Saturday, February 21, 2009

कैसे बने सुंदर मन

सुमन (सु +मन ) बनाने के लिए अपनायिये-
विनम्रता ,अल्प संभाषण (कम बातचीत ),बड़ों का सम्मान व् उनकी आज्ञा का पालन करना ,व्यर्थ की बहस न करना ,जरा -जरा सी बात पर नाराज न होना ,अपने व् दूसरों के समय की कीमत समझना ,दूसरों की भावना की क़द्र करना ,अंहकार व् इर्ष्या से बचना ,कार्य को प्रसन्नता व् कर्तव्य समझ कर प्रभु को अर्पित करते हुए करना ,तनाव से मुक्त रहना ,सबके प्रति अपनेपन का भाव जताना ,स्वार्थ व् झूठ का सहारा न लेना न्याय का पक्ष लेना प्रेम ,सहयोग ,त्याग ,उदारता ,शांत मन ,योग व् क्षमा धारण करना आपका मन सुमन ( फूल ) की तरह खिल उठेगा जिसकी सुगंध ,औरों को भी खुशी , तथा प्रेरणा देगी "सुमन "

सौजन्य- भारतीय योग संस्थान


आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

5 पाठकों का कहना है :

manu का कहना है कि -

जी,
मैडम जी,
बहुत ही अच्छा विषय,,,,बच्चों और बड़ों के लिए,,

हें प्रभु यह तेरापंथ का कहना है कि -

आपने बडे ही पत्ते कि बात कि है बधाई

शोभा का कहना है कि -

नीलम जी,
बहुत अच्छा लिखा है।

अनुनाद सिंह का कहना है कि -

बहुत अच्छे सुझाव और संक्षेप में दिये हैं। अनुभूत सुझाव !

Pooja Anil का कहना है कि -

नीलम जी,

बहुत ही शुद्ध और सात्विक विचार हैं, बच्चे ही नहीं, बड़ों के लिए भी अपनाने योग्य विचार लेकर आई हैं आप.

बहुत बहुत आभार.
पूजा अनिल

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)