नम भूमि दिवस
नमस्कार बच्चो,
हर वर्ष २ फरवरी का दिन विश्व भर मे नम भूमि दिवस के रूप मे मनाया जाता है यह दिन पानी की महत्ता को दर्शाने और लोगो को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है हम अकसर देखते है कि कही अधिक वर्षा के कारण बाढ तो कही पानी की कमी के कारण सूखे जैसी आपदाओ का सामना करना पडता है, फलस्वरूप अनगिनत जीवो का जीवन नष्ट हो जाता है या फिर खतरे मे पड जाता है हमारा यह जीवन पानी पर निर्भर है लेकिन जब यह बाढ के रूप ले लेता है तो तबाही का कारण बनता है और जब इसकी कमी हो तो भी न जाने कितनी जिन्दगिओ को लील लेता है और उसका परिणाम हमे खूब जान-माल की हानि उठा कर भुगतना पडता है लेकिन अगर हम सब थोडी सी समझदारी अपनाएं और अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझे तो हम बाढ और सूखे जैसी कुदरती आपदाओ से तो बच ही सकते है, साथ ही साथ हम उन जीवो की भी सुरक्षा कर सकते है जो पानी पर निर्भर है और अपने दूषित होते पर्यवरण को भी बचा सकते हैं।
पानी अनमोल है, इसको हम बडे तालाबो और झीलो आदि मे इक्कठा कर सकते है यह तालाब और झीले वर्षा आदि का पानी अपने मे समा लेने मे सक्षम होते है जिससे बाढ जैसी आपदा से बचा जा सकता है तो दूसरी ओर जहां पानी की कमी पाई जाती है वहां पर भी इन बडे-बडे तालाबों मे पानी इक्कठा करके रखा जा सकता है और फिर उसका प्रयोग आसानी से किया जा सकता है इस तरह से सूखे जैसी समस्या से भी निपटा जा सकता है इतना ही नही इस पानी मे उन जीवो को भी जीवन मिलता है जो पानी मे पलते है और जंगलो मे जहां पर दूर-दूर तक पानी नही मिलता वहां पर ऐसे तालाब जंगली जीवो की प्यास बुझाने हेतु वरदान साबित होते है इतने के साथ हम भी तो किसी झील के किनरे अगर शान्त वातावरण मे जाकर बैठे तो एक अदभुत सी शीतलता का अनुभव करेन्गे बस जरूरत है और हमारी नैतिक जिम्मेदारी है इनकी संभाल और सुरक्षा , हम अपने थोडे से योगदान से कई जिन्दगियां बचा सकते हैं, अपनी धरा को सुन्दर और वातावरण को स्वच्छ बना सकते हैं।
आओ मेरे साथ हम भी अनमोल पानी को बचाने मे अपना सहयोग दे , हमारा योगदान किसी को जिन्दगी दे सकता है , बस हमे संकल्प लेना है-पानी बचाने का हम छोटी-छोटी बातो का ध्यान रख कर भी पानी बचा सकते है , जैसे-
१, स्नान करते समय उतना ही पानी ले , जितना आवश्यक हो
२. ब्रश करते समय पानी किसी बर्तन मे ले , न कि नल खुला छोडे
३.अपने बगीचे मे पानी शाम के समय ही दे
४.किसी तालाब या जमा हुए पानी को गन्दा न करे
५. अपने घर के बागीचे मे जीवो मे एक छोटा तालाब बनाएं ,जिसमे जीव पानी पी सके
तो आप आईए मेरे साथ हम भी मिलकर संकल्प ले पानी को बचाने का
(क)
पानी तो अमृत का घोल
हर बूँद इसकी अनमोल
(ख)
कभी न गन्दा करना पानी
यह तो देता है जिन्दगानी
(ग)
पानी की जो करें संभाल
तो जीवन होगा खुशहाल
(घ)
अपनी जिम्मेदारी निभाएं
पानी से जीवो को बचाएं
इसके लिए मेरी अन्य रचनाएं पढे:-
पानी है अनमोल
पर्यावरण का रखो ध्यान
पर्यावरण बचाओ अभियान
जीव बचाओ अभियान
आप सब मुझे अवश्य बताना कि हम पानी की संभाल और सुरक्षा मे अपना योगदान कैसे दे सकते है?
