथ दिमागी कसरत करने का मन है? अरे वाह! आप तो बहुत बहुत बहादुर बच्चे निकले। ठीक है फिर बूझिए हमारी पहेलियाँ।
बच्चो,
मातृ दिवस (मदर्स डे) के अवसर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक पिटारा, जिसमें माँ से जुड़ी कहानियाँ हैं, कविताएँ हैं, पेंटिंग हैं, और बहुत कुछ-
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5 पाठकों का कहना है :
जाकिर को बहुत बहुत बधाई
JAKIR ji bahut-bahut badhaai .....seema sachdev
ज़किर जी,
इसी तरह हिन्द-युग्म का सर ऊँचा करते रहें। आपको ढेरों बधाइयाँ
जाकिर जी को बधाई
बहुत बहुत बधाई ज़किर जी...
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