हर वर्ष २ फरवरी का दिन विश्व भर मे नम भूमि दिवस के रूप मे मनाया जाता है यह दिन पानी की महत्ता को दर्शाने और लोगो को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है हम अकसर देखते है कि कही अधिक वर्षा के कारण बाढ तो कही पानी की कमी के कारण सूखे जैसी आपदाओ का सामना करना पडता है, फलस्वरूप अनगिनत जीवो का जीवन नष्ट हो जाता है या फिर खतरे मे पड जाता है हमारा यह जीवन पानी पर निर्भर है लेकिन जब यह बाढ के रूप ले लेता है तो तबाही का कारण बनता है और जब इसकी कमी हो तो भी न जाने कितनी जिन्दगिओ को लील लेता है और उसका परिणाम हमे खूब जान-माल की हानि उठा कर भुगतना पडता है लेकिन अगर हम सब थोडी सी समझदारी अपनाएं और अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझे तो हम बाढ और सूखे जैसी कुदरती आपदाओ से तो बच ही सकते है, साथ ही साथ हम उन जीवो की भी सुरक्षा कर सकते है जो पानी पर निर्भर है और अपने दूषित होते पर्यवरण को भी बचा सकते हैं।
पानी अनमोल है, इसको हम बडे तालाबो और झीलो आदि मे इक्कठा कर सकते है यह तालाब और झीले वर्षा आदि का पानी अपने मे समा लेने मे सक्षम होते है जिससे बाढ जैसी आपदा से बचा जा सकता है तो दूसरी ओर जहां पानी की कमी पाई जाती है वहां पर भी इन बडे-बडे तालाबों मे पानी इक्कठा करके रखा जा सकता है और फिर उसका प्रयोग आसानी से किया जा सकता है इस तरह से सूखे जैसी समस्या से भी निपटा जा सकता है इतना ही नही इस पानी मे उन जीवो को भी जीवन मिलता है जो पानी मे पलते है और जंगलो मे जहां पर दूर-दूर तक पानी नही मिलता वहां पर ऐसे तालाब जंगली जीवो की प्यास बुझाने हेतु वरदान साबित होते है इतने के साथ हम भी तो किसी झील के किनरे अगर शान्त वातावरण मे जाकर बैठे तो एक अदभुत सी शीतलता का अनुभव करेन्गे बस जरूरत है और हमारी नैतिक जिम्मेदारी है इनकी संभाल और सुरक्षा , हम अपने थोडे से योगदान से कई जिन्दगियां बचा सकते हैं, अपनी धरा को सुन्दर और वातावरण को स्वच्छ बना सकते हैं।
आओ मेरे साथ हम भी अनमोल पानी को बचाने मे अपना सहयोग दे , हमारा योगदान किसी को जिन्दगी दे सकता है , बस हमे संकल्प लेना है-पानी बचाने का हम छोटी-छोटी बातो का ध्यान रख कर भी पानी बचा सकते है , जैसे-
१, स्नान करते समय उतना ही पानी ले , जितना आवश्यक हो
२. ब्रश करते समय पानी किसी बर्तन मे ले , न कि नल खुला छोडे
३.अपने बगीचे मे पानी शाम के समय ही दे
४.किसी तालाब या जमा हुए पानी को गन्दा न करे
५. अपने घर के बागीचे मे जीवो मे एक छोटा तालाब बनाएं ,जिसमे जीव पानी पी सके
तो आप आईए मेरे साथ हम भी मिलकर संकल्प ले पानी को बचाने का
(क)
पानी तो अमृत का घोल
हर बूँद इसकी अनमोल
(ख)
कभी न गन्दा करना पानी
यह तो देता है जिन्दगानी
(ग)
पानी की जो करें संभाल
तो जीवन होगा खुशहाल
(घ)
अपनी जिम्मेदारी निभाएं
पानी से जीवो को बचाएं
इसके लिए मेरी अन्य रचनाएं पढे:-
पानी है अनमोल
पर्यावरण का रखो ध्यान
पर्यावरण बचाओ अभियान
जीव बचाओ अभियान
आप सब मुझे अवश्य बताना कि हम पानी की संभाल और सुरक्षा मे अपना योगदान कैसे दे सकते है?
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5 पाठकों का कहना है :
सीमा जी,
बहुत ही अच्छा संदेश दिया है आपने बच्चों को कि पानी को किफायत से खर्च करें. सभी के ही लिए यह सन्देश लागू होता है, चाहें वह छोटे हों, बड़े हों, या बूढे हों. धन्यबाद.
मैंने भी यहाँ कुछ लिखा है इस पर:
'पानी एक ऐसा अनमोल रतन
यह सबका है जीवन-धन
जो प्यासों की प्यास बुझाये
और सूखे पौधों को हर्षाये.
छोटा हो या बड़ा हो कोई
हो कोई रंक या फिर राजा
सभी ही इसकी कीमत समझें
पीकर सब हो जाते ताजा.
जीवन - मरण इसी में होता
इस पर निर्भर सारा संसार
आओ इस की कदर करें
और समझें इसका सार.'
जाति-पांति और धरम भूलकर
हम इसके हर दिन गुन गाते
गंगा के पवित्र जल में डुबकी ले
कितने ही मोक्ष के लिए नहाते'.
शन्नो
ईश्वर सबको इन बातों को मान लेने की क्षमता प्रदान करे!
बच्चों के बहाने हमें भी अच्छा संदेश दिया.....
रहिमन पानी राखिए ........सीमा जी बहुत, बहुत ,अच्छा प्रयास है इस तरह के आलेख अमूल्य हैं ,
बाल उद्यान के लिए
टोटी खोल करो मनमानी
मुहुँ धोना या शेव बनानी
लुप्त हुआ जो धरा से पानी
याद आयेगी तब सब नानी
बात नही जो सबने मानी
नहीं रहेगा जरा भी पानी
फर्ज है भैया बात बतानी
आगे क्या बोलूँ मैं जानी...
बहुत कहा है सीमा जी ने
पढकर अपने उतारो सीने
